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Nav Sanvatsar : नव संवत्सर पर राजसमंद शहर में सनातन धर्म के जयकारों के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। चौतरफा केसरिया ध्वज लहराए, तो महिलाएं भी केसरिया पोशाक में सज धजकर चल रही थी। श्रद्धा और उल्लास के साथ निकली शोभायात्रा में सनातन धर्म के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। भजनों की धुन पर बच्चों से लेकर युवाओं ने जमकर नृत्य किया, तो हाथों में भगवा झंड़े लिए युवा श्रीराम के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे। ऊंट घोड़े और बग्गीयों पर देवी देवताओं, महापुरुषों की झाँकीयां भी आकर्षण का केंद्र रही। चारभुजानाथ के बेवाण के साथ अलग-अलग स्वरूपों और मंदिरों की सुंदर झांकियां विराजित थी। घोड़े पर राम, लक्ष्मण व सीता की विशेष सजीव झांकी आकर्षण का केंद्र रही। शहर की सड़कों पर एक साथ महिलाएं लाल चुनरी, साड़ी पहने कलश लिए चल रही थी। युवाओं की अलग-अलग टोलियां हाथों में भगवा लिए गगनभेदी जय घोष करते चल रहे थे। आखिर में आयोजितधर्मसभा में महंत ने नवसंवत्सर मनाने के रोचक तथ्य बताए।

राजसमंद शहर के दीनदयाल उपाध्याय सर्कल राजनगर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा सदर बाजार, ढाणी चबूतरा, गणेश चौक, किशोर नगर, जलचक्की, बस स्टैंड, चौपाटी, जेके मोड होते हुए कांकरोली द्वारकेश वाटिका पहुंचकर धर्मसभा में तब्दील हो गई। धर्मसभा को महंत स्वामी ज्ञानानंद सरस्वती कैलाश टेकरी खमनोर ने संबोधित किया। मंच पर संत बिहारीदास महाराज, संत रामदास महाराज, द्वारिकाधीश मंदिर के सहायक अधिकारी विनीत सनाढ्य के साथ बिनोल के शहीद नारायण लाल गुर्जर की विरांगना मोहनी देवी गुर्जर व नववर्ष समारोह समिति के प्रभुलाल घुमंतू आसीन थे। शोभायात्रा का जगह जगह विभिन्न समाज व संगठनो द्वारा पुष्पवर्षा व पेयजल, शरबत, छाछ, फ्रूटी वितरित के साथ स्वागत द्वार लगा कर स्वागत किया गया। शोभायात्रा में राजसमंद शहर के ओड समाज चारभुजा मंदिर, सेवाली चारभुजा मंदिर, बड़ा चारभुजा मंदिर, मालीवाडा चारभुजा मंदिर, नंदवानवास चारभुजा मंदिर, भोईवाड़ा चारभुजा मंदिर, मालनिया चौक चारभुजा मंदिर, चवरा कुमावत समाज चारभुजा मंदिर के वैवाण शोभायात्रा में रहे।

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Nav Sanvatsar : महंत ज्ञानानंद ने बताया नववर्ष का रोचक तथ्य

Rajsamand शहर के द्वारकेश वाटिका कांकरोली में आयोजित धर्मसभा को महंत ज्ञानानंद सरस्वती ने संबोधित किया। सभा में महंत ज्ञानानंद ने कहा कि यदि हमें गर्व से जीने की भावना जगानी है, अपने हृदय में देशभक्ति का बीज बोना है, तो हमें हिन्दू राष्ट्रीय कैलेंडर तिथियों का आश्रय लेना होगा। जो परायों की तारीखों पर भरोसा करता है, वह गुलाम बन जाता है और आत्म-सम्मान खो देता है। उन्होंने किा कि यह तथ्य केवल तिथि का नहीं है। यह इस धरा को संस्कृति, रीती-रिवाज, परम्परा, जलवायु आदि का मार्मिक परिवर्तन है। यह दुनिया का सबसे प्राचीनतम तरीका है। नववर्ष मनाने का जो पूरी तरह खगोलीय एवं वैज्ञानिक है। यहां तक कि 1752 तक इंग्लैंड भी 25 मार्च को नववर्ष मनाता रहा है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था। धार्मिक परंपराओं के साथ सांस्कृतिक संबद्धता का सम्मान भी सर्वोपरि है। संस्कारों को सार्थक करने की ऐसी पहल बदलते दौर में इसलिए भी आवश्यक हो गई है, ताकि मूल्यों और मान्यताओं को लेकर युवा पीढ़ी का विश्वास बना रहे। यह न केवल एक नया साल है, बल्कि यह नवीनता, समृद्धि और उम्मीद का भी प्रतीक है। यह नया साल नए लक्ष्य निर्धारित करने और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाने का अवसर प्रदान करता है। हिंदू नव वर्ष न केवल एक नया साल है, बल्कि यह आत्म-चिंतन और आत्म-सुधार का समय भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर आदि शक्ति प्रकट हुई थी।

