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Video… हादसे पर तत्काल राहत व बचाव के लिए रेस्क्यू में कौन बेहतर, राष्ट्रीय प्रतियोगिता से परखी सजगता

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

देश में भूमिगत खदानों में खनन के दौरान छोटे- बड़े हादसे होना स्वाभाविक है, मगर उस पर तत्काल उसे कैसे काबू करें और तत्काल कैसे राहत व बचाव कार्य किया जाए। इसको लेकर प्रत्येक भूमिगत माइंसों में कार्मिक व अधिकारी रेस्क्यू से प्रशिक्षित रहते हैं। देशभर में भूमिगत खदानों की कंपनियों में कार्मिक व अधिकारियों के रेस्क्यू करने की क्या क्षमता है, कितनी सजगता है, इसको लेकर खान सुरक्षा निदेशालय नई दिल्ली व हिन्दुस्तान जिंक द्वारा राष्ट्रीय खान बचाव प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें देशभर से 18 कंपनियों की 26 टीमें राजसमंद जिले के दरीबा पहुंची, जहां राष्ट्रीय खान बचाव प्रतियोगिता में कार्मिक- अधिकारियों ने रेस्क्यू में पारंगत होने की प्रतिभा दिखाई।

दरीबा स्थित हिन्दुस्तान जिंक, राजपुरा दरीबा कॉम्प्लेक्स में खान एवं बचाव निदेशालय नई दिल्ली द्वारा आयोजित अखिल भारतीय खान बचाव प्रतियोगिता का शुक्रवार को समापन हो गया। समारोह में मुख्य अतिथि खान एवं सुरक्षा महानिदेशक प्रभात कुमार थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि खान एंव सुरक्षा उप महानिदेशक उदयपुर आरटी मांडेकर, खान एवं सुरक्षा निदेशालय नागपुर के निदेशक बीपीसिंह, हिन्दुस्तान जिंक के सीईओ अरूण मिश्रा, हिन्दुस्तान जिंक हेड सीओई प्रवीण शर्मा व दरीबा खान मजदूर संघ महामंत्री कल्याणसिंह थे। पहली बार माइन रेस्क्यू के प्रशिक्षण के लिये देश की पहली माइनिंग इंजीनियर महिला प्रशिक्षु को सम्मानित करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अंडर ग्राउण्ड माइन रेस्क्यू रिले रेस का आयोजन किया गया।

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खान की सुरक्षा से ही देश का विकास संभव : प्रभात

दरीबा स्थित हिन्दुस्तान जिंक के कॉम्प्लेक्स में आयोजित खान बचाव प्रतियोगिता के समापन समारोह में खान एवं सुरक्षा निदेशालय के महानिदेशक प्रभात कुमार ने कहा कि खान के अंदर व खान के बाहर सुरक्षा ही मुख्य प्राथमिकता है। छोटी हो या बड़ी, वहां हादसे कम होंगे, तभी देश का विकास भी संभव है। विभाग का हमेशा यही प्रयास रहता है कि खान संचालक, ऑपरेटर्स व श्रमिकों को खान सुरक्षा के उपायों को लेकर सजग किया जाए और जागरूक किया जाए। अब छोटी खदानों में भी सुरक्षा के उपाय होने लगे हैं, जिससे कई हद तक हादसों में कमी आई है। वर्कर्स के परिजनों को खान सुरक्षा के बारे में बताते हैं, जिससे भी काफी जागरूकता आई है।

प्रतियोगिता से बचाव कौशल में नया निखार

हिन्दुस्तान जिंक सीईओ अरूण मिश्रा ने कहा कि अखिल भारतीय खान बचाव प्रतियोगिता के लिए नए बचाव कौशल सीखने और विकसित करने और व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक उत्कृष्ट अवसर था। सभी टीमों और उनके सदस्यों के बीच निस्वार्थ रूप से दूसरों की मदद एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग वास्तव में प्रतीत होना प्रसन्नता का विषय है। इस प्रकार के आयोजन उद्योग के लिए एक साथ आने, चुस्त रहने और एक दूसरे की सीख को बेंचमार्क करने के लिए अनिवार्य हैं। हिन्दुस्तान जिंक को उद्योग से सबसे अधिक भागीदारी के साथ सबसे बड़ी भूमिगत खदान बचाव प्रतियोगिता की मेजबानी करने पर गर्व है।

18 कंपनियों से 26 टीमों ने लिया भाग

प्रतियोगिता में देश की 18 विभिन्न कंपनियों की 26 टीम ने राष्ट्रीय खान बचाव प्रतियोगिता में भाग लिया। इस तरह प्रतिष्ठित कोयला कंपनियों मेसर्स बहर्ट कोकिंग कोल लिमिटेड, मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेसर्स साउथईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, मेटल कंपनियों से मेसर्स हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, मेसर्स मैंगनीज और इंडिया लिमिटेड, मेसर्स हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, मेसर्स यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से टीमें प्रतियोगिता में पहुंची। पहली बार प्रतियोगिता में वायरलेस संचार, भूमिगत बचावकर्मियों की वास्तविक समय स्थिति, सीसीटीवी के माध्यम से सभी बचाव कार्यों की रिकॉर्डिंग, एफएबी भूमिगत निर्माण, ब्रीफिंग ऑफिसर, रेस्क्यू रिले रेस प्रतियोगिताओं में माइंस के 200 से भी अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। इसमें प्रत्येक टीम को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान एवं 9 शिल्ड एवं कप, रेस्क्यू सर्विसेज में 25 वर्ष पूर्ण करने वाले कर्मचारियों, बेस्ट मेंबर, बेस्ट कैप्टन, माइन रेस्क्यू के प्रशिक्षण के लिए देश की पहली रेस्क्यू ट्रेंड महिला इंजीनियर प्रशिक्षु को सम्मानित किया गया। अतिथियों ने एआईएमआरसी का फ्लेग अगले वर्ष आयोजित करने वाली टीम को प्रदान किया।

सुरक्षा उपायों पर नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति

राष्ट्रीय खान बचाव प्रतियोगिता के समापन समारोह में वीडियो क्लीप, डीएवी स्कूल के छात्रों ने खान सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक, नृत्य व देशभक्ति गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में सोवेनियर का अनावरण किया गया। प्रारंभ में खान बचाव महानिदेशक प्रभात कुमार द्वारा माइनिंग संबंधी आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों से संबंधित 22 स्टाल लगाई गई, जिसका अवलोकन किया गया। अंत में आईबीयू सीईओ विनोद जांगिड ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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