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Rajsamand : शहर में 100 से अधिक ब्याज माफिया, हथियारों के दम पर 10-20 रुपए सैकड़ा से वसूली, ऋणी कर रहे आत्महत्या

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Rajsamand : जिले में मार्बल सहित खनिज प्रदान क्षेत्र होने के चलते बड़े-बड़े फाइनेंसर बैंक सहित स्थानीय स्तर पर फ्री लांसर फाइनेंसर का भी कारोबार वृहद स्तर पर संचालित हैं। कई लोग सूदखोरों के चंगुल में ऐसे फंसे हुए हैं कि वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। इसके चलते लोग और कर्ज से दबते चले जाते हैं। ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस पूरी तरह सुस्त है। इसके चलते इन लोगों के हौसले बुलंद है।

स्थानीय लोगों के अनुसार राजसमंद में फ्री लांसर फाइनेंसर के जाल में कई लोग फंसे हुए हैं। जिनके निकलने का रास्ता दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ रहा हैं। इसको मामले में जब पड़ताल की तो सामने आया कि ब्याज माफियाओं का यह नेटवर्क शहर भर में फैला है और इसके चंगुल में शहर के कई लोग हैं। शहर में वर्तमान में 100 से अधिक ब्याज माफिया सक्रिय हैं। जो 10 से लेकर 20 रुपए सैकड़ा तक ब्याज वसूल रहे हैं और इसे चुकाने में लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं। रुपए नहीं चुकाने पर वसूली के लिए यह माफिया और इनके गुर्गे अवैध हथियारों का सहारा लेते हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन्हें पुलिस की भी शह है।

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RBI गर्वनर ने चेताया

वर्तमान आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने अत्यधिक ब्याज दर वसूलने वाली एनबीएफसी को चेताया है, परंतु उनकी चेतावनी का असर नगण्य है। इन संस्थाओं ने ऋण वसूली के लिए प्रताड़ना, धमकी, हमला, मारपीट, हिंसा व सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के तरीकों पर उच्च न्यायालय ने अनेक प्रकरणों में चिंता व्यक्त कर इन तरीकों को गैर कानूनी घोषित किया है। परंतु कंपनियों द्वारा उपरोक्त तरीकों का प्रयोग बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से जारी है। कानून की जानकारी के अभाव में ऋणी इन कंपनियों की गैरवाजिब वसूली का भुगतान करता है तथा अत्याचार सहन करता रहता हैं।

ऋण के चलते किराणा व्यापारी ने कर दी आत्महत्या

राजसमंद कांकरोली थाना क्षेत्र के नया बाजार स्थित तेली मोहल्ले में कर्ज से परेशान किराणा व्यापारी ने पत्नी की हत्या कर खुद फांसी लगा ली। मंगलवार सुबह गमगीन माहौल में दंपती का अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले पिता लक्ष्मीलाल ने हत्या की धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया। शिकायत पर पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंपा। सुलूस रोड स्थित श्मशान पर व्यापारी की इच्छा अनुसार एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। थानाधिकारी हनुवंतसिंह ने बताया कि तेली मोहल्ला नया बाजार कांकरोली निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक लक्ष्मीलाल तेली ने शिकायत दी कि उनके पुत्र किराणा व्यापारी जसवंत (47) ने कर्ज से परेशान होकर सोमवार शाम करीब सवा 5 बजे पत्नी हेमलता (44) की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद स्वयं ने मकान की तीसरी मंजिल पर साड़ी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पूर्व दो वीडियो वायरल करते हुए करीब 18 मैसेज तेली समाज के ग्रुप में वायरल कर कर्ज की जानकारी दी। वीडियो में बताया कि कोरोना काल के बाद कर्जा अधिक होने के साथ व्यापार ठप हो गया। लोगों के रुपए वापस नहीं कर पाने से पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद स्वयं की जान देने की बात कही थी। 5 दिन पहले कंपनी ने लोन देने का वादा कर शनिवार को लोन देने के लिए कहा, लेकिन सोमवार को दिवालिया बताकर लोन देने से मना कर दिया, जिससे परेशान होकर आत्महत्या करने का कदम उठाने का निर्णय लिया। समाज के एक व्यक्ति पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। उसकी जानकारी कर साक्ष्य जुटाए जाएंगे, जिसे प्रताड़ित करना प्रमाणित होता है तो आगे का अनुसंधान जारी रहेगा।

