Lok Sabha Election : उदयपुर लोकसभा सीट से राजसमंद लोकसभा वर्ष 2009 से अलग हुई। इस तरह उदयपुर- राजसमंद लोकसभा का इतिहास देखा जाए तो वर्ष 1952 से अब तक कांग्रेस ने दो महिला नेता को सांसद का टिकट दिया, जबकि भाजपा ने तीन महिलाओं को मौका दिया। कांग्रेस की दोनाें महिलाएं सांसद के बाद केंद्र में मंत्री भी बनी, जबकि भाजपा 3 महिलाओं को मौका दिया, जिसमें दो महिलाएं सांसद रह चुकी है और तीसरा महिला वर्तमान में चुनावी मैदान में है। कांग्रेस के पास इंदुबाला सुखाड़िया व गिरिजा व्यास के बाद महिला के तौर पर कोई बड़ा चेहरा नहीं बना, जबकि भाजपा में किरण माहेश्वरी, दीया कुमारी के बाद मेवाड़ से महिमा कुमारी अब बड़े महिमा चेहरे के रूप में सामने लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि ऐसा भी नहीं कि दोनों ही राजनीतिक दलों में महिमा नेता नहीं है, जो अनुभव के साथ चुनाव लड़ने की काबिलयित भी रखते हैं, तो राजनीतिक अनुभव और जमीनी कार्यकर्ताओं से पकड़ भी है। अब दोनों दलों में Giriraj Vyas, Kiran Maheshwari, Indubala, Diya Kumari or Mahima Kumari आदि लोकसभा चुनावी मैदाने उतरे हैं।
Lok Sabha Election : उदयपुर लोकसभा से अलग होकर 2009 में राजसमंद लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। राजसमंद लोकसभा सीट पर चौथा चुनाव होने जा रहा है। अब तक के चुनाव में जब राजसमंद उदयपुर लोकसभा में शामिल था, तब कांग्रेस ने पहली बार 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया की पत्नी इंदुबाला सुखाड़िया को टिकट दिया था। इंदुबाला उस समय में एक सशक्त महिला के तौर उभरकर आई थी। इसके बाद कांग्रेस ने दूसरी बार 1991 में गिरिजा व्यास को महिला उम्मीदवार बनाया था। गिरिजा व्यास 1991, 1996, 1999 में तीन बार उदयपुर से सांसद रही। जबकि भाजपा ने पहली बार 2004 में किरण माहेश्वरी को उदयपुर लोकसभा का टिकट दिया और वे चुनाव जीत गई। लेकिन 2009 में राजसमंद लोकसभा सीट नई बनने के बाद कांग्रेस में महिला उम्मीदवार की दावेदारी कमजोर हो गई। राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा ने 2019 में पहली बार जयपुर राजपरिवार की दीया कुमारी को टिकट दिया। इस बार फिर से भाजपा ने महिला प्रत्याशी महिमा कुमारी को टिकट दिया। कांग्रेस के पास इंदुबाला व गिरिजा व्यास के बाद कोई बड़ा चेहरा नहीं है। जबकि भाजपा में किरण माहेश्वरी के निधन के बाद महिला फेहरिस्त काफी लम्बी है। विगत लोकसभा के चुनाव में देखा जाए तो भाजपा ने उदयपुर व राजसमंद लोकसभा दोनों के मिलाकर अब तक भाजपा ने तीसरी बार महिला प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने दो बार ही महिला प्रत्याशी उतारा है। जबकि राजसमंद लोकसभा सीट बनने के बाद तो कांग्रेस ने एक भी महिला प्रत्याशी नहीं बनाया है। कांग्रेस के पास गिरिजा व्यास जैसा बड़ा चेहरा था। जाे पहले सांसद रहते हुए उदयपुर व राजसमंद जिले में सक्रिय थी। उनका राजसमंद भी आना-जाना लगा रहता था। इससे राजसमंद में भी पूरी पकड़ थी। 2009 के परिसीमन में राजसमंद लोकसभा नई सीट बनने के बाद मारवाड़ की चार विधानसभा जुड़ गई। वहीं 2009 में गिरिजा व्यास को चित्तौड़गढ़ से टिकट मिल गया। राजसमंद सीट मेवाड़ व मारवाड़ के बीच रह गई। इस दौरान भाजपा की किरण माहेश्वरी ने 2004 के लोकसभा चुनाव में उदयपुर के साथ-साथ राजसमंद में अपनी पकड़ को मजबूत बना लिया। 2008 के विधानसभा चुनाव में राजसमंद सीट से टिकट मिल गया।
उदयपुर से अलग होकर राजसमंद सीट से बने सांसद
- 2009 गोपाल सिंह ईंडवा, कांग्रेस
- 2014 हरिओम सिंह राठौड़, भाजपा
- 2019 दीया कुमारी, भाजपा
उदयपुर व राजसमंद के अब तक सांसद
वर्ष | सांसद | पार्टी |
1952 | बलवंत सिंह | कांग्रेस |
1957 | धुलेश्वर मीणा | कांग्रेस |
1967 | धुलेश्वर मीणा | कांग्रेस |
1971 | लालजी भाई | जनसंघ |
1977 | भानु कुमार | जनता पार्टी |
1980 | मोहनलाल | कांग्रेस |
1982 | दीनबंधु वर्मा | कांग्रेस |
1984 | इंदुबाला सुखाड़िया | कांग्रेस |
1989 | गुलाबचंद | भाजपा |
1991 | गिरिजा व्यास | कांग्रेस |
1996 | गिरिजा व्यास | कांग्रेस |
1998 | शांतिलाल | भाजपा |
1999 | गिरिजा व्यास | कांग्रेस |
2004 | किरण माहेश्वरी | भाजपा |