ट्रेक्टर चालक के साथ मजदूरी करने जाने पर पत्नी की हत्या करने के आरोपी उसी के पति को जिला एवं सेशन न्यायाधीश गिरीश कुमार शर्मा ने उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। मामला 14 साल पुराना है और आरोपी दस साल तक फरार होने से मामला लंबित रहा।
लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा ने बताया कि वर्ष 2007 में 17 जुलाई को गांगागुड़ा आमेट निवासी अणछी रावत ने आमेट थाने में रिपोर्ट दी थी। बताया था कि उसकी पुत्री सायरी उर्फ सादू (19) का बाबूसिंह पुत्र रूपसिंह के साथ विवाह हुआ। शादी के बाद दो वर्ष तक ठीक रहा। आरोपी पहले मुंबई में मजूदरी करता था और बाद में सुरत में दोनों साथ में मजदूरी करते थे। फिर दोनों ही पति पत्नी 15 जुलाई को सूरत से आमेट के गांगागुड़ा लौट आए। अगले ही दिन सुबह पत्नी सायरी ट्रेक्टर चालक के साथ मजदूरी पर चली गई और पति आमेट शहर गया, जहां से वापस लौट आया। पत्नी के ट्रेक्टर भराई की मजदूरी पर जाने पर पति नाराज हो गया। फिर भी दोनों ही शाम 9 बजे के करीब सो गए।
सायरी मां के पास सोई…, चाकू से हमला
सायरी घर के आंगन में मां अणछी के पास सो रही थी। रात करीब 12 बजे सायरी के चिल्लाने की आवाज आई, तो अणछी जाग उठी और देखा कि बाबूसिंह चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर रहा था। अणछी की चीख पर आरोपी भाग गया। फिर सायरी को गंभीर हालत में आमेट अस्पताल ले गए, जहां दम तोड़ दिया। फिर अणछी की रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी।
19 गवाह और 19 दस्तावेजी साक्ष्य
मामला न्यायालय में जाने के बाद आरोपी बाबूसिंह के खिलाफ लोक अभियोजक जयदेव कच्छावा की ओर से 16 गवाह पेश किए गए। साथ ही 19 दस्तावेजी साक्ष्य भी अदालत के समक्ष रखे गए। न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सायरी की हत्या के आरोप में बाबूसिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा एवं 300 रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।