कोई भी वसूली के लिए ऋणी के साथ गाली-गलौज, हिंसा नहीं कर सकता

पूर्व लोक अभियोजक अधिवक्ता ललित साहू ने बताया कि वर्तमान समय में भारत में तीन प्रकार की गैर बैंकिंग कंपनियां व संस्थाएं हैं जो लोगों को ऋण उपलब्ध करवाती हैं। प्रथम एनबीएफसी, द्वितीय एमएफआई, तृतीय फ्रीलांसर। एनबीएफसी जहां बैंकों की तरह काम करती है, वहीं एमएफआई अत्यंत लघु माइक्रो ऋण उपलब्ध करवाती है, ये दोनों आरबीआई के दिशा निर्देशानुसार संचालित होते हैं। आरबीआई ने इनके लिए अधिकतम ब्याज वसूल करने की कोई सीमा निर्धारित नहीं कर रखी है। इसलिए ये 10 से लगाकर 36 प्रतिशत वार्षिक ब्याज लोगों से वसूलते हैं। इसके अतिरिक्त लोन प्रोसेसिंग चार्ज, पैनल चार्ज, फॉर क्लोजर चार्ज, डॉक्यूमेंटेशन चार्ज, चेक बाउंस चार्ज के रूप में भी इनके द्वारा लोन अमाउंट का लगभग 7 से 8 प्रतिशत राशि वसूल की जाती है। हद तो यह है कि लोन स्टेटमेंट की कॉपी के लिए भी यह लोग 590 रुपए वसूलते हैं। न्यायालय के आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति या संस्था वसूली के लिए ऋणी के साथ गाली-गलौज, हिंसा, मारपीट प्रताड़ना नहीं कर सकता है। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो ऋणी को योग्य अधिवक्ता से संपर्क कर कानूनी मदद लेनी चाहिए। निःशुल्क विधिक सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।

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कर्ज देने वाला अधिक ब्याज ले तो करें शिकायत

कर्ज देने वाला बहुत अधिक ब्याज दर पर अपने कर्ज की वसूली कर रहा है, तो पीड़ित पुलिस थाने पर ऐसे अवैध व्यापार को चलाने वाले के खिलाफ शिकायत कर सकता है। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दस साल की सजा का प्रावधान है, जो गैर जमानती है। सैशन न्यायालय में इसकी ट्रायल चलती है।

मनीष त्रिपाठी, एसपी, राजसमंद

डर के मारे उधार भी उधार लेकर चुका रहे हैं पीड़ित

ऐसे कई ब्याज माफिया शहर में फैले हैं, जिनके खिलाफ समय-समय पुलिस थाने में शिकायतें आती रहती हैं। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक युवक ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर एक फाइनेंसर से 10 हजार रुपए 6 माह पहले 20 रुपए सैकड़ा के ब्याज पर लिए लेकिन ब्याज इतना है कि वह नहीं चुका पा रहा। ब्याज देने वाले कई बार घर आकर धमका गए। पुलिस से भी मदद मांगी थी, लेकिन नहीं मिली। अब जैसे- तैसे दूसरी जगह से उधार लेकर रुपए दे रहे हैं और अपनी जान बचा रहे हैं। किसी को कर्ज पर 10 हजार रुपए लेना है तो फाइनेंसर मूल रकम से एक हजार रुपए फाइल चार्ज और एक महीने का ब्याज एडवांस काटकर उसे सिर्फ साढ़े 8 हजार रुपए के करीब ही देते हैं। ये तारीख पर रुपए नहीं लौटाने पर पहले दिन पेनल्टी 100 रुपए, दूसरे दिन 200 रुपए के क्रम में बढ़ती रहेगी।

निराश व्यक्ति को दें संबल

मनोचिकित्सक डॉ. लालचंद कटारिया का कहना है कि कोई भी व्यक्ति निराश होकर व सभी जगह से उम्मीद के रास्ते बंद होने पर हताशा में आत्महत्या करने का रास्ता चुनता है। इससे बचने के लिए अपने परिवारजनों, दोस्तों, आस-पास के लोगों को परेशानी में मदद करने की आदत डालनी चाहिए, हताश लोगों को संबल देना चाहिए।

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