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Leopard Caught : 10 दिन बाद पिपलांत्री में पकड़े गए 2 खुंखार पैंथर, 6 दिन पहले किया था महिला का शिकार

Panther Capured https://jaivardhannews.com/leopard-caught-in-rajsamand-today-news/

Leopard Caught : राजसमंद जिले में पिपलांत्री, पुठोल, मुंडोल, बोरज पंचायत क्षेत्र में तीन लोगों का शिकार करने के बाद लोगों के आक्रोश के चलते वन विभाग द्वारा दस दिन से पैंथर को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे थे। इसके चलते शनिवार रात व रविवार तड़के दो पैंथर पिंजरे में कैद हो गए, जिससे न सिर्फ वन विभाग की टीमों ने राहत की सांस ली, बल्कि ग्रामवासियों ने भी संतोष व्यक्त किया है।

Rajsamand news today : उपवन संरक्षक सुदर्शन शर्मा ने बताया कि रात पुठोल पंचायत के भुडान में एक मादा पैंथर को पकड़ा गया, जबकि पिपलांत्री व बोरज पंचायत की सरहद पर स्थित अंडेला में नर पैंथर भी पिंजरे में आ गया। दोनों पैंथर को राजसमंद लाया गया, जहां पशु चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य जांच की जा रही है। राजसमंद के अलावा उदयपुर व जोधपुर वन विभाग की 10 टीमें लगातार पैंथर को ड्रोन के जरिए सर्च कर रही थी और पैंथर को पकड़ने के लिए 5 जगह पर पिंजरे लगाए गए। इस तरह वन विभाग द्वारा दोनों पैंथर को पकड़ने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले पिपलांत्री, बोरज, पुठोल, मुंडोल पंचायत क्षेत्र में पैंथर हमले कर दो दर्जन से ज्यादा लोगों को घायल कर चुका है।

Leopard Rescue in rajsamand : ग्रामीणों के साथ जुटी दस टीमें

Leopard Rescue in rajsamand : पिपलांत्री, बोरज, मुंडोल व पुठोल पंचायत क्षेत्र में पैंथर के विचरण को लेकर वन विभाग द्वारा ड्रोन कैमरे से निगरानी शुरू की गई। इसके तहत दिन व रात टीमों को लगाया गया और क्षेत्रीय ग्रामवासियों की भी मदद ली गई। पांच जगह पिंजरे लगाए गए, मगर पैंथर पिंजरे में नहीं आया। इस पर वन विभाग द्वारा रोजाना पिंजरे की लोकेशन भी बार बार बदली गई, जिससे पैंथर पिंजरे में कैद हो गया।

Panther Captured : वन-विभाग के जालों व पिंजरों को पहचानता है पैंथर

Panther Captured : जोधपुर वन विभाग के ट्रैंकुलाइज करने वाले बंशीलाल के अनुसार, लेपर्ड को पकड़ने के लिए पिछले पांच दिनों से अलग-अलग स्थानों पर पिंजरे लगाए गए थे और टीम लगातार जंगल में उसकी खोज में जुटी थी। लेपर्ड की हिंसक प्रवृत्ति और लोगों पर हमला करने की घटनाओं ने बचाव कार्य को और चुनौतीपूर्ण बना दिया था। इसके अतिरिक्त, लेपर्ड की वन विभाग के पिंजरों और जालों को पहचानने की क्षमता ने उसे पकड़ने में एक बड़ी बाधा उत्पन्न कर दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नर लेपर्ड लगभग 8 साल का है।

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