Maharashtra Elections : इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव बड़े ही दिलचस्प हो गए हैं। यहां 83 विधानसभा सीटों पर चुनावी मैदान में 2 शिवसेना एवं 2 NCP के नेताओं के बीच कड़ा मुकाबला है। मुंबई में एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने अपनी पार्टियों को अलग कर लिया, जिसके बाद 2 शिवसेना एवं 2 एनसीपी पार्टियां बन गई। अब असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है, इसको लेकर चुनावी जंग जारी है। अब विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि आखिर शिवसेना व एनसीपी में कौनसा गुट आम जनता में गहरी पेठ कायम कर पायाहै। हालांकि मैदान में भाजपा व कांग्रेस के साथ कई क्षेत्रीय दल भी शामिल हैं। चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने मोर्चा संभाल रखा है। हालांकि चुनाव में असल मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति और कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी के बीच है। असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है? इसको लेकर लोकसभा चुनाव में भी खुलेआम अदावत हुई और अब विधानसभा चुनाव में फिर हालात वैसे ही बन गए हैं। पहले लोकसभा चुनाव में फायदा महाविकास अघाड़ी को मिला था, लेकिन चूंकि अब विधानसभा चुनाव है, तो विभाजनकारी विधायकों की असली परीक्षा होगी।
Maharashtra election 2024 : महाराष्ट्र राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 47 सीटों पर शिवसेना बनाम शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) एवं 36 सीटों पर एनसीपी बनाम एनसीपी (शरद चंद्र पवार) मुकाबला है। सत्ता का समीकरण काफी हद तक इन सीटों पर निर्भर करता है और ऐसे संकेत हैं कि इन सीटों पर जो जीतेगा वह सत्ता के करीब होगा और सरकार बनाने में भी सफल हो सकेगा। विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को चुनाव हो रहे हैं और इसके लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। पहली बार 2 शिवसेना और 2 एनसीपी विधानसभा के लिए एक दूसरे से भिड़ रही हैं। यह तस्वीर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिली थी, लेकिन तब राजनीतिक समीकरण अलग थे। मुंबई चुनाव के प्रति लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई हैऔर हर कोई यहां का अपडेट जानने को उत्सुक है, चाहे वह स्थानीय हो या प्रवासी या अन्य राज्याें के राजनीतिक लोग या आमजन। एक तरफ पार्टी के प्रति वफादार विधायक और एक दूसरे से बगावत करने वाले विधायक इस चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। हालांकि, इन सीटों पर दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत लगाई गई। दोनों शिवसेना की तरफ से लड़ी गई कुल 47 सीटों में से 16 मुंबई संभाग में, 18 कोंकण संभाग में, 7 मराठवाड़ा संभाग में और शेष सीटें पश्चिम और उत्तर महाराष्ट्र और विदर्भ में हैं। फिलहाल सभी जगह शिवसेना व एनसीपी के दोनों दलों के अलावा भाजपा, कांग्रेस व कुछ क्षेत्रीय दल व निर्दलीय भी मैदान में है। इस बार का विधानसभा चुनाव एक तरह से उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे और शरद पवार बनाम अजित पवार के लिए निर्णायक और अस्तित्व बचाने वाली होगी। विधानसभा चुनाव के परिणाम ही तय करेंगे कि दोनों शिवसेना व दोनों एनसीपी में कौन जनता की पेठ कायम करने वाला नेता है। फिर इसी परिणाम से सभी राजनेताओं का भविष्य भी तय होगा।
Vidhansabha Chunav Maharashtra : शरद के 15 उम्मीदवार
