Mahima Kumari महाराणा प्रताप की वंशज तथा उदयपुर पूर्व राजपरिवार की सदस्य एवं नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी महिमा कुमारी को राजसमंद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी है। पूर्व मेवाड़ राजघराने की सदस्य होने से मेवाड़ में अच्छा प्रभाव है। क्योंकि महाराणा प्रताप को हर कोई आदर्श मानता है। Mahima Kumari गत विधानसभा चुनाव के दौरान नाथद्वारा विधानसभा में उनके पति विश्वराज सिंह मेवाड़ के साथ जनसंपर्क में सक्रिय रही। अभी राजसमंद लोकसभा सीट पर भाजपा से महिमा कुमारी है, तो उनके सामने कांग्रेस से डा. दामोदर गुर्जर मैदान में है। दोनों ही प्रत्याशी मेवाड़ व मारवाड़ के सर्वाधिक लंबे चौड़े लोकसभा क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं।
Mahima Kumari के पति विश्वराज सिंह ने विधानसभा चुनाव 2023 में हॉट सीट नाथद्वारा से टिकट दिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता डॉ. सीपी जोशी को हराकर विधायक चुने गए। इन्हीं विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी हैं महिमा कुमारी मेवाड़ है, जो विधानसभा चुनाव से ही राजनीति गलियारों में लगातर सक्रिय है और कार्यकर्ताओं के बीच जा रही है। विश्वराज मेवाड़ के चुनाव प्रचार में भी महिमा कुमारी अहम भूमिका में दिखाई दी और विश्वराज के विधायक चुने जाने के बाद भी महिमा कुमार ने फील्ड नहीं छोड़ा और लगातार जमीनी स्तर एक्टिव रही, जिसका नतीजा रहा कि भाजपा हाईकमान ने विश्वास जताते हुए महिमा कुमारी को राजसमंद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
Mahima Kumari Family : महिमा कुमारी के जन्म के बाद शिक्षा, कॅरियर, उदयपुर पूर्व राजपरिवार में शादी के बाद राजनीति तक के सफर में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले, जो चौंकाने वाले हैं। हालांकि महिमा कुमारी के ससुर महेन्द्रसिंह मेवाड़ भी चित्तौड़गढ़ से सांसद रह चुके हैं। हालांकि बाद में वे राजनीति में एक्टिव नहीं रहे, मगर अब उनके पति नाथद्वारा से विधायक है, तो अब वह लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा से प्रत्याशी है।
राजसमंद के दोनों प्रत्याशियों का परिचय, अनुभव, देखिए
प्रत्याशी | महिमा कुमारी मेवाड़, भाजपा प्रत्याशी |
शैक्षिक स्थिति | ग्रेजुएट (स्कूली शिक्षा वाराणसी, मध्यप्रदेश व कॉलेज शिक्षा नई दिल्ली) |
उम्र | 51 वर्ष |
निवास स्थल | उदयपुर पूर्व राजपरिवार सदस्य, महाराणा प्रताप वंशज, समोर बाग, उदयपुर |
पीहर | वाराणसी वैसे पश्चिम बंगाल के राजकोट का पूर्व राजपरिवार |
पति का नाम | विश्वराज सिंह मेवाड़, नाथद्वारा विधायक (महाराणा प्रताप वंशज) |
राजनीतिक इतिहास | पीहर पक्ष राजनीति में सक्रिय। मामा सतना, एमपी से सांसद है। ससुर महेंद्र सिंह मेवाड़ भी चित्तौड़गढ़ से एक बार सांसद रह चुके हैं। |
बेटा- बेटी | एक बेटा व एक बेटी |
नौकरी | मुंबई में एक स्कूल में शिक्षिका (खुद के बेट बेटी की वजह से मुंबई प्रवास) |
सामाजिक कार्यों में रूचि | मुंबई के एक वृद्धाश्रम में वृद्धों की सेवा का कार्य किया |
रूचि व व्यवहार | पढ़ना, सामाजिक कार्य, बच्चों व वृद्धजनों के साथ समय बिताना |
भविष्य का सपना | समाज सेवा का कार्य करना |
क्यों मिला है टिकट | क्षेत्र में पार्टी को बड़ा चेहरा चाहिए था। प्रत्यक्ष कोई विरोध नहीं है और जातिगत समीकरण भी पक्ष में है। बेबाक वक्ता के रूप में पहचान है। |
मजबूत पक्ष क्या है | महाराणा प्रताप वंशज, पूर्व राजपरिवार की सदस्य व राजनीति दृष्टि से बीजेपी में पकड़ है। |
परिवारवाद के आरोप | पति नाथद्वारा में विधायक है, तो अब उन्हें सांसद का टिकट दिया गया है। |
पुलिस थाने में मुकदमा | कोई प्रकरण दर्ज नहींं है। |
किस क्षेत्र में कौन मजबूत | नाथद्वारा, राजसमंद व कुंभलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मेवाड़ राजरिवार का सदस्य होने का प्रभास है, मगर भीम, ब्यावर, जेतारण, मेड़ता व डेगाना क्षेत्र में पकड़ कम है। |
Mahima Kumari की चाची सांसद, मामा एमपी व ममेरे भाई विधायक
