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मासूम बच्चे का गला काट हत्या का षड़यंत्रकारी कौन, 17 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली

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करीब एक पखवाड़े पहले मासूम 8 वर्षीय बच्चे की निर्मम हत्या के मामले में 17 दिन बाद भी आरोपियों के बारे में पुलिस कोई सुराग नही जुटा पाई है। दूसरी तरफ परिजन अब भी स्त्ब्ध है, परेशान है और रह रहकर उसे याद कर रो पड़ते हैं। अब तो परिजनों की आंखें पथरा सी गई है, मगर पुलिस हत्या के बदमाशों को नहीं पकड़ पाई है। अफवाह और सवाल यह भी है कि मासूम बच्चे की नरबलि तो नहीं दे दी। खैर, पुलिस हर एक पहलू से गहन जांच में जुटी हुई है।

यह खौफनाक घटना है राजस्थान में अलवर जिले के शाहजहांपुर में बंजारा बस्ती की। बस्ती में 20 अगस्त शाम छह बजे 8 साल का अनिल पतंग उड़ा रहा था, तभी रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई। परिवार के लोग दिन ढलने के साथ ही तलाश करने ग गए और रातभर तलाशते रहे, मगर कोई पता नहीं चल सका। फिर दूसरे दिन 21 अगस्त को सुबह छह बजे उसका शव बंजारा बस्ती के पास ही जोहड़ी तालाब पर झाड़ियों में पड़ा मिला। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, तब पता चला कि अनिल का गला काटा है और पेट में भी चाकू घोंपा गया है। इस तरह मासूम बच्चे की नृशंस हत्या हुई है, जिसे देखकर हर किसी की रूह कांप जाए। ऐसे हालात थे उस वक्त मौके के। घटना के बाद से लगातार पुलिस तहकीकात में जुटी है, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं मिले। इधर, घर पर मातम छाया हुआ है, बच्चे की मां की आंखों से आंसू सुख चुके हैं, तो बार बार सुबक सुबक कर रो रही है। साथ ही हर रूलाई पर वह पुलिस से गुहार भी लगा रही है कि आखिर उनके बेटे को किसने मारा, उसका पता लगाओ और न्याय दिलाओ।

नरबलि की भी नहीं हुई अभी पुष्टि

शाहजहांपुर पुलिस उप अधीक्षक आमिर हसन ने बताया कि पुलिस ने हत्या को लेकर क्षेत्र के सारे सीसीटीवी फुटेज देखे, मगर अनिल के बारे में कोई तथ्य नहीं मिला। लोगों की शंका पर नरबलि के एंगल से भी जांच करते हुए कुछ संदिग्ध व लोगों से पूछताछ की, मगर इसको लेकर कोई पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल पुलिस द्वारा हर एक पहलू से गहन जांच की जा रही है, लेकिन अभी तक हत्या को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि आखिर इसकी हत्या किसने की और क्यों ? यह सवाल लोगों के जेहन में भी बना हुआ है, तो पुलिस भी इन्हीं सवालों के इर्द गिर्द जांच में जुटी हुई है।

करण हत्याकांड के तथ्य भी इससे मिलते जुलते

अलवर जिले के ही शाहजहांपुर में 9 साल पहले भी ऐसा ही हत्याकांड हुआ था। अनिल हत्याकांड की तरह ही 2014 में करण (9 वर्ष) नाम के मासूम बच्चे की हत्या हुई थी। शाहजहांपुर थाने में मुकेश कुमार ने अपने बेटे की हत्या की 21 अप्रैल 2014 में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तब भी गांव रातभर तलाश करता रहा, लेकिन पता नही चला था। बाद में उसका शव रायसर तालाब में मिलता था। उस वक्त जांच में पता चला था कि ननद गिरिजा देवी और गोविंददास के बच्चे नहीं होने पर उसकी नरबलि दे दी।

परिजन रोज थाने के लगा रहे चक्कर

अनिल की हत्या के बाद परिवार के लोग रोज पुलिस थाना शाहजहांपुर के चक्कर लगा रहे हैं, मगर अभी तक कोई खुलासा नहीं हो पाया है। अभी तक हत्यारों का कुछ पता नहीं लगा। परिजनों को भी किसी पर शक नहीं है, मगर फिर भी पुलिस तो तकनीकी के आधार पर भी जांच कर रही है, तो क्षेत्रीय लोगाें से अलग अलग एंगल से पूछताछ करते हुए हत्या के पीछे की कहानी का पता लगाने में जुटी हुई है।

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