lioness cub : जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में एक अनोखी कहानी सामने आई है। यहां शेरनी तारा के 2 महीने के शावक को बेहद खास तरीके से पाला जा रहा है। शावक के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए उसे रोजाना 90 हजार रुपये का एक विशेष प्रकार का दूध दिया जा रहा है। इस दूध को शावक के लिए अमेरिका से मंगवाया जाता है। यह दूध शावक को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
Rajasthan News today : जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शेरनी तारा के शावक की सेहत का खास ख्याल रखा जा रहा है। शावक की डाइट में डेढ़ किलो दूध और चिकन सूप शामिल किया गया है। यह दूध अमेरिका से मंगवाया जाता है और इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो शावक के विकास के लिए जरूरी हैं। दरअसल, शावक के जन्म के बाद शेरनी तारा ने उसे दूध पिलाना बंद कर दिया था। ऐसे में पार्क प्रशासन ने शावक की जान बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सीनियर डॉक्टर अरविंद माथुर शावक की देखभाल कर रहे हैं। डॉक्टर माथुर और उनकी टीम ने शावक को स्वस्थ रखने के लिए एक विशेष आहार और देखभाल का कार्यक्रम तैयार किया है।
Care of cubs : शेरनी तारा नहीं कर रही शावक की देखभाल
Care of cubs : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के सीनियर डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि 14 अक्टूबर को शेरनी तारा ने एक नर शावक को जन्म दिया था। जन्म के समय शावक का वजन महज 900 ग्राम था। दुर्भाग्यवश, शेरनी तारा ने शावक की देखभाल व उसे दूध पिलाना भी बंद कर दिया। इस कारण शावक की जान खतरे में पड़ गई। शावक को बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और शावक को नियोनेटल केयर यूनिट में रखा गया। बायोलॉजिकल पार्क का स्टाफ दिन-रात शावक की देखभाल कर रहा है। उसे विशेष रूप से तैयार किया गया दूध दिया जा रहा है, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हैं। डॉक्टर माथुर और उनकी टीम शावक की सेहत पर लगातार नजर रखे हुए हैं और उसे स्वस्थ रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
Petlaik Milk Powder drinking Cubs : शावक के लिए विशेष दूध की व्यवस्था
Petlaik Milk Powder drinking Cubs : डॉ. माथुर ने बताया कि शावक को स्वस्थ रखने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया दूध पाउडर अमेरिका से मंगवाया जा रहा है। इस दूध में शेरनी के दूध के सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हैं जो शावक के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह विशेष दूध पाउडर ‘पेटलैक मिल्क पाउडर’ के नाम से जाना जाता है। यह पाउडर अमेरिका से सीधे दिल्ली भेजा जाता है और वहां से एक स्थानीय विक्रेता के माध्यम से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचता है।
Lioness cub drinking expensive milk : शावक का खास डाइट प्लान
Lioness cub drinking expensive milk : डॉ. माथुर ने बताया कि शावक के लिए एक विशेष आहार योजना तैयार की गई है। इस योजना के अनुसार, शावक को हर 3 से 4 घंटे में एक बार विशेष दूध पाउडर से बना दूध पिलाया जाता है। यह दूध अमेरिका से मंगवाया जाता है और इसमें शेरनी के दूध के सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके अलावा, शावक को सुबह और शाम को चिकन सूप भी दिया जाता है। पूरे दिन में शावक लगभग डेढ़ किलो दूध पी जाता है। जब शावक का जन्म हुआ था तब उसे शुरुआत में केवल 300 से 400 मिलीलीटर दूध दिया जाता था, लेकिन अब जैसे-जैसे वह बड़ा हो रहा है, उसकी आहार मात्रा भी धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है।
Animal News : शावक की कमजोरी और विशेष देखभाल
Animal News : डॉ. माथुर ने बताया कि शावक जन्म से ही काफी कमजोर था। ऐसे में उसके लिए मां का दूध बेहद जरूरी था। लेकिन, दुर्भाग्यवश, शेरनी तारा ने शावक को दूध पिलाना बंद कर दिया। इस स्थिति में शावक की जान खतरे में पड़ गई। वन विभाग ने शावक की जान बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की और उसे विशेष दूध पाउडर पिलाने का फैसला किया। इस विशेष देखभाल के कारण ही शावक अब सुरक्षित है। उन्होंने आगे बताया कि शावक का जन्म के समय वजन केवल 990 ग्राम था, जबकि आमतौर पर शेरनी के शावक का वजन 1 किलो से अधिक होता है। शावक के कम वजन होने के कारण उसकी स्थिति और भी गंभीर थी।
शावक पूरी तरह स्वस्थ व तंदुरूस्त
डॉ. माथुर ने बताया कि शावक के जन्म से ही उसे विशेष आहार दिया जा रहा है और वन विभाग उसकी 24 घंटे निगरानी कर रहा है। इसी वजह से आज वह पूरी तरह स्वस्थ और तंदुरुस्त है। उन्होंने यह भी बताया कि इस विशेष दूध पाउडर को वन विभाग पहले से ही अपने स्टॉक में रखता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि अगर किसी भी परिस्थिति में कोई शावक अपनी मां से अलग हो जाता है, तो उसे तुरंत इसी दूध से पाला जा सके। इस तरह, वन विभाग हमेशा किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहता है और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करता है।
शावकों के लिए महंगा लेकिन जरूरी दूध
वरिष्ठ पशु चिकित्सक अरविंद माथुर के अनुसार, शावकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया यह दूध पाउडर उनकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। यह न केवल उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि उनके विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, इस दूध पाउडर की कीमत काफी अधिक है। मात्र 200 ग्राम पाउडर की कीमत लगभग 12,000 रुपये है। यह विशेष दूध पाउडर सिर्फ शेरनी के शावकों के लिए ही नहीं बल्कि बाघिन और तेंदुए के शावकों के लिए भी उपयोग किया जाता है। वन विभाग इस दूध पाउडर की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया का आयोजन करता है ताकि शावकों को बेहतर गुणवत्ता वाला दूध मिल सके।’