महिमा कुमारी शुरू से ही सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। महिमा का यूं तो पश्चिम बंगाल के पंचकोट पूर्व राजघराने के सम्बन्ध है, लेकिन बचपन से ही उनका नाता वाराणसी से ही रहा है। बचपन में वे अपनी माता के साथ वाराणसी में रहीं और उनकी शिक्षा वाराणसी व दिल्ली में ही हुई है। महिमा के मामा मध्यप्रदेश की सतना सीट से सांसद रह चुके हैं। उनके ममेरे भाई वर्तमान में एमपी की एक सीट से विधायक हैं। उनकी चाची टिहरी-गढ़वाल से सांसद हैं।
PM Narendra Modi उनके पीहर से लड़ रहे हैं चुनाव
Mahima Kumari का पीहर वाराणसी में है और उसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव लड़ते आ रहे हैं। ऐसे में मेवाड़ राजपरिवार में शादी होने के बाद भी महिमा कुमारी का वाराणसी लिंक काम करने की चर्चा है। हालांकि राजस्थान उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी की नजदीकी होने से उनकी पैरवी भी टिकट मिलने में काम आने की चर्चा है। पीएम मोदी खुद वाराणसी से सांसद हैं और महिमा कुमारी का वाराणसी से बचपन का रिश्ता है। इसके चलते मोदी की फेवरिट सूची में नाम आने के बाद फाइनल हो गया। इसमें परिवारवाद की बात भी दरकिनार हो गई।
BJP दावदारों की सूची में एक दर्जन थे नाम
Rajsamand Loksabha सीट से भाजपा दावेदारों की सूची में एक दर्जन नाम चर्चा में थे। इनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के अलावा सतीश पूनिया, मानसिंह बारहठ, कर्णवीरसिंह राठौड़, संगीता कंवर चौहान, सीपी धींग, भवानीसिंह कालवी, अरविंदसिंह राठौड़ आदि नाम चर्चा में थे।
Election 2024 : अब तक यह रही स्थिति
परिसीमन के बाद उदयपुर लोकसभा सीट से अलग होकर राजसमंद लोकसभा सीट नई बनी। वर्ष 2009 में पहला चुनाव हुआ, जिसमें कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा सांसद चुने गए। उसके बाद वर्ष 2014 में दूसरा चुनाव हुआ, जिसमें भाजपा के हरिओमसिंह राठौड़ सांसद चुने गए, जबकि वर्ष 2019 के चुनाव मे फिर भाजपा की दीया कुमारी सांसद चुनी गई थी। इस तरह तीन चुनाव में 1 बार कांग्रेस और 2 बार भाजपा की जीत हुई है। अब चौथे चुनाव का परिणाम क्या रहेगा, यह भविष्य के गर्त की बात है, मगर वर्ष 2014 के बाद वर्ष 2019 के चुनाव में जीत का मार्जिन 45 प्रतिशत तक बढ़ गया था।
20 लाख से ज्यादा मतदाता देंगे वोट
राजसमंद लोकसभा सीट में चार जिलों की 8 विधानसभा है। राजसमंद जिले में नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद व भीम विधानसभा है, जबकि पाली जिले की जेतारण, ब्यावर, नागौर जिले की डेगाना व मेड़ता विधानसभा है। चारों ही विधानसभा में करीब 20 लाख मतदाता है, जिनके हाथ रहेगी राजसमंद सांसद की किस्मत। वर्ष 2019 में 19 लाख 12 हजार मतदाता थे।
मेवाड़- मारवाड़ के 4 जिलो की 8 विधानसभा शामिल
राजसमंद लोकसभा सीट लंबी चौड़ी है, जिसमें मेवाड़ व मारवाड़ के चार जिले राजसमंद, पाली, अजमेर व नागौर जिला शामिल है। इनमें आठ विधानसभा नाथद्वारा, कुंभलगढ़, राजसमंद, भीम, जेतारण, ब्यावर, मेड़ता व डेगाना शामिल है। दोनों राजनीतिक दलों में क्षेत्रवाद का मुद्दा हमेशा हावी रहता है। क्योंकि काफी लंबा चौड़ा इलाका राजसमंद लोकसभा सीट में आता है। 3 बार हुए इस सीट के चुनाव में कांग्रेस ने 2 बार मारवाड़ की तरफ से टिकट दिए, जबकि 1 बार मेवाड़ क्षेत्र के नाथद्वारा से टिकट दिया, जबकि भाजपा ने 1 बार मारवाड़, 1 बार मेवाड़ तो 1 बार बाहरी जयपुर की दीया कुमारी को टिकट दे दिया।
राजसमंद सीट के 3 चुनावों के क्या रहे परिणाम
- पहला चुनाव : 2009 में भाजपा के रासासिंह रावत को हरा कर कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा विजयी हुए थे। ईडवा नागौर जिले से है, जो मारवाड़ क्षेत्र में आता है।
- दूसरा चुनाव : 2014 में भाजपा के हरिओमसिंह राठौड़ ने कांग्रेस के गोपालसिंह ईडवा को हराया। इसमें राठौड़ राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले थे।
- तीसरा चुनाव : 2019 में भाजपा ने जयपुर पूर्व राजपरिवार की दीया कुमारी ने कांग्रेस के देवकीनंदन गुर्जर को हराया। दीया कुमारी लोकसभा क्षेत्र से बाहर की थी, जबकि कांग्रेस ने राजसमंद सीट में ही नाथद्वारा के गुर्जर को टिकट दिया। दीया कुमारी को विद्याधर विधायक का चुनाव लड़ाकर उप मुख्यमंत्री बना दिया। पिछला चुनाव भाजपा ने करीब 5 लाख वोट से जीता था।