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Love for Fraud Girl : लड़की बन प्रेमी से लूटता रहा लाखों रुपए, खुलासा हुआ तो उड़ गए होश

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Love for Fraud Girl : लड़कियों वाली आवाज निकाल 55 साल के व्यक्ति के जज्बातों से वह खेलता रहा। लड़की बनकर कई युवाओं को बेवकूफ बना चुका था। जब उस बदमाश की वह काली करतूत आंखों से देखी, तो जो कई महीनों से प्यार में पागल अधेड़ उम्र के अधिकारी की सीटी पीटी घूम हो गई। मीठी मीठी बातों से ऐसा फिदा हुआ कि उसने हजारों रुपए के महंगे गिफ्ट तो वह कई बार दे चुका था और अब उसे घर खरीदने के लिए 20 लाख रुपए देने वाला था, लेकिन इससे पहले जब उसकी सच्चाई सामने आई तो उसके होश उड गए। 

Real Crime Kahani : यह रियल कहानी है राजस्थान के उदयपुर क्षेत्र की। व्यक्तिगत बदनामी व कानूनी कारणों से असल नाम की बजाय काल्पनिक नाम का प्रयोग कर रहे हैं। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं। दफ्तर में प्यारी से आवाज में प्रवेश करते हुए युवती बोलती है कि हेलो मिस्टर अनुभव, क्या मैं आपके 2 मिनट ले सकती हूं? दफ्तर के केबिन में दाखिल हुई मोहतरमा के मधुर स्वर ने मुझे एक सुखद अहसास से भर दिया था। फाइलों से आंखें हटा कर चश्मा संभालते हुए मैंने सामने देखा तो देखता ही रह गया। लग रहा था जैसे हर तरफ कचनार के फूल बिखर गए हों और सारा आलम मदहोश हो रहा हो। फ्लोवर प्रिंट वाली स्टाइलिश पिंक मिडी और घुंघराले लहराते बालों को स्टाइल से पीछे करती बाला के गुलाबी होंठों पर गजब  की आमंत्रणपूर्ण मुस्कान थी। हाल ही में वायरल हुए प्रिया के वीडियो की तरह उस ने नजाकत से अपनी भौंहों को नचाते हुए कुछ कहा, जिसे मैं समझ नहीं पाया, फिर भी बल्लियों उछलते अपने दिल को काबू में करते हुए मैंने विनम्रता से उसे बैठने का इशारा किया। मिस्टर अनुभव, मैं अनुभा। आपका ज्यादा वक्त न लेते हुए अपनी बात कहती हूं। पहले यह बताइए कि आप की उम्र क्या है? ऊपर से नीचे तक मुझ पर निगाहें घुमाते हुए उसने बड़ी अदा से कहा कि वैसे आपकी कसी हुई बॉडी देखकर तो लगता है कि आप 40 से ऊपर नहीं हैं, मगर किसी ने मुझे आपके पास यह कहकर भेजा है कि आप 50 प्लस हैं और आप हमारी पोलिसी का फायदा उठा सकते हैं। वैसे तो मैं इसी साल 55 का हो चुका हूं, मगर अनुभा के शब्दों ने मुझे यह अहसास कराया था कि मैं अब भी कितना युवा और तंदुरुस्त दिखता हूं। भले ही थोड़ी सी तोंद निकल आई हो, चश्मा लग गया हो और सिर के सामने के बाल गायब हो रहे हों, मगर फिर भी मेरी पर्सनैलिटी देख कर अच्छे खासे जवान लड़के जलने लगते हैं। मैं उसकी तरफ देख कर मुसकराता हुआ बोला कि अजी बस शरीर फिट रखने का शौक है। उम्र 50 की हो गई है। फिर भी रोज जिम जाता हूं, तभी यह बौडीशौडी बनी है। वह भरपूर अंदाज से मुसकराई।

मानना पड़ेगा मिस्टर अनुभव, गजब की प्लीजैंट पर्सनैलिटी है आपकी। मेरे जैसी लड़कियां भी तुरंत फ्लैट हो जाएं आप पर। कहते हुए एक राज के साथ उसने मेरी तरफ देखा और फिर कहने लगी कि एक्चुअली हमारी कंपनी 50 प्लस लोगों के लिए एक खास पौलिसी लेकर आई है। जरा गौर फरमाएं यह है कंपनी और पोलिसी की डिटेल्स। उसने कुछ कागजात मेरी तरफ आगे बढ़ाए और खुद मुझ पर निगाहों के तीर फेंकती हुई मुसकराती रही। मैंने कागजों पर एक नजर डाली और सहजता से बोला कि जरूर मैं लेना चाहूंगा। ओके देन, फिर मैं कल आती हूं आप के पास।तब तक आप ये कागज तैयार रखिएगा।

