Rajsamand Crime https://jaivardhannews.com/lockdown-effect-to-rajsamand-crime-growth/

कोरोना संक्रमण बढऩे पर लेकर लॉकडाउन का साइड इफैक्ट अपराधिक वारदातों के रूप में देखने को मिल रहा है। राजसमंद जिले में पिछले 43 दिनों की स्थिति देखी जाए, तो 80 चोरी और 10 लूट की वारदातें घटित हुई है, जबकि छिटपुट 100 से अधिक चोरियां हो चुकी है, जो पुलिस रिकॉर्ड में ही नहीं है।

अपराध जानकारों का कहना है कि वांछित बदमाश पुलिस के भय से जिले से बाहर अन्य राज्यों में काम करने चले गए थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोरोना के भय से सभी बदमाश वापस आए और व्यापार बंद होने से काम नहीं मिलने से आर्थिक तंगी के चलते छोटी छोटी चोरियां, लूट और नकबजनी जैसे अपराध वापस करने लग गए।

गत वर्ष के मुकाबले इस बार ज्यादा चोरियां

पुलिस के आंकड़ों में 2020 में एक जनवरी से लेकर 31 मई तक चोरी, लूट और नकबजनी के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले वर्ष 98 चोरियों हुई थी। इस साल 181 चोरियां दर्ज हैं। जब की 17 लूट की वारदात हुई। अप्रैल व मई माह में 59 नकबजनी और 68 चोरियों के साथ 10 लूट की घटना हुई। वहीं 76 वाहन चोरी हुए। पुलिस ने विशेष गाइड लाइन जारी कर विशेष कर महिलाओं को ज्वैलरी नहीं पहनने और सुनी सडक़ों पर नहीं जाने की हिदायत भी दी।

मास्क का फायदा उठा रहे बदमाश

इन दिनों मास्क लगाना अनिवार्य है, वहीं बदमाश अब मास्क पहनकर लूट व चोरियां करने लगे, ताकि पहचान नहीं हो। हालांकि पुलिस प्रभावी गश्त के साथ जगह जगह नाकाबंदी कर पूछताछ कर रही है। फिर भी चोरियों पर अंकुश नहीं लग रहा है।

चोरी-लूट के 60 फीसदी मामलों का खुलासा

जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने एक अखबार को दी जानकारी के अनुसार इस बार लॉकडाउन अवधि में अपराध बढ़े हैं। पुलिस ने लूट, चोरी व नकबजनी जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम भी उठाए हैं। आरोपियों को पकडक़र जेल भेजा। करीब बड़ी चोरियों और लूट में 60 प्रतिशत अपराधों का खुलासा किया जा चुका है। जल्द ही सब चोरियों और लूट के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त निर्देशों की प्राथमिकता से पालना करते हुए अपराधों में रोकथाम की जाएगी।