राजसमंद के रोडवेज डिपो में 23 लाख रुपए का गबन करने के मामले में पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वर्ष 2013 से 2017 तक अनियमितताओं के चलते जयपुर से आई स्पेशल ऑडिट टीम ने दस्तावेजाें की जांच के बाद 23 लाख रुपए का गबन की पुष्टि की। इसके बाद डिपो कार्यालय ने न्यायालय में इस्तगासा पेश किया।
राजसमंद रोडवेज डिपो कार्यालय में वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2017 तक वित्तीय अनियमितताओं के चलते मई 2017 में जयपुर से आई स्पेशल ऑडिट टीम ने दस्तावेजों के आधार पर 23 लाख रुपए का गबन पाया था। इस पर डिपाे कार्यालय ने न्यायालय में इस्तगासा पेश किया। इस पर राजनगर थाने में प्रकरण दर्ज हुआ था। डीएसपी बैनीप्रसाद मीणा ने जांच करते हुए चार साल बाद 7 आराेपियाें काे बुधवार काे गिरफ्तार किया है। इन सभी काे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय राजसमंद में पेश किया।
एएसपी शिवलाल ने बताया कि हिरण मगरी सेक्टर 6 उदयपुर निवासी तत्कालीन प्रबंधक वित्त वरिष्ठ लेखाकार राेडवेज राजसमंद आगार हाल सेवानिवृत्त सुवीर कुमार 60 पुत्र बैनीगाेपाल तिवारी, बस्सी राेहिट जिला पाली निवासी तत्कालीन कैशियर वित्त राेडवेज राजेंद्र सिंह 36 पुत्र हिंगलाजदान चारण, 23 बालाजी विहार 6 बनाड़ राेड झोटवाड़ा थाना करधनी जिला जयपुर निवासी तत्कालीन कैशियर वित्त सुरेश 36 पुत्र भंवरलाल चण्डालिया, झाड़ सादड़ी देलवाड़ा निवासी तत्कालीन कैशियर महेंद्र सिंह 36 पुत्र भैरूसिंह सिसोदिया, कृष्णानगर कांकराेली निवासी तत्कालीन कैशियर प्रदीप 43 पुत्र नटवरलाल चौधरी, कडे़चावास थाना सायरा जिला उदयपुर निवासी तत्कालीन कैशियर मनाेहर सिंह 32 पुत्र दौलतसिंह खरवड़, 377 मीरानगर भुवाणा थाना सुखेर उदयपुर निवासी तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार प्रियंका 32 पत्नी प्रदीप चौधरी काे राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम राजसमंद डिपाे में 23 लाख रुपए गबन के आराेप में गिरफ्तार किया। सुवीर और प्रियंका के जेसी के आदेश हुए लेकिन काेविड जांच नहीं हाेने के कारण हवालात में रखा गया। शेष सभी आराेपियाें काे 2 दिन का पीसी रिमांड पर साैंपा है।
1 सितंबर 2017 काे न्यायालय से प्राप्त इस्तगासा में 57 परिचालकों ने प्रकरण दर्ज करवाया कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम राजसमंद डिपो में कार्यरत कैशियर, लिपिक तथा प्रबंधक वित्त के द्वारा 23 लाख रुपए का गबन ऑडिट टीम काे मिला था।
एसीबी ने भी की थी कार्रवाई
अप्रैल 2017 में राजसमंद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रोडवेज डिपो के वित्त मैनेजर सुवीर तिवारी व डिपो कैंटीन संचालक सत्यनारायण भांड को परिचालक से पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था। यह पांच हजार की राशि ऑडिट टीम को देने की एवज में लेना बताया था, जबकि ऑडिट टीम को किसी प्रकार का पैसा नहीं देना था। इसकी जांच चल रही है।
यह था मामला
राजसमंद रोडवेज डिपो कार्यालय के 57 परिचालकों ने 1 सितंबर 2017 काे दर्ज प्रकरण में राजसमंद डिपो में रोडवेज बसाेंं से प्राप्त राजस्व में 23 लाख की वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ था। मई 2017 में जयपुर से आई स्पेशल ऑडिट टीम ने दो दिन रुककर डिपो के लेखा विभाग से विभिन्न दस्तावेज खंगाले ताे ऑडिट को आधे ही दस्तावेज उपलब्ध थे।
ऑडिट टीम लेखा संबंधी सभी दस्तावेज अपने साथ लेकर जयपुर गई। जहां राजसमंद डिपो में 2013 से 2017 तक 23 लाख का राजस्व कम बताया। इस वित्तीय अनियमितता की गाज मौजूद 57 व 24 सेवानिवृत्त व ट्रांसफर परिचालकों पर भी पड़ी थी। डिपो के मौजूदा 57 परिचालक व बुकिंग क्लर्कों को नोटिस दिए गए थे।