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Matrikundiya Temple : मातृकुंडिया में पशुपतिनाथ मंदिर प्रतिष्ठा : संत सानिध्य में भक्ति और श्रद्धा का संगम

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Matrikundiya Temple : मेवाड़ का हरिद्वार कहे जाने वाले मातृकुंडिया में दस दिन तक संतों का समागम होगा। सनातन धर्म एवं संस्कृति की दिव्यता और आध्यात्मिक चेतना का महापर्व श्री पशुपतिनाथ महादेव नवनिर्मित मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 1 से 10 फरवरी तक आयोजित होगा। अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट समाज महासभा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित इस पावन अवसर पर वैदिक अनुष्ठानों की मंगलध्वनि गुंजायमान होगी, जिसमें संत-महात्माओं, राजनेताओं और हजारों श्रद्धालुओं का समागम होगा। संतों के सानिध्य में भक्ति की अलख जगेगी, तो श्रद्धालु पवित्र कुंड में डूबकी भी लगाएंगे।

Shree Pasupatinath temple : श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सनातन धर्म, संस्कृति एवं आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। यह आयोजन हजारों श्रद्धालुओं को भगवान शिव की कृपा का अनुभव कराएगा और सनातन संस्कृति के पवित्र मूल्यों का पुनः जागरण करेगा। इस महोत्सव में शामिल होकर भक्तजन आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होंगे और मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होंगे।

Jat Mahasabha mewar : वैदिक विधानों संग महोत्सव की भव्य शुरुआत

Jat Mahasabha mewar : 1 फरवरी से प्रारंभ होने वाले दस दिवसीय आयोजन का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा से होगा, जिसमें 11,000 महिलाएं एक समान परिधान में सजधज कर अपने शीश पर पवित्र जल से भरे कलश धारण करेंगी। इस दिव्य शोभायात्रा के माध्यम से भक्तगण पवित्र ऊर्जा का संचार करते हुए आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण करेंगे। श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शिव परिवार की प्रतिष्ठा संपन्न होगी, तत्पश्चात मंदिर शिखर पर ध्वज दंड एवं स्वर्ण कलश की स्थापना होगी। इस पुण्य अवसर पर आकाश से पुष्पवर्षा कर वातावरण को भक्तिमय बनाया जाएगा।

राजनीतिक एवं सामाजिक विभूतियों होंगी शामिल

इस आध्यात्मिक आयोजन में देश की प्रमुख हस्तियां भी सहभागी होंगी। 9 फरवरी को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, 10 फरवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, तथा 1 फरवरी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

इसके अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विभिन्न केंद्रीय एवं कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और समाजसेवी इस आध्यात्मिक उत्सव के साक्षी बनेंगे।

संतों का दिव्य समागम

अलख वेद गुरुकुल पुठवाड़िया के स्वामी जी आचार्य गौ हितेश शर्मा ने बताया कि इस आयोजन में प्रमुख संतों का समागम होगा, जिनमें अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज (सुरजकुंड), महामंडलेश्वर चेतनदास महाराज (मुंगाणा), सीताराम दास महाराज (झड़ोल) सहित अनेक संत शामिल होंगे। 3 फरवरी से 9 फरवरी तक श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण रहेगा। श्री धाम वृंदावन के धन्वंतरि दास महाराज द्वारा श्री शिव महापुराण कथा का दिव्य वाचन। इस दौरान भक्तों को भगवान शिव की अलौकिक लीलाओं और सनातन संस्कृति की महत्ता का सजीव दर्शन मिलेगा।

महायज्ञ एवं आध्यात्मिक अनुष्ठान

हर दिन प्रातः 9 बजे से अपराह्न 4 बजे तक 51 कुंडीय महारुद्र यज्ञ आयोजित होगा, जिसमें 125 विद्वान वैदिक ब्राह्मणों के सान्निध्य में जजमान आहुतियां अर्पित करेंगे। इस यज्ञ का उद्देश्य धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक ऊर्जा का जागरण करना है। यह यज्ञ संपूर्ण समाज के कल्याण और विश्व शांति के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुष्ठान होगा।

मंदिर निर्माण: श्रद्धा एवं तपस्या का प्रतिफल

इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 25 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था, जो अब पूर्णता को प्राप्त कर चुका है। अब यह दिव्य धाम भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव की प्रतिष्ठा हेतु तैयार है, जहां शिवभक्त अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे।

विशाल पंडाल एवं यज्ञशाला का निर्माण

आयोजन में 50,000 से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने हेतु विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त 51 कुंडीय यज्ञशाला और महाप्रसाद हेतु भोजनशाला भी बनाई गई है, जहां हजारों भक्तजन एक साथ प्रसाद ग्रहण करेंगे। आयोजन समिति ने विभिन्न कमेटियों का गठन कर सभी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। नव निर्मित मंदिर, यज्ञशाला और कार्यक्रम स्थल को रंगीन विद्युत रोशनी एवं आकर्षक पुष्प सज्जा से सजाया गया है।

रात्रिकालीन भजन संध्या: भक्तिरस में डूबी संध्याएं

हर संध्या भजन-संगीत से गुंजायमान होगी। भक्तों को भक्ति-संगीत की गंगा में स्नान कर आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति होगी।

संयोजन एवं आयोजन समिति

इस विराट आयोजन की व्यवस्थाओं में अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट समाज महासभा संस्थान मेवाड़ के अध्यक्ष माधवलाल जाट, जिलाध्यक्ष ओंकार वालिया, शंकरलाल जाट, मिठ्ठालाल जाट, रामेश्वरलाल जाट, संरक्षक जगदीश चौधरी मांडल, भैरूलाल जाट (आमेट), बोथमल जाट (रेलमगरा), देवीलाल जाट (भोपाल सागर), बालूराम जाट (राश्मी), रतनलाल जाट (सहाड़ा), देवीलाल जाट (रायपुर), रामलाल जाट (मावली), कपासन प्रधान भैरूलाल जाट, बद्रीलाल जाट, सुरेश चौधरी सहित समाज के वरिष्ठजन और अनेक कार्यकर्ता दिन-रात जुटे हुए हैं।

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