Mahila manch Program : राजसमंद @ शहर हो या गांव ढाणी की एकल महिला को एकजुट करते हुए हमेशा सुरक्षा व सहयोग के लिए सभी महिलाओं ने संकल्प लिया। यह मौका था राजसमंद जिला मुख्यालय पर जावद स्थित लक्ष्मी गार्डन में राजसमन्द जन विकास संस्थान और महिला मंच द्वारा आयोजित बहिना पूजा कार्यक्रम का, जिसमें अपराजिता परियोजना के तहत आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य एकल महिलाओं की सुरक्षा व उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इस अनोखे कार्यक्रम में सैकड़ो महिलाओं ने एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधते हुए एक दूजे की मदद करने और सुरक्षा का वादा किया। इस अवसर पर महिलाओं के अधिकारों और उनसे जुड़े कानूनी प्रावधानों पर आधारित एक विशेष कानूनी मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया गया, जो उनके अधिकारों की जानकारी देने और उन्हें कानूनी सहायता प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।
Rajsamand News : कार्यक्रम के दौरान एकल महिलाओं ने अपने संघर्षों की कहानी साझा की और बताया कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में एक बहिना, दूसरी बहिना का सहारा बनी है तथा संगठन में जुड़ने के बाद अपने जीवन में आए सकारात्मक बदलावों को बयां किया और एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का वादा किया। इस अवसर पर महिलाओं ने संघर्ष और विजय के गीतों पर नृत्य करते हुए अपनी सफलताओं का जश्न मनाया। “बहिना दूज” कार्यक्रम ने समाज में महिलाओं के बीच आपसी सहयोग और सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। इस कार्यक्रम के माध्यम से राजसमन्द महिला मंच संगठन ने समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान, विश्वास और सहयोग की भावना को मजबूत करने का संदेश दिया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का संस्थान व संगठन से जुड़ी महिलाओं के द्वारा मेवाड़ी परंपरा अनुसार उपरना पहनाकर व किशोरी बालिकाओं के द्वारा स्वागत गीत व नृत्य प्रस्तुत कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी बहनों ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर व विभिन्न नारे “ये बहना दूज अलबेला, पूरे राजस्थान में कर दिया हेला” व “हमारा नारा, बहिनचारा” और “हम एक नहीं, अनेक है” लगाकर जश्न मनाया। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित अतिथियों व सहभागियों को संस्थान अध्यक्ष पुष्पा सिंघवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन नीता कुमावत ने किया।
Women Unique Program : एकल महिला का दूर होगा अकेलापन
Women Unique Program : कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश बसंती लाल बाबेल ने कहा कि महिला मंच की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम के जरिए महिलाओं में एक दूजे की मदद, सुरक्षा की भावना विकसित होगी। यह एक पुनीत कार्य है। निश्चित तौर पर अकेली महिलाओं का अकेलापन दूर होगा। भैया दूज पर बहिन द्वारा भाई तथा करवा चौथ पर पति की लम्बी उम्र की कामना की जाती है, लेकिन पहली बार एक महिला द्वारा दूसरी महिला की मदद करने की प्रतिज्ञा ली जा रही है। इससे महिला एकता को बल मिलेगा। राजसमंद जन विकास संस्था की पहल से सभी एकल महिलाएं एकजुट हुई है और पूरा समाज साथ आया है। उन्होंने सभी महिलाओं को एक दूजे का सारथी बनने का आह्वान किया।
monitor child’s mobile : थाना प्रभारी बोली- महिलाएं बच्चों पर रखें नजर
monitor child’s mobile : राजसमंद महिला थाना प्रभारी संगीता बंजारा ने कहा कि आज महिलाओं को एकजुट करने, जागरूक करने, मदद की भावना विकसित करने की जो पहल हुई है, वह सराहनीय है। उन्होंने सभी महिलाओं को कानूनी जानकारी से भी अपडेट रहने का आह्वान किया और बताया कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की कई योजनाएं है और सुविधाएं है, जिसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। आजकल मोबाइल के माध्यम से भी अपराध बढ़ रहे हैं और खास तौर बच्चों पर नजर रखें कि आखिर वे मोबाइल क्या देख रहे हैं और बच्चे कहीं उसके आदी तो नहीं हो रहे हैं।
Rajsamand Jan Vikash Sansthan : पामेचा बोली- संगठन है साथ
Rajsamand Jan Vikash Sansthan : कार्यक्रम में राजसमंद जन विकास संस्थान निदेशिका शकुंतला पामेचा ने अपराजिता परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एकल महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए संगठन खड़ा है। किसी भी महिला के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सदैव संगठन खड़ृा है। इन बहनों की लम्बी लड़ाई का ही परिणाम है कि उनकी पेंशन 100 रुपए से बढ़कर 1000 रुपए हुई है। भूपेन्द्र सिंह राजपूत ने संस्थान व संगठन की 21 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए उपलब्धियां गिनाई। पवन उडानी द्वारा बहिना दूज कार्यक्रम के उद्देश्यों को प्रस्तुत किया। रीना शर्मा द्वारा पितृसत्ता पर अपने विचार रखते हुए बताया कि हमारे समाज में आज भी पुरुष को प्रधानता मिली हुई है, जो कहीं न कहीं महिलाओं को हक़ व अधिकार प्राप्त करने में आड़े आता है। चंद्रकला शर्मा ने नारे व गीतों के साथ बहिनों के रक्षा सूत्र बंधवाया व बताया की धीरे-धीरे हमें इस शुरुआत को बहुत आगे लेकर जाना है।
Women’s Unity : बहन को बहन से जोड़ने की अनूठी पहल
Women’s Unity : शिक्षाविद्, साहित्यकार एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता त्रिलोकीमोहन पुरोहित ने कहा कि मेरे लिए आज का कार्यक्रम बहुत संजीदा है। मैं आज गंगा में नहाने आया हूं। मेरे सामने से गंगा बहकर निकल रही है और मै इस गंगा में हाथ धोने आया हूं। मैंने आज पहली बार किसी बहन के हाथ में रक्षा का धागा देखा है। आज बहन को बहन से जोड़ने का काम संस्था व संगठन ने किया है। इस दौरान तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष नीना कावड़िया ने कहा कि हमें इस सफ़र को आगे तक लेकर जाना है। अभी कई बुलंदियों को छूना है, मुसीबत में जो भी बहिना दिखें, उसकी मदद करनी है। आज जो हमने रक्षा का सूत्र बांधा है, इसे निभाना है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें जरुरत है, रुढियों को तोड़ने की, लाल चुनर ओढने की, लाल बिंदी लगाने की, तभी हम असली जश्न मना पाएंगे।
पूर्व सभापति बोली- नारी ही वास्तविक प्रेम व स्नेह की स्वरूप
पूर्व सभापति आशा पालीवाल ने कहा कि बहिना दूज शब्द सुनकर ही मन में अजीब से विचार आते हैं। आमतौर पर हम सोच भी नहीं सकते की बहिनाओ का, बहिनों के लिए, बहिनों के द्वारा भी इतना अनोखा व शानदार आयोजन किया जा सकता है। भारत में नारी को देवी, अबला, शक्ति, कोमल, कमज़ोर शब्द से जाना जाता है, लेकिन हकीकत यही है कि नारी ही शक्ति, नारी ही प्रेम और स्नेह का वास्तविक स्वरुप है। संगठन ने ऐसा पेड़ लगाया है, जिसकी आप सभी अनेक शाखाएं है।Iआप सभी उन्नति की और अग्रसर हो, यही मेरी शुभकामना है।