उत्तरप्रदेश के संतकबीरनगर में एक बंदर की मौत हो जाने पर ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ उसकी शवयात्रा निकालकर दाह संस्कार के लिए उसे बस से अयोध्या ले गए। वहां हिन्दू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया गया।
धूप अगरबत्ती दिखाकर दी अंतिम विदाई
मामला खलीलाबाद रायपुर छपिया उर्फ ठोका का है। यहां बंदर की मौत के बाद का शव यात्रा निकाली गई। लोगों ने बंदर को धूप अगरबत्ती दिखाकर अंतिम विदाई दी। लोग बताते हैं कि महीनों पहले से यह बन्दर गांव में रहता था, लेकिन कभी किसी को नुकसान नही पहुंचाता था। बच्चों को भी देखकर वह अपना रास्ता खुद छोड़ देता था। ग्रामीण उसे रोटी खिलाया करते थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदर के ब्रम्ह भोज का भी आयोजन किया जाएगा।
दाह संस्कार के लिए इकठ्ठा किया गया चन्दा
शुक्रवार की देर शाम बंदर की मौत हो जाने के बाद ग्रामीणों ने फैसला लिया की बंदर का दाह संस्कार अयोध्या में करेंगे। जिसके लिए ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर बस से धूमधाम और बैंड बाजे के साथ बंदर की शव यात्रा निकाली। उसे अयोध्या लाकर उसका अंतिम संस्कार वैदिक परम्पराओं के अनुसार किया। गांव के लोगों ने बताया कि हिन्दू धर्म के अनुसार ब्रम्हभोज कर लोगों को खिलाया जाएगा।