कुरसी से उठते हुए उसने फिर मेरी तरफ एक भरपूर नजर डाली और पूछा कि वैसे किस जिम में जाते हैं आप? मैं सकपका गया। क्योंकि जिम की बात तो उस पर इंप्रैशन जमाने के लिए कही थी। फिर कुछ याद करते हुए बोला कि ड्रीम पैलेस जिम, कैलाशपुरी में है ना, वही। ओह, वाट ए कोइंसीडैंस! मैं भी तो वहीं जाती हूं। किस समय जाते हैं आप? मैं 8 बजे, मैंने कहा। अच्छा कभी हम मिले नहीं। एक्चुअली मैं 6 बजे जाती हूं ना! इठलाती हुई वह दरवाजे से निकलते हुए उसी मधुर स्वर में बोली कि ओके देन बाय, सीयू। वह बाहर चली गई और मैं अपने खयालों के गुलशन को आबाद करने लगा। सामने लगे शीशे में गौर से अपने आप को हर एंगल से निहारने लगा। सचमुच मेरी पर्सनैलिटी प्लीजैंट है। इस बात का अहसास गहरा हो गया था। यानी इस उम्र में भी मुझे देखकर बहुतों के दिल में कुछ कुछ होता है। मैं सोचने लगा कि सामने वाले आकाशचंद्र की साली को मैं अकसर उसी वक्त बालकनी में खड़ी देखता हूं, जब मैं गाड़ी निकालकर औफिस के लिए निकल रहा होता हूं। यानी वह इत्तफाक नहीं प्रयास है। हो न हो मुझे देखने का बहाना तलाशती होगी और फिर पिंकी की दीदी भी तो मुझे देख कितनी खुश हो जाती है। आज जो हुआ वह तो बस दिल को ठंडक ही दे गया था। सीधे सीधे लाइन मार रही थी। बला की अदाएं थीं उसकी। मैं अपनी बढ़ी धड़कनों के साथ कुरसी पर बैठ गया। कुछ देर तक उसी के खयालों में खोया रहा। कल फिर आएगी। ठीक से तैयार होकर आऊंगा।

Crime Alert : उस अजनबी अबला के बारे में मैं सोच ही रहा था कि पत्नी का फोन आ गया। मैंने जानबूझ कर फोन नहीं उठाया। कहीं मेरी आवाज के कंपन से वह अंदाजा न लगा ले और फिर औरतों को तो वैसे भी पति की हरकतों का तुरंत अंदाजा हो जाता है। अचानक मेरी सोच की दिशा बदली कि मैं यह क्या कर रहा हूं। 55 साल का जिम्मेदार अफसर हूं। घर में बीवी, बच्चे सब हैं और मैं औफिस में किसी फुलझड़ी के खयालों में डूबा हुआ हूं। न…न… अचानक मेरे अंदर की नैतिकता जागी, पराई स्त्री के बारे में सोचना भी गलत है। मैं सचमुच काम में लग गया। बीवी के फोन ने मेरे दिमाग के शरारती तंतुओं को फिर से सुस्त कर दिया। शाम को जब घर पहुंचा तो बीवी कुछ नाराज दिखी। मेरा फोन क्यों नहीं उठाया? कुछ सामान मंगाना था तुमसे। 
बस मंगाने के लिए फोन करती हो मुझे? कभी दिल लगाने को भी फोन कर लिया करो। मेरी बात पर वह ऐसे शरमा कर मुसकराई जैसे वह कोई नई दुलहन हो। फिर वह तुरंत चाय बनाने चली गई और मैं कपड़े बदल कर रोज की तरह न्यूज देखने बैठ गया, पर आज समाचारों में मन ही नहीं लग रहा था? बार बार उस हसीना का चेहरा निगाहों के आगे आ जाता। अगले दिन वह मोहतरमा नियत समय पर उसी अंदाज में अंदर आई। मेरे दिल पर छुरियां चलाती हुई वह सामने बैठ गई। कागजी काररवाई के दौरान लगातार उसकी निगाहें मुझ पर टिकी रहीं। मैं सब महसूस कर रहा था पर पहल कैसे करता? 2 दिन बाद फिर से आने की बात कहकर वह जाने लगी। जाते जाते फिर से मेरे दिल के तार छेड़ती हुए बोली कि कल मैं 8 बजे पहुंची थी जिम, पर आप नजर नहीं आए। मैं किसी चोर की तरह सकपका गया। ओह, कल एक्चुअली बीवी के मायके जाना पड़ गया, सो जिम नहीं जा सका। मिस्टर अनुभव, आई डोंट नो, पर ऐसा क्या है आप में जो मुझे आपकी तरफ खींच रहा है। अजीब सा आकर्षण है। जैसा मैं महसूस कर रही हूं क्या आप भी ? उसके इस सवाल पर मुझे लगा जैसे कि मेरी सांसें ही थम गई हों। अजीब सी हालत हो गई थी मेरी, कुछ भी बोल नहीं सका। ओके सी यू मैं इंतजार करूंगी, कह कर वह मुसकराती हुई चली गई। 

