ऐतिहासिक दुर्ग कुंभलगढ़ पर स्वर्णिम आभा लाइटें बंद हाेने से अभी दमक नहीं रही है। पुरातत्व विभाग की ओर से भी कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। जब दुर्ग की लाइट शुरू नही होने का कारण जाना ताे पता चला कि मार्च से आठ महीनाें का बिल पुरातत्व विभाग ने जमा नहीं कराया है।
इससे हर समय पैनल्टी भी जुड़ रही है। सवाल यह है कि सीजन के वक्त यहां पर्यटकों की भरमार रहती है। इससे विभाग को अच्छी खासी आमदनी होती है। लेकिन विभाग पर्यटकों की तरफ ध्यान नही देते हुए लाइटिंग शुरू करने में असक्षम है। बिजली निगम के अधिकारियाें ने बताया कि मार्च माह से अब तक का 3 लाख 76 हजार रुपए पुरातत्व विभाग की तरफ से बिल बकाया चल रहा है। इसी कारण राेज शाम काे लगने वाली लाइटें बंद पड़ी हैं।
10 दिन की दुर्ग की कमाई से भरा जा सकता है बिल, लेकिन काेई नहीं ले रहा सुध
दुर्ग भ्रमण के लिए प्रति व्यक्ति टिकट 40 रुपए और ऑनलाइन टिकट चार्ज 35 रुपए है। ऐसे में कुंभलगढ़ दुर्ग पर आम दिनों में पांच सो ज्यादा पर्यटक आते हैं। सीजन की बात करें तो यह आंकड़ा कभी कभार पंद्रह सौ से भी उपर चला जाता है। ऐसे में अगर बिल भुगतान का मामला देखा जाए तो विभाग की 10 दिन टिकट की आय से भी पूरा हाे सकता है।
वहीं इन दिनों में तीन बार अमृत महोत्सव और 100 करोड़ सफल वैक्सीनेशन को लेकर यह लाइटिंग शूट के लिए सेटअप कर जलाई गई थी। इसके लिए अन्य शहर से हैलोजन लाइट के सेटअप को दो बार ट्रांसपोर्ट के जरिए मंगवाया गया। इनमें 200 से ज्यादा लाइटें पूरे दुर्ग परिधि में लगवाई थी। इसका खर्चा भी मोटे तौर पर विभाग ने उठाया। लेकिन इनके पास रोज जलने वाली लाइट का बिजली बिल भरने तक का बजट नहीं है।
कुंभलगढ़ दुर्ग पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 10 साल से लाइट एंड साउंड सिस्टम चल रहा था, जाे पिछले 7 महीनाें से बंद है। ऐसे में आरटीडीसी ने पांच करोड़ का बजट भी जारी किया है। लेकिन आर्कियाेलाॅजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को डीपीआर जमा नहीं करवाने से काम रूकवा दिया था। बुधवार को एएसआई ने आरटीडीसी को पत्र लिखकर डीपीआर पेश करने को कहा है।
19 अक्टूबर को दो साल पहले आरटीडीसी ने दुर्ग पर लाइट एंड साउंड शो सिस्टम को बदलने पांच करोड़ का बजट जारी किया, कोरोना में काम नहीं हुआ, अब शुरू हुआ तो आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने रुकवाया नामक शीर्षक से समाचार को प्रमुखता से प्रकशित किया था। इस पर जोधपुर एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डाॅ. बीरीसिंह ने आरटीडीसी को स्मरण पत्र लिखा है।
पत्र में बताया कि पिछले दिनों केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कुंभलगढ़ दुर्ग का दौरा किया था। किले पर लाइट एंड साउंड शो काे जल्द विभाग द्वारा संचालित कराया जा रहा है जो कि पिछले वर्ष से लाइट फिटिंग एवं उपकरणों के क्रमोन्नत एवं मरम्मत के कारण बंद है।
इस काम के लिए महानिदेशक कार्यालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण नई दिल्ली के प्रत्रांक 26/19/2018 एम दिनांक 4 सितंबर 2018 के द्वारा कुंभलगढ़ दुर्ग पर लाइट एंड साउंड शो के प्रस्ताव के संबंध में सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दी जा चुकी है। साथ ही उक्त पत्रांक बिंदु संख्या 6 में कंट्रोल रूम की लोकेशन लाइट, केबल रूट, प्रदर्शित करते हुए ड्रांइग, स्क्रिप्ट, प्रस्ताव/रिपोर्ट (डीपीआर) महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण
विभाग लिखित में नहीं देता, नही काट सकते कनेक्शन : सहायक अभियंता
कुंभलगढ़ दुर्ग पर जलने वाली लाइट का बिल मार्च महीने के बाद से बाकी चल रहा है। क्योंकि मामला सरकारी विभाग का है तो जब तक संबंधित विभाग लिखित में नही देता कनेक्शन नही काट सकते हैं। चेतन शर्मा, सहायक अभियंता, बिजली निगम