Vidhansabha Chunav Maharashtra : दोनों एनसीपी में 36 सीटों पर सीधी टक्कर है। अजित पवार की एनसीपी बनाम शरद पवार की एनसीपी आमने-सामने है। अजित पवार ने अपने मौजूदा 35 विधायकों को विधानसभा के अखाड़े में उतारा है, जबकि शरद पवार ने 15 विधायकों को भी उम्मीदवार बनाया है, जो अजित पवार की बगावत के बाद मजबूती से उनके साथ खड़े रहे। बारामती विधानसभा क्षेत्र में चाचा अजित पवार का मुकाबला भतीजे युगेंद्र पवार से है। लोकसभा चुनाव में भी यही लड़ाई सुनेत्रा पवार और सुप्रिया सुले के बीच रही थी। इस वर्ष पश्चिमी महाराष्ट्र की अधिकांश सीटों पर अजित पवार की पार्टी के उम्मीदवारों को इस चुनाव की लड़ाई में शरद पवार की पार्टी के उम्मीदवारों से आमना सामना होगा।
Shiv Sena or NCP : दोनों शिवसेना के लिए अस्तित्व की लड़ाई
Shiv Sena or NCP : विधानसभा चुनाव में दोनों शिवसेना के लिए अस्तित्व की लड़ाई है। इसके तहत माहिम, बायकुला, मगथने, कुर्ला, जोगेश्वरी पूर्व, अंधेरी पूर्व, विक्रोली, चेंबूर, डिंडोशी, भांडुप, शिवड़ी, भिवंडी ग्रामीण, कल्याण ग्रामीण, कल्याण पश्चिम, अंबरनाथ, ओवला माजीवाड़ा विधानसभा में दोनों शिवसेना के उम्मीदवार मैदान में है और मुकाबला भी इन्हीं के बीच सीधा है। लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इससे सबक लिया है और विधानसभा के लिए अलग अलग रणनीति बनाई है। हालांकि अब जनता को अपने पक्ष में कितना कर पाते हैं, यह तो भविष्य के गर्त की बात है और परिणाम आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
Lok Sabha Election में BJP 23 से 9 सीट पर सिमटी थी
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीट में INDIA गठबंधन को 30 एवं NDA को 17 सीटें मिलीं।। इस तरह BJP को 9, शिवसेना को 7 व NCP को सिर्फ 1 सीट मिल पाई थी। BJP को 23 सीट का नुकसान हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव से NDA को 41 सीट मिली थीं और वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 42 था। यानी आधे से भी कम। इस तरह लोकसभा चुनाव तक भाजपा को नुकसान हुआ था और अब इस बार विधानसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा व कांग्रेस की स्थिति क्या रहती है, यह भी देखने वाली बात रहेगी। अगर लोकसभा चुनाव की स्थिति देखी जाए तो इस बार विधानसभा में भी भाजपा को नुकसान होने की चर्चा है, लेकिन वास्तविकता तो जनता के वोट से ही सामने आ पाएगी। विपक्षी गठबंधन के सर्वे में राज्य की 288 सीट पर MVA यानी महाविकास अघाड़ी को 160 सीट मिलने का अनुमान जताया और BJP के लिए मराठा आंदोलन सबसे बड़ी चुनौती है। शिवसेना व NCP में तोड़फोड़ के बाद उद्धव ठाकरे व शरद पवार के साथ लोगों का जुडाव है, जो परिणाम पर कितना प्रभाव रहता है, यह कोई स्पष्ट नहीं है।
Election History : 2019 में विधानसभा के यह थे चुनावी समीकरण
Election History : वर्ष 2019 में भाजपा व शिवसेना गठबंधन में था। भाजपा ने 105 सीटें व शिवसेना ने 56 सीटें जीती। गठबंधन से एनसीपी को 54 व कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। भाजपा व शिवसेना आसानी से सत्ता में आ जाती, लेकिन मनमुटाव के कारण गठबंधन टूट गया। फिर 23 नवंबर 2019 को फड़नवीस ने मुख्यमंत्री व अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ये सुबह-सुबह की शपथ थी, लेकिन बहुमत परीक्षण से पहले 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। 28 नवंबर 2019 को शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सत्ता में आई। इसके बाद शिवसेना व एनसीपी में बगावत हुई और 4 दल बने। लोकसभा चुनाव में शरद व उद्धव को बढ़त मिली। इन्हीं सब पृष्ठभूमि में विधानसभा चुनाव होगा। ऐसे में विधानसभा चुनाव परिणाम से ही शिवसेना व एनसीपी के साथ भाजपा व कांग्रेस की वास्तविक जमीनी हकीकत सामने आएगी।