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राजसमंद : पुलवामा हमले में शहीद नारायण के तीन साल बाद भी नहीं बना स्मारक, ग्रामीणों में रोष

03 1 https://jaivardhannews.com/memorial-not-built-even-after-three-years-of-martyr-narayan-in-pulwama-attack-anger-among-villagers/

पुलवामा हमले में तीन साल पहले शहीद हुए नारायणलाल गुर्जर को उनके गांव बिनोल में श्रृद्धांजिल दी गई। ग्रामीणोें ने शहीद के घर पहुंच शहीद के छवि चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। शहीद की तीसरी बरसी तक भी शहीद के गांव में उनका स्मारक, उनके नाम से गार्डन और रोड नहीं बनने पर ग्रामीणों में रोष दिखा। सरपंच ने बजट और अनुमिति नहीं मिलने से शहीद का स्मारक नहीं बन पाने की बात कही। शहीद के पुत्र ने स्मारक पर राजनीति होने की बात कही।


शहीद नारायणलाल गुर्जर के घर पहुंच लोगों ने श्रृद्धांजलि दी। कुंवारिया थानेदार लालुराम जाट पुलिस जाब्ते के साथ शहीद के घर पहुंचे और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उपजिला प्रमुख सोहनीदेवी जाट, स्कूल चतुरर्भुज गुर्जर, वन समिति अध्यक्ष भंवरलाल गुर्जर, सरपंच आदि ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद के गांव में शहीद का स्मारक बनाने को लेकर राजनीति हो रही है। गांव के राजनेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं शहीद के परिवार वाले स्मारक बनने का इंतजार कर रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि तीन साल बाद भी स्मारक नहीं बन पाना दुख की बात है। ग्राम पंचायत बिनोल ने वन विभाग की जमीन पर 1.40 करोड़ का प्रस्ताव बना कर भेज रखा है।

शहीद की पत्नी ने कलेक्टर स्मारक बनवाने की मांग की
शहीद की तीसरी बरसी पर शहीद की पत्नी ने कलेक्टर मुलाकात कर बिनोल में शहीद स्मारक बनवाने की मांग की। उन्होने कहा कि 3 साल से प्रशासनिक कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक गांव में स्मारक नहीं बन सका है। 3 साल पहले नेताओं ने शहीद के नाम पर घोषणा तो कर दी, लेकिन घोषणाए अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। शहीद के पुत्र मुकेश गुर्जर ने कहा कि शहीद के सम्मान के लिए स्मारक बनाया जाना था, लेकिन राजनीति हो रही है। जल्द शहीद स्मारक बनाना चाहिए। शहीद स्मारक यादगार रहेगा और क्षेत्र के युवा प्रेरणा ले सकेंगे।

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