देश में सबसे महंगे व बेहतर क्वालिटी के मार्बल में शुमार निर्झरना गांव की खदानों में वैध की आड़ में अवैध खनन होने की शिकायत के बाद एक के बाद एक मार्बल खान की गड़बड़ियां सामने आ रही है। निर्झरना में मार्बल खदानों के बीच गेप एरिया ज्यादातर जगह से गायब हो चुके हैं, जिससे तमाम खान मालिकों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। श्री द्वारकाधीश मंदिर की करीब 1700 बीघा के बीड़ में खसरा संख्या 1, 2, 3, 4, 5 में खनन के लिए लीज दी गई, मगर आज खानों के अलावा शेष जमीन भी वेस्ट की डम्पिंग से अट चुकी है। ऐसे में जब श्री द्वारकाधीश मंदिर द्वारा बीड़ में मार्बल वेस्ट को व्यवस्थित करने का कार्य शुरू किया गया, तो मार्बल खदानों की अनियमितताएं एक के बाद एक कर सामने आ रही है। शिकायत की जांच के बाद खान विभाग ने पूर्व देवस्थान मंत्री शिवदानसिंह चौहान के पुत्र ऋषिराजसिंह चौहान की 4 मार्बल खदानों के माल बेचान पर रोक लगाने के लिए ई रवन्ना को ही विभागीय वेबसाइट से डी-एक्टिव कर दिया गया है। इसके अलावा 2 अन्य खदानों की श्री द्वारकाधीश मंदिर द्वारा एनओसी रद्द कर दी है। साथ ही निर्झरना गांव की अन्य मार्बल खदानों में भी खनन क्षेत्र ओवरलेप होने, अवैध खनन की कई शिकायतें पहले ही खान विभाग के पहुंच चुकी है, मगर अभी तक किसी भी खदान संचालक पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
जानकारी के अनुसार राधे मिनरल्स की ओर से 6 फरवरी 2023 को खान एवं भू विज्ञान विभाग राजसमंद खंड कार्यालय 2 में लिखित में अवैध खनन की शिकायत दर्ज करवाई गई। इस पर सहायक खनि अभियंता व तकनीकी स्टाफ टीम द्वारा मौके की जांच की गई। उक्त जांच रिपोर्ट पर खनिज अभियंता खण्ड-2 ने अधीक्षण अभियंता को अवैध मार्बल खनन पर कार्रवाई के लिए अनुशंषा की। इस पर अधीक्षण अभियंता राजसमंद कमलेश्वर बारेगामा ने खनिज अभियंता खंड 2 और खान निदेशालय के आदेश क्रमांक 356 दिनांक 27 फरवरी 2020 को दिए दिशा निर्देशों के अनुसार तीनों खनन पट्टों के ई रवन्ना विभागीय वेबसाइट से डी-एक्टीवेट कर दिया गया। इसी बीच श्री द्वारकाधीश मंदिर कांकरोली के अधिकारी द्वारा जिनका मंदिर में भुगतान बकाया होने व अन्य अनियमितता के कारण दो मार्बल खदानों की एनओसी निरस्त कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रबंधन द्वारा जिन दो खदानों की एनओसी निरस्त की गई है, वे खाने वर्तमान में पूर्व देवस्थान मंत्री शिवदानसिंह चौहान के पुत्र ऋषिराजसिंह चौहान ने खरीद ली थी, मगर इसकी सूचना मंदिर प्रबंधन को नहीं दी गई और न ही कोई नियमानुसार शुल्क जमा करवाया गया है।
निर्झरना की सभी खानों में सीमा की स्थिति स्पष्ट नहीं
ऋषिराजसिंह चौहान की खदान में अवैध खनन की शिकायत के बाद निर्झरना गांव की अन्य सभी मार्बल खदानों की सीमा भी मौके पर स्पष्ट नहीं है। ऐसे में कुछ खानों के एक दूजे में ओवरलेप होने की शंका है, तो गेप एरिया में अवैध खनन भी हो सकता है। ऐसे में अगर खान एवं भू विज्ञान विभाग द्वारा जांच की जाए, तो अवैध खनन की सारी कारगुजारी सामने आ सकती है। क्योंकि हाल ही राधे मिनरल के मांगीलाल गुर्जर द्वारा शिकायत करने के बाद ऋषिराजसिंह चौहान की खदानों में अवैध खनन सामने आ चुका है। इस तरह अन्य मार्बल खदानों में भी इस तरह का घपला उजागर हो सकता है।
खान की एनओसी आराजी 1 में और खनन आराजी 5 पर
राधे मिनरल पसूंद द्वारा खान एवं भू विज्ञान विभाग की शिकायत दर्ज करवाई और उसके तथ्यात्मक दस्तावेज भी पेश किए गए। खान विभाग व राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार बताया कि माइनिंग लीज एमएल नं. 218/98 और एमएल 45/1995 का आवंटन पूर्णतया गलत होने का आरोप है। खान विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार आराजी नंबर 5 पर एनओसी मंदिर मंडल द्वारा राधे मिनरल पसूंद को दी गई है। हालांकि ऋषिराजसिंह चौहान का कहना है कि उक्त खान का आवंटन खान विभाग द्वारा किया गया है और उसी आधार पर उनके द्वारा खनन किया जा रहा है। इस शिकायत के बाद खान विभाग के अफसरों में हड़कंप मच गया।
खदानों के बीच का गेप एरिया कहां गया ?