Jaivardhan News : मैं आश्चर्य भरी खुशी में डूबा रहा। वह जिम में मेरा इंतजार करेगी, तो क्या सचमुच वह मुझसे प्यार करने लगी है। यह सवाल दिल में बारबार उठ रहा था। फिर तो औफिस के कामों में मेरा मन ही नहीं लगा। हाफ डे लीव लेकर सीधा पहुंच गया ड्रीम प्लेस जिम। थोड़ी प्रैक्टिस की और अगले दिन से रोजाना 8 बजे आने की बात तय कर घर आ गया। बीवी मुझे जल्दी आया देख चौंक गई। मैं बीमारी का बहाना करके कमरे में जाकर चुपचाप लेट गया। एक्चुअली किसी से बात करने की कोई इच्छा ही नहीं हो रही थी। मैं तो बस डूब जाना चाहता था अनुभा के खयालों में। अगले दिन से रोजाना 8 बजे अनुभा मुझे जिम में मिलने आने लगी। कभी कभी हम चाय कौफी पीने या टहलने भी निकल जाते। मेरी बीवी अकसर मेरे बरताव और रूटीन में आए बदलाव को लेकर सवाल करती पर मैं बड़ी चालाकी से बहाने बना देता। जिंदगी इन दिनों बड़ी खुशगवार गुजर रही थी। अजीब सा नशा होता था उसके संग बिताए लम्हों में। पूरा दिन उसी के खयालों की खुशबू में विचरते हुए गुजर जाता। मैं तरह तरह के महंगे गिफ्ट्स लेकर उसके पास पहुंचता, वह खुश हो जाती। कभी कभी वह करीब आती, अनजाने ही मुझे छू कर चली जाती। उस स्पर्श में गजब का आकर्षण होता। मुझे लगता जैसे मैं किसी और ही दुनिया में पहुंच गया हूं।

धीरे धीरे मेरी इस मदहोशी ने औफिस में मेरे परफौर्मेंस पर असर डालना शुरू कर दिया। मेरा बॉस मुझसे नाखुश रहने लगा। पारिवारिक जीवन पर भी असर पड़ रहा था। एक दिन मेरे किसी परिचित ने मुझे अनुभा के साथ देख लिया और जाकर बीवी को बता दिया। बीवी चौकन्नी हो गई और मुझसे कटी कटी सी रहने लगी। वह मेरे फोन और आने जाने के समय पर नजर रखने लगी थी। मुझे इस बात का अहसास था पर मैं क्या करता? अब अनुभा के बगैर रहने की सोच भी नहीं सकता था। एक दिन अनुभा मेरे बिलकुल करीब आ कर बोली, अब आगे? इस पर मैंने कहा कि आगे क्या। आगे बताइए मिस्टर, मैं आप की बीवी तो बन नहीं सकती। आपके उस घर में रह नहीं सकती। इस तरह कब तक चलेगा? तुम कहो तो तुम्हारे लिए एक दूसरा घर खरीद दूं। वह मुसकुराती हुई बोली कि अच्छे काम में देर कैसी? मैं भी यही कहना चाहती थी कि हम दोनों का एक खूबसूरत घर होना चाहिए। जहां तुम बेरोक टोक मुझसे मिलने आ सको। किसी को पता भी नहीं चलेगा। फिर तो तुम वह सब भी पा सकोगे जो तुम्हारी नजरें कहती हैं। मेरे नाम पर एक घर खरीद दोगे तो मुझे भी ऐतबार हो जाएगा कि तुम मुझे वाकई चाहते हो। फिर हमारे बीच कोई दूरी नहीं रह जाएगी। मेरा दिल एक अजीब से अहसास से खिल उठा। अनुभा पूरी तरह से मेरी हो जाएगी। इसमें और देर नहीं होनी चाहिए। मैंने मन में सोचा, तभी वह मेरे गले में बांहें डालती हुई बोली कि अच्छा सुनो, तुम मुझे कैश रुपए दे देना। मेरे अंकल प्रौपर्टी डीलर हैं। उनकी मदद से मैंने एक घर देखा है। 40 लाख का घर है। ऐसा करो आधे रुपए मैं लगाती हूं आधे तुम लगा दो। ठीक है, मैं रुपयों का इंतजाम कर दूंगा। मैंने कहा तो वह मेरे सीने से लग गई।

