राजस्थान में शराब की दुकानों पर ग्राहकों को POS मशीन से बिल देना होगा। दुकान में रखा स्टॉक और बिक्री की रिपोर्ट सरकार को ऑनलाइन भेजनी होगी। आबकारी विभाग राजस्थान ने एक आदेश जारी करते हुए सभी ठेकेदारों को यह व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था को शुरू करने का मुख्य कारण नकली और हरियाणा निर्मित शराब की अवैध बिक्री को रोकना है।
ये बिलिंग POS मशीन के जरिए करनी होगी। इस POS मशीन में एक सॉफ्टवेयर इनबिल्ट होगा, जिसमें दुकान में मौजूद स्टॉक की पूरी जानकारी भी होगी। इस POS मशीन में सभी तरह की शराब और बीयर की MRP समेत अन्य जानकारी भी होगी। शराब ठेकेदारों को ग्राहकों को बिल देने के अलावा अपने यहां हर रोज होने वाली बिक्री और शेष बचे स्टॉक की जानकारी आबकारी विभाग के पोर्टल IEMS पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद हर शाम पोर्टल पर इसे अपलोड करना होगा। ये डिटेल शराब ठेकेदार की ओर से POS मशीन के जरिए भी भेजी जा सकेगी।
जिस बोतल की भी बिक्री की जाएगी उसका बिल बार कोड को रीड करके जनरेट किया जाएगा। इसके लिए राजस्थान स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RSBCL) और राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल (RSGSM) से आने वाली हर बोतल पर बार कोड लगा होगा। इस बार कोड को स्कैन करने के लिए दुकानों पर स्कैनर भी रखने होंगे, ताकि बार कोड को स्कैन करने के बाद बिल जनरेट हो सके।
अगस्त से हर ठेकेदार के लिए जरूरी
आबकारी अधिकारियों के मुताबिक, POS से बिलिंग और डेली रिपोर्ट की व्यवस्था अगस्त से हर ठेकेदार को शुरू करनी होगी। इसका मुख्य कारण शराब की अवैध बिक्री को रोकना है। अक्सर कई ठेकेदार ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए हरियाणा में बनी हुई शराब लाकर बेचते हैं। ऐसे में इस व्यवस्था के शुरू होने से इस पर भी लगाम लगेगी।