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हाजिरी के लिए मेट की नहीं होगी जरूरत

राजसमंद। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक पखवाड़े से बंद मनरेगा कार्य अब दुबारा शुरू होंगे। इस संबंध में सोमवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने आदेश जारी कर दिए। मनरेगा के कामों पर श्रमिकों की ज्यादा भीड़ नहीं की जाएगी। पंचायतीराज विभाग की गाइडलाइन के अनुसार व्यक्तिगत लाभ के कामों पर अधिकतम 10 तो सामुदायिक कामों पर ज्यादा से ज्यादा 20 श्रमिक ही लगाए जाएंगे। इनको सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार कार्य करते हुए प्रतिदिन अपना टास्क पूरा करना होगा। ऐसे कार्यों पर हाजिरी लेने के लिए मेट की आवश्यकता नहीं होगी। ग्राम विकास अधिकारी या सहायक ही श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज कर दैनिक माप लेंगे।

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निमिषा गुप्ता ने सभी पंचायत समिति के विकास अधिकारियों तथा ग्राम पंचायतों के विकास अधिकारियों को पाबंद किया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 50 व्यक्तिगत लाभ के कार्य जैसे जल संग्रहण के लिए कुंड, वृक्षारोपण, केटलशेड आदि स्वीकृत करवाकर तत्काल चालू करवाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मिल सके। इसके साथ सामुदायिक कार्यों के रूप में पौधरोपण की तैयारी वाले कामों पर भी श्रमिक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।

बीपीएलए दिव्यांग और अनुसूचित श्रेणी के जॉबकार्ड धारकों को दी जाएगी प्राथमिकता
कोरोना का खतरा अभी तक बरकरार है। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रथम चरण में केवल बीपीएल, दिव्यांग, अनुसूचित जाति श्रेणी के जॉबकार्ड धारकों को ही सामुदायिक कार्यों पर लगाया जाएगा। जिला परिषद के अधिकारियों के अनुसार जिन परिवारों ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीकरण करवा लिया है, उन्हें भी नियोजन में प्राथमिकता दी जाएगी।

सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए शुरू होंगे काम
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से मनरेगा के कार्य शुरू करने संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। गाइडलाइन के अनुसार पंचायतों में व्यक्तिगत लाभ के काम ज्यादा से ज्यादा स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत अब अधिकाधिक कार्य शुरू करने के प्रयास किए जा रहे है।
निमिषा गुप्ता, जिला परिषद, राजसमंद