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Mahakumbha 2025 : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बार सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। 40 करोड़ श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर, केंद्रीय एजेंसियों और खुफिया विभागों ने ऐसा सुरक्षा प्लान तैयार किया है, जो अब तक के सभी इंतजामों को पीछे छोड़ देता है। आतंकी गतिविधियों और ड्रोन हमलों की आशंका को देखते हुए इजरायली एंटी-ड्रोन सिस्टम, न्यूक्लियर अटैक से निपटने की तकनीक, और अंडरवॉटर ड्रोन की तैनाती जैसे उपाय लागू किए गए हैं।
Hitech Security in Mahakumbh : अंडरवॉटर ड्रोन: गहराई तक निगरानी
Hitech Security in Mahakumbh : महाकुंभ के इतिहास में पहली बार, गंगा और यमुना नदियों में अंडरवॉटर ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं। ये ड्रोन 24 घंटे पानी के अंदर निगरानी करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देंगे।
- कैमरा क्षमता: ये ड्रोन 100 से 200 मीटर की गहराई तक निगरानी कर सकते हैं।
- तैनाती: संगम क्षेत्र में 8 और अन्य घाटों पर 8 ड्रोन लगाए जाएंगे।
- तकनीकी विशेषता: गंदे पानी का इन पर कोई असर नहीं होता और ये 3 दिन तक लगातार काम कर सकते हैं।
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Maha Kumbh security arrangements : इजरायली एंटी-ड्रोन सिस्टम: हवा में ही खतरे का अंत
Maha Kumbh security arrangements : ड्रोन अटैक के बढ़ते खतरों को देखते हुए मेला क्षेत्र में इजरायली एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया गया है।
- क्षमता: यह सिस्टम किसी भी ड्रोन को हवा में पहचान कर डिएक्टिवेट कर सकता है।
- तैनाती: तीन दिशाओं में लगाए गए ये सिस्टम पूरे मेला क्षेत्र और उसके आसपास के पानी वाले इलाकों को कवर करेंगे।
- तकनीकी लाभ: सिस्टम में रेडार के साथ 3डी रडार का उपयोग किया गया है, जो ड्रोन की लोकेशन, प्रकार और दूरी का सटीक पता लगाता है।
Security at Maha Kumbh 2025 : फेस रिकग्निशन कैमरे: संदिग्धों पर पैनी नजर
Security at Maha Kumbh 2025 : सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए मेले में फेस रिकग्निशन (FR) कैमरों का नेटवर्क तैयार किया गया है।
- संदिग्धों की पहचान: FR कैमरे संदिग्ध व्यक्तियों को पहचान कर तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजते हैं।
- डेटा कनेक्टिविटी: AI की मदद से संदिग्धों का चेहरा डेटाबेस से मैच कर उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।
Mahakumbh 2025 Prayagraj : सुरक्षा एजेंसियों के 10 ऑपरेशनल प्लान
सुरक्षा की स्थिति को संभालने के लिए एजेंसियों ने 10 ऑपरेशनल प्लान तैयार किए हैं। इनमें हर संभावित खतरे का समाधान पहले से तय किया गया है।
- भीड़ नियंत्रित करना: भगदड़ की स्थिति में भीड़ को मैदान में बनी बल्लियों के घेरे के बीच रोका जाएगा। शहर और मेला क्षेत्र की आवाजाही को नियंत्रित करने की योजना है।
- धमाकों के लिए तैयार: धमाका या तेज आवाज की स्थिति में विशेष टीमों को सक्रिय किया जाएगा। हर लोकेशन के लिए जिम्मेदारियां पहले से तय हैं।
- CBRN हमले: केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर (CBRN) अटैक से निपटने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। प्रयागराज के 10 डॉक्टरों को नरौरा परमाणु केंद्र में ट्रेनिंग दी जा रही है।
- भीड़ पर वाहन हमले: विदेशों में हुई ऐसी घटनाओं से सीख लेते हुए, स्नाइपर्स और विशेष टीमों को दोनों साइड से रास्ता ब्लॉक करने की जिम्मेदारी दी गई है।
- संदिग्धों की जानकारी: मेला क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी मिलने पर केवल विशेष टीमों को सक्रिय किया जाएगा।
- अत्यधिक भीड़: एक जगह पर अत्यधिक भीड़ होने पर AI की मदद से इसका पता लगाया जाएगा। अलर्ट के बाद त्वरित प्रतिक्रिया टीमें सक्रिय होंगी।
- पानी में अनहोनी: स्नान के दौरान पानी में किसी अनहोनी की स्थिति में श्रद्धालुओं को घाटों से दूर ले जाने के लिए विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं।
- IT और कॉल ट्रैपिंग: स्नान पर्व पर कॉल ट्रैपिंग, जैमर और GPS लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए अफरातफरी को रोका जाएगा।
- पार्किंग और ट्रांसपोर्ट: ट्रेनों, बसों और पार्किंग स्थलों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं।
- स्पॉट वारदात: किसी एक स्थान पर वारदात होने की स्थिति में उस क्षेत्र को सील करने और संदिग्धों को पकड़ने के लिए योजना बनाई गई है।
हाईटेक लैब और स्वास्थ्य सेवाएं
प्रयागराज में एमएलएन मेडिकल कॉलेज और स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं। ये देश में AIIMS दिल्ली के बाद दूसरी ऐसी सुविधाएं हैं।
निगरानी के लिए सेना और हेलिकॉप्टर
महाकुंभ के दौरान भारतीय सेना और पैरामिलिट्री बलों की भी तैनाती की जाएगी। सेना के हेलिकॉप्टर आसमान से निगरानी करेंगे।
क्राउड मैनेजमेंट और AI का जाल
मेला क्षेत्र और शहर के प्रवेश मार्गों पर AI संचालित कैमरे लगाए गए हैं, जो लाइव फीड पुलिस कंट्रोल रूम और ICCC (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) को भेजते हैं।
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अभूतपूर्व सुरक्षा का आश्वासन
महाकुंभ 2025 के लिए किए गए ये हाईटेक सुरक्षा इंतजाम श्रद्धालुओं को न केवल सुरक्षा का विश्वास देंगे बल्कि मेले को किसी भी खतरे से बचाने में पूरी तरह सक्षम साबित होंगे। इस बार का महाकुंभ न केवल श्रद्धा और आस्था का संगम होगा, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपायों का प्रतीक भी बनेगा।