अगले 2-3 दिनों में मैंने रुपयों का इंतजाम कर लिया। चैक तैयार कर उसे सरप्राइज देने के खयाल से मैं उसके घर के पते पर जा पहुंचा। बहुत पहले उसने यह पता दिया था, पर कभी भी मुझे वहां बुलाया नहीं था। आज मौका था, बडे़ अरमानों के साथ बिना बताए उसके घर पहुंच गया। दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था। अंदर से 2 लड़कों की बातचीत के स्वर सुनाई पड़े तो मैं ठिठक गया। दोनों किसी बात पर ठहाके लगा रहे थे। एक हंसता हुआ कह रहा था कि यार अनुज, अनुभा बनकर तुने उस अनुभव को अच्छे झांसे में लिया। लाखों के गिफ्ट्स लुटा चुका है तुझ पर। अब 20-25 लाख का चेक लेकर आ रहा होगा। यार कई सालों से तु लड़की बनकर लोगों को लूटता आ रहा है, पर यह दांव आज तक का सबसे तगड़ा दांव रहा। बस यह चेक मिल जाए मुझे फिर बेचारा ढूंढता रहेगा कहां गई अनुभा ? लड़कियों वाली आवाज निकालता हुआ बगल में खड़ा लड़का हंसने लगा। बाल ठीक करता हुआ वह पलटा तो मैं देखता रह गया। यह अनुभा था यानी लड़का जो लड़की बन कर मेरे जज्बातों से खेल रहा था। सामने बिस्तर पर लड़की के गेटअप के कपड़े, ज्वैलरी और लंबे बालों वाला विग पड़ा था। वह जल्दी जल्दी होंठों पर लिपस्टिक लगाता हुआ कहने लगा। यार उस तोंदू, बुड्ढे को हैंडसम कहते कहते थक चुका हूं। उसका दोस्त ठहाके लगाता हुआ बोला कि लेले मजे यार, लड़कियों की आवाज निकालने का तेरा हुनर अब हमें माला माल कर देगा।

Rajasthan Police : मुझे लगा जैसे मेरा कलेजा मुंह को आ जाएगा। उलटे पैर तेजी से वापस लौट पड़ा। लग रहा था जैसे वह लपक कर मुझे पकड़ लेगा। हाईस्पीड में गाड़ी चला कर घर पहुंचा। मेरा पूरा चेहरा पसीने से भीग रहा था। सामने उदास हैरान सी बीवी खड़ी थी। आज वह मुझे बेहद निरीह और मासूम लग रही थी। मैंने बढ़कर उसे सीने से लगा लिया। वह चिंतातुर नजरों से मेरी तरफ देख रही थी। मैं नजरें चुरा कर अपने कमरे में चला आया। शुक्र था मेरी इस बेवफाई और मूर्खतापूर्ण कार्य का खुलासा बीवी के आगे नहीं हुआ था, वरना मैं धोबी का वह कुत्ता बन जाता जो न घर का होता है और न घाट का। 

यह रियल घटना है, मगर व्यक्तिगत पहचान उजागर होने से बदनामी व कानूनी कारणों से वास्तविक नामों का खुलासा नहीं कर सकते। यह कहानी बताने के पीछे हमारा उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना या परेशान करना नहीं है, बल्कि आमजन को सावधान व शिक्षित करना है। आपको यह कहानी कैसी लगी और क्या सीख मिलती है, कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिएं। आपको किस तरह की कहानियां पसंद है, वह भी बताएं, ताकि भविष्य में उसी तरह की कहानियां प्राथमिकता से लेकर आएं। धन्यवाद 

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