Rajasthan Police : गुमशुदा बालकों की तलाश को लेकर पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने लेकर ऑपरेशन खुशी 8 अभियान के तहत किए गए प्रयासों को लेकर पुलिस अधिकारियों को सख्त दिशा निर्देश दिए। IPS Manish Tripathi ने कहा कि बच्चे अगर गुम हो जाते हैं, तो उसको लेकर आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है, ताकि बच्चों की तलाश में पुलिस को हेल्प मिल सकें। साथ ही कोई बच्चा गुम हो जाता है, तो तत्काल पुलिस थाने के साथ ऑनलाइन खोया पाया पोर्टल पर डिटेल अपलोड करके तलाशा जा सकता है। पोर्टल पर सूचना अपलोड होने पर किसी भी जगह अगर इस तरह के बच्चे का पता चलता है, तो तत्काल उसे परिजनों से मिलवाया जा सकता है।
राजसमंद जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में एसपी मनीष त्रिपाठी ने गुमशुदा बालकों के बारे में जानकारी ली। फिर पुलिस, यूनिसेफ द्वारा संचालित पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम की समीक्षा की गई। साथ ही बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी थाना क्षेत्र में बच्चों के लापता होने की सूचना आए या एफआईआर दर्ज हो, तो तत्काल उसकी सूचना पोर्टल पर अपलोड कर दें, ताकि बच्चों की तलाश का कार्य तेज हो सकें और पीड़ित लोगों को भी बेवजह परेशानी न हों। एसपी मनीष त्रिपाठी ने बालकों के मामले की गंभीरता को उदाहरण के माध्यम से समझौते हुए अन्य मामलों की तुलना में ज्यादा संवेदनशील रहने की जरूरत है। साथ ही प्रत्येक थाने में बाल हेल्प डेस्क के प्रभावी रूप से संचालन के लिए भी एसपी ने खास निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक महेंद्र कुमार पारीक, एएसपी अनन्त कुमार, जिला बाल संरक्षण इकाई सहायक निदेशक दीपेन्द्रसिंह द्वारा जिले में देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों की सूचना को संयुक्त रूप से एक प्लेटफॉर्म पर साझा करने तथा समन्वय के लिए सुझाव दिए। इस दौरान श्रम विभाग से रघुवीर सिंह, मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ की प्रभारी श्यामसिंह रत्नू, पुलिसिंग फॉर केयर ऑफ चिल्ड्रन कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय आदि मौजूद थे।
Rajsamand Police : गुमशुदा एवं तलाशे बच्चों की समीक्षा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनन्त कुमार द्वारा वर्ष 2021 से अब तक राजसमंद जिल में गुम हुए बच्चों के बारे में बताया, जबकि पुलिस, प्रशासन व अन्य संगठनों की मदद से तलाशे गए बच्चों के बारे में तथ्यात्मक आंकड़े रखे गए। एसपी मनीष त्रिपाठी ने गुम हो रहे बच्चों के मुकाबले कम मिलने पर चिंता जताते हुए पुलिस अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के खास निर्देश दिए। साथ ही थाने में दर्ज होने वाले अन्य प्रकरणों की अपेक्षा बच्चों के मामलों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। एसपी ने सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को बालकों के मामलों में ट्रैक द मिंसग चाईल्ड पोर्टल के उपयोग के लिए तथा बालकां को दास्तयाब करते समय जन्म व शिक्षा संबंधी दस्तावेजों की उपलब्धता, सामाजिक सुरक्षा योजना व पीड़ित प्रतिकर योजना से लाभान्वित करने के भी निर्देश दिए। युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत द्वारा इकाई के सुदृढीकरण तथा नवगठित कम्युनिटी पुलिसिंग युनिट्स के विभिन्न स्तरों पर क्षमतावर्धन, बालकां से संबंधित मामलों में किशोर न्याय अधिनियम तथा संबंधित अधिनियमों में प्रयोग में आने वाले प्रपत्रों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोमल पालीवाल द्वारा बालकों के मामलों में आने वाली मुख्य समस्याओं के बारे में एसपी को अवगत कराया।
Missing Children : बच्चों के बारे में तत्काल डायल करें 1098
शहर- देहात में किसी भी जगह बच्चों के बारे में कोई शिकायत, सूचना देनी है अथवा कोई परेशानी है, तो तत्काल सहायता प्राप्त करने के लिए मोबाइल से टोल फ्री नंबर 1098 डायल किया जा सकता है। बच्चा गुम होने या अज्ञात बच्चा मिलने पर भी सूचना दी जा सकती है।