निर्झरना में ऋषिराजसिंह चौहान की खदानों में गेप एरिया का मामला सामने आने के बाद अब अन्य सभी खदानों के बीच गेप एरिया को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा होने लगा है। क्योंकि निर्झरना गांव में स्थित मार्बल खदानों में कई लोगों द्वारा अवैध खनन कर डाला, जो अवैध है। हालांकि इसकी शिकायतें तो कई बार हुई, लेकिन विभाग द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही जुर्माना वसूल किया गया। इससे खान एवं भू विज्ञान विभाग के अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।
मंदिर ने वेस्ट हटाने के लिए गेप एरिया में दी एनओसी
निर्झरना में श्री द्वारकाधीश मंदिर की जमीन पर मार्बल वेस्ट को हटाने के लिए टीपी प्वाइंट बनाने के लिए ऋषिराजसिंह चौहान की खानों के बीच में खाली पड़ी जमीन पर एनओसी दी गई है, जहां पर टीपी प्वाइंट बना सकें। मौके पर उक्त जगह पर मार्बल का खनन हो चुका है, जो अवैध है। क्योंकि उक्त जमीन की न तो मंदिर द्वारा कोई एनओसी दी गई थी और न ही खान विभाग द्वारा खनन की स्वीकृति दी गई। इसके बावजूद मार्बल खनन हो गया। इससे खननकर्ता की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। साथ ही राधे मिनरल को दी गई एनओसी पर भी ऋषिराजसिंह चौहान ने सवाल उठाए थे। हालांकि मंदिर प्रबंधन द्वारा बताया गया कि मार्बल वेस्ट हटाने के लिए टीपी प्वाइंट के लिए एनओसी दी गई है।
पूर्व मंत्री पुत्र के अन्य खान मालिकों से कई बार विवाद
पूर्व मंत्री शिवदानसिंह चौहान के पुत्र ऋषिराजसिंह चौहान का आस पड़ोस के मार्बल खदान संचालकों से भी कई बार विवाद हो चुके हैं। इसको लेकर मामला केलवा थाने से लेकर खान एवं भू विज्ञान विभाग तक भी पहुंचा। खानों का सीमा विवाद बढ़ने की स्थिति में खान एवं भू विज्ञान विभाग द्वारा मार्बल खनन व परिवहन पर रोक लगा दी थी। खनन रोकने के आदेश के बावजूद ऋषिराजसिंह द्वारा खनन नहीं रोकना भी खान विभाग की जांच में सामने आया। साथ ही खानों की ई रवन्ना को पहले भी डी- एक्टिवेट किया जा चुका है। फिर जब खान मालिकों के बीच आपसी समझौता हो गया, तो फिर खान विभाग ने ई रवन्ना को एक्टीवेट कर दिया, लेकिन खान विभाग ने जांच नहीं की गई कि आखिर वैध खनन कितना हो रहा है और हो रहा है, तो उस पर कोई कार्रवाई भी नहीं की गई। इससे विभागीय अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
डम्प किए माल निस्तारण के लिए दिया ठेका
द्वारिकाधीश मंदिर प्रबंधन की ओर से उक्त बीड़ परिसर में संचालित माइंसों से निकलने वाले वेस्ट माल के निस्तारण के लिए राधे मिनरल नाम की एक फर्म को ठेका दिया गया है। ठेका लेने के बाद राधे मिनरल्स ने डम्प किए माल के निस्तारण का कार्य शुरू करने के साथ मंदिर के गैप एरिये की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मंशा से काम करने लगा। गैप एरियों पर अपने कब्जा हटाने की बात को लेकर माईंस संचालकों व ठेका लेने वाले फर्म मालिकों के बीच कई जगह शांतिपूर्ण वार्ता सफल हो गई तो कुछ जगह तकरार के हालात बन गए हैं।
राजनगर थाने में दर्ज हुई एफआईआर
