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Make the best of e-waste : ई-वेस्ट, खराब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सोना निकाल रहे कई देश

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Make the best of e-waste : खराब होने पर आप जो स्मार्टफोन- लैपटॉप, टीवी आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कबाड़ी को रद्दी के भाव बेच देते हैं, उसमें सोने का खजाना छिपा हुआ है। अमरीका समेत दुनिया के कई देश इलेक्ट्रॉनिक कचरे से करोड़ों का सोना निकाल रहे हैं। ब्रिटेन की द गोल्ड बुलियन कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार ई-वेस्ट से सोना निकालने में अमरीका सबसे आगे है। इसके बाद चीन, जापान, फ्रांस आदि देश हैं। सिर्फ 20% ई- ‘कचरे का निस्तारण से ये देश हजारों किलोग्राम सोना निकाल रहे हैं।

यह ई-कचरा सिर्फ एक समस्या नहीं, बल्कि एक अवसर भी है। एक टन ई-कचरे, खासकर मोबाइल फोन के स्क्रैप में लगभग 300 ग्राम सोना पाया जा सकता है। यह एक बड़ी मात्रा है और इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। 2023 में भार में 18.50 लाख टन ई-वेस्ट जनरेट हुआ था। वहीं दुनियाभर में यह आंकड़ा पिछले साल 68 लाख टन रहा। साथ ही भारत में इस साल 20 लाख टन ई-कचरा उत्पादन होने का अनुमान है, दुनियाभर में यह आंकड़ा 75 लाख टन रहने के आसार हैं।

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E-waste is the best : भारत के लिए भी मौका

E-waste is the best : अब भारत में भी ई-कचरे से सोना निकालने के लो-कॉस्ट तकनीक विकसित हो गई है। देश में ई-वेस्ट से सोना निकालने की जबरदस्त संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत में हर साल 20 लाख टन ई-कचरा हर साल जेनरेट होता है। भारत ई-वेस्ट उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुल्क है। भारत में जितना ई- कचरे का उत्पादन होता है उससे बड़ी मात्रा में सोने का उत्पादन हो सकता है। यह इस निर्भर करता है। कि ई-कचरे किस चीज का है। महंगे और बड़ी कंपनियों के गैजेट्स में ज्यादा सोना मिलने की संभावना है। Buisness Idea

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