Rajsamand : शोभायात्रा व धर्मसभा में इनकी गरिमामयी उपस्थिति

Nav Sanvatsar : शोभायात्रा में आयोजन सह सयोजक मीठालाल शर्मा, फतहचन्द शामसुखा, मांगीलाल कुमावत, हरकचंद मंत्री, लिलेश खत्री, ललित साहू, प्रकाश जोशी, रमेश पालीवाल, गिरिराज श्रीमाली, महेंद्र कोठारी, सतीश आचार्य, कैलाश जोशी केलवा, सभापति अशोक टांक, पूर्व पालिका अध्यक्ष दिनेश पालीवाल, अशोक रांका, पूर्व सभापति आशा पालीवाल, सुरेश पालीवाल, पार्षद आशीष पालीवाल, नीलेश पालीवाल, हेमंत रजक, सूर्यप्रकाश जांगिड़, उत्तम खिंची, मुरली भोई, प्रकाश प्रजापत, मोहन कुमावत, अनिल खंडेलवाल, रमेश वैष्णव, मनोज पारिख, सुशील बडाला, सुरेश सोनी, मानसिंह बारहठ, नर्बदा शंकर पालीवाल, रामलाल जाट, संदीप शामसुखा, खुशकमल कुमावत, डालचंद कुमावत, छोटू माली, प्रदीप खत्री, प्रहलाद वैष्णव, आनंद पालीवाल, परमानंद पालीवाल, लोकेश जावद, कमलेश कोठारी, रतन तेली, गिरीश साहू, सोनिका सोनी, सोना सिंह राव, कौशल्या पालीवाल, वर्धिनी पुरोहित, टीना पालीवाल, पूजा बंग, पूजा पालीवाल, चेतना राठौड़, बिंदिया चौधरी, सोनम गुप्ता, पूजा गुर्जर आदि मौजूद थे।

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Nav Sanvatsar : इन संगठनों की रही सहभागिता

नव संत्वसर की शोभायात्रा व धर्मसभा में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, सेविका समिति, मातृशक्ति, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय जनता पार्टी, वनवासी कल्याण परिषद, भारतीय जनता युवा मोर्चा, हिंदू जागरण मंच, सेवा भारती, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, किसान संघ, क्रीड़ा भारती, सहकार भारती, लघु उद्योग भारती, स्वदेशी जागरण मंच, भारत विकास परिषद, राष्ट्रीय सिख संघ की सहभागिता रही। शोभायात्रा के चलते शहर में चप्पे चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात था। कानूनी व्यवस्थाओं को लेकर एएसपी महेंद्र पारिख, डीएसपी विवेकसिंह, सीआई योगेश चौहान, हनवंतसिंह सौढ़ा, संगीता बंजारा, पुष्पेंद्रसिंह, यातायात प्रभारी सुरेशचंद्र सहित कई अधिकारी मोर्चा संभाले हुए थे।

21 से ज्यादा झांकियां रही रोचक,

दीनदयाल उपाध्याय सर्कल से निकली शोभायात्रा में 21 से अधिक झाँकीया को शामिल किया गया। सामाजिक संगठनों व विद्यालयों की और से झांकियों को तैयार किया गया था। शोभायात्रा में शामिल कलश यात्रा के लिए महिलाओं को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजनगर में कलश वितरित किये गए। यहां पर कलश वितरण के बाद विशाल कलश यात्रा मुख्य शोभायात्रा में शामिल हुई।

धर्मसभा के बाद महाप्रसाद वितरण

द्वारकेश वाटिका कांकरोली में आयोजित धर्मसभा के बाद मुख्य द्वार पर महाप्रसाद पैकेट का वितरण किया गया। नववर्ष समारोह समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि कुल 2 क्विंटल प्रसाद तैयार किया गया। शोभायात्रा व धर्मसभा को सामाजिक संगठनों, व्यायामशाला व अखाड़ों के युवाओं ने अनुशासित रूप से संभाले रखा।

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