Rain https://jaivardhannews.com/monsoon-in-rajasthan/

राजस्थान में मानसून की आहट के बीच अनेक जिले अब तेज गर्मी की चपेट में हैं। मानसून की शुरुआती झमाझम से मिली राहत के बाद अब गर्म हवाओं ने मुश्किल खड़ी कर दी है। मौसम विभाग ने विभिन्न जगहों पर लू चलने की चेतावनी दी।मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश भागों में आगामी 4- 5 दिन मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। उत्तर भारत के राज्यों में पारा सामान्य से 7 डिग्री ऊपर चल रहा है।

पिछले 2 दिनों से दिल्ली में पारा 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, जो सामान्य से 7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। हालांकि, 3 जुलाई तक दिल्ली में हल्की बारिश होने की संभावना है। इससे तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है। प्रादेशिक मौसम विभाग के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्वत के मुताबिक, पूर्वी दिशा से आने वाली नमी वाली हवाओं को पश्चिमी दिशा से चल रही पश्चिमी हवाएं रोक रही रही हैं। इस लिए दिल्ली को मानसून के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा और UP भी चपेट में
दिल्ली के साथ हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और पश्चिमी यूपी के इलाके तीन दिन से जबरदस्त लू की चपेट में हैं। इन इलाकों में अभी माानसून की एंट्री भी नहीं हुई है। दरअसल, पाकिस्तान से आने वाली हवाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसमान में मानसून की हवाओं को दो हफ्ते से रोके हुए हैं।

एक-दो दिन में मिल सकती है राहत
केरल में दो दिन की देरी से पहुंचा मानसून इतना तेज दौड़ा कि 10 दिन में ही देश के 80% हिस्से में छा गया, लेकिन अब अटका हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि 3 जुलाई से अरब सागर से नम हवाएं गुजरात, राजस्थान और दिल्ली पहुंचने लगेंगी, तब गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। मानसून का ब्रेक 7 जुलाई तक जारी रह सकता है। इसके बाद बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएं उत्तर भारत में पहुंचने लगेंगी, तब मानसून फिर सक्रिय होगा। 11-12 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र भी बनेगा, जिससे कमजोर पड़े मानसून को ताकत मिलेगी। हालांकि, तब तक थोड़ी देर हो जाएगी। क्योंकि, आमतौर पर 8 जुलाई तक मानसून पूरे देश में छा जाता है, लेकिन इस बार इसमें एक हफ्ता ज्यादा लग सकता है।

मुश्किल डगर है बारिश करने वाले बादलों की

  • पंजाब-हरियाणा-राजस्थान में लगातार पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिसके चलते मानसून की उत्तरी रेखा का पूर्वी छोर 13 जून और पश्चिमी छोर 19 जून को जहां पहुंचा था, एक जुलाई को भी वहीं ठहरा रहा। अगले 7 दिन भी शायद आगे नहीं बढ़े।
  • मानसून रेखा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर में बीते दो हफ्ते से अटकी हुई है। इस बार मानसून दस्तक देने के 10वें दिन ही चार राज्यों को छोड़ देश के 80% भूभाग में छा गया था। अब आगे नहीं बढ़ रहा है।
  • IMD के मुताबिक, मानसून के दौरान जून में देशभर में 16.7 सेमी बारिश होती है, इस बार 18.3 सेमी बारिश हुई है। यानी मानसून के पहले महीने में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई है। मध्य भारत में सर्वाधिक 17% ज्यादा बारिश हुई है।