निर्झरना गांव में मार्बल खननकर्ता ऋषिराजसिंह चौहान ने द्वारकाधीश मंदिर अधिकारी सहित एक दर्जन से ज्यादा कारोबारियों के खिलाफ राजनगर थाने में FIR दर्ज करवाई है। बताया कि राधे मिनरल्स के साझेदारों द्वारा उन्हें जबरन डराया, धमकाया जा रहा है और अनैतिक रुपए की मांग की जा रही है। खननकर्ता ऋषिराजसिंह चौहान ने एसपी को रिपोर्ट दी। इस पर एसपी के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। अब पुलिस द्वारा सभी पहलुओं पर गहन जांच की जा रही है। हालांकि इस संबंध में मंदिर प्रबंधन के कार्यकारी अधिकारी विनीत सनाढ्य ने बताया कि पुलिस की जांच में सब कुछ सामने आ जाएगा कि रिपोर्ट देने वाले ऋषिराजसिंह चौहान की बात में कितनी सच्चाई है।
राजस्व विभाग की जांच में सामने आएगी वास्तविकता
माईनिंग विभाग में कोई भी आवेदक खातेदारी भूमि पर लीज आवंटन कराता है तो आवेदन के पश्चात राजस्व विभाग की ओर से तय होता है कि लीज आवंटन किस स्थान पर है। उस स्थान पर खातेदार की एनओसी लाने के बाद ही लीज आंवटन की प्रक्रिया होती है। पूर्व में 80 के दशक में ऋषिराजसिंह या अन्य जो आवेदक है जो बाद में जिन्होंने अन्य के पक्ष में लीज हस्तान्तरण अपने पक्ष में करवाई है। उन सबको मंदिर मण्डल की ओर से आवेदन के विवरण अनुसार एनओसी जारी की गई, उस अनुसार ही लीज आंवटन हुई है। तब उनके आपसी व्यवहार अच्छा रहा होगा, लेकिन इन दिनों उनमें आपसी विवाद खड़ा हो गया है। जिसको लेकर प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है, उसका निस्तारण राजस्व विभाग द्वारा ही निस्तारण कराना होगा। शिकायत के अनुसार जांच हो जाएगी और जांच के तथ्यों के अनुसार ही अग्रिम कार्रवाई होगी।
कमलेश्वर बारेगामा, अधीक्षण खनि अभियंता- राजसमंद
डराने धमकाने पर दी रिपोर्ट, मंदिर एनओसी अनुचित
मुझे जबरन डराने, धमकाने व अनैतिक दबाव बनाने का प्रयास करने पर मैंने राजनगर थाने में रिपोर्ट दी है। साथ ही निर्झरना में उनकी माइंसों के बीच में राधे मिनरल को एनओसी दी गई है, जो अनुचित और नियमों के विरुद्ध है। इसीलिए वे सिस्टम से लड़ रहे हैं। गैप एरिये की एनओसी नियमानुसार उन्हें ही मिलनी चाहिए। मेरी खानों की ई रवन्ना बंद कर दी गई। आखिर क्यों बंद की है, यह मुझे नहीं माना।
ऋषिराजसिंह चौहान, खननकर्ता
जांच में सब सामने आ जाएगा
कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है। विभागीय जांच में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। ऋषिराज सिंह आदतन शिकायतकर्ता है, जो लोगों को ब्लैकमेल, परेशान और उनकी माइंसों पर कब्जा करने के लिए शिकायत कर उन्हें परेशान करते हैं। क्षेत्र में करीब 78 माइंस चल रही है, लेकिन अवैध खनन रोकने से एक ही व्यक्ति को परेशानी हो रही है।
हेमंत पालीवाल, भागीदार-राधे मिनरल्स
अवैध डम्पिंग रोकने के लिए दी है एनओसी
श्री द्वारकाधीश मंदिर की कुल 1740 बीघा जमीन है, जिसमें से 340 बीघा में ही मार्बल खदानें है, मगर अन्य जमीन पर मार्बल वेस्ट डालकर जमीन को खत्म कर दिया है। अब जमीन को व्यवस्थित करने के लिए मार्बल वेस्ट को हटाने व निस्तारण करने के लिए राधे मिनरल को ठेका दिया है। इसी के तहत टीपी प्वाइंट के लिए एनओसी दी गई है और एनओसी देना भी मंदिर का अधिकार है, जिसे चाहे उसे दें। ऋषिराजसिंह चौहान एक आदतन शिकायती प्रवृत्ति का व्यक्ति है और अनैतिक दबाव बनाकर आस पास की खदानें भी ऐंठना चाहता है। सीमावर्ती सभी खान मालिक पहले से परेशान है। इसको लेकर खान विभाग रिकॉर्ड बोल रहा है कि ऋषिराजसिंह चौहान का पुराना रिकॉर्ड कैसा है। साथ ही ऋषिराजसिंह चौहान द्वारा उनके खिलाफ राजनगर थाने में दर्ज करवाई गई एफआईआर झूठी व बेबुनियाद है। पुलिस की जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
विनीत सनाढ्य, कार्यकारी अधिकारी श्री द्वारिकाधीश मंदिर मंडल कांकरोली