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NDA Government के नए चेहरे पर माथापच्ची, BJP-TDP-JDU चाहते ED वाली मिनिस्ट्री, शपथ 9 को

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NDA Government : देश में लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने घटक दलों के साथ मिलकर एनडीए की तीसरी सरकार बनाने के लिए नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर दावा पेश कर दिया। Narendra Modi तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे, मगर बीजेपी के साथ TDP व JDU तीनों ही दल ED वाली मिनिस्ट्री चाहते हैं। BJP, TDP or JDU तीनों के बीच स्पीकर, गृह, रक्षा, वित्त विभाग की कमान को लेकर माथापच्ची हो रही है। इस बीच 9 जून सुबह 7.15 बजे नई सरकार के शपथ ग्रहण का समय तय हो गया है। नरेंद्र मोदी के पीएम पद की शपथ लेने के तुरंत बाद NDA के 14 सहयोगी दलों के 18 सांसद भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इसमें 7 कैबिनेट और 11 स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री को पद की शपथ दिलाई जा सकती है। हालांकि, फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी अभी नहीं दी गई है। फिर भी यह तो स्पष्ट है कि नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की डिमांड पूरी किए बिना नई सरकार का गठन मुश्किल दिख रहा है।

Election 2024 Result : माना जा रहा है कि TDP को 4, JDU को 3, LJP और शिवसेना को 2-2 मंत्री पद मिल सकते हैं। हालांकि, नीतीश ने 4 कैबिनेट और एक राज्यमंत्री पद की डिमांड रखी है। खबरें हैं कि BJP के बाद NDA की सबसे बड़ी पार्टी TDP और JDU स्पीकर के पद साथ वित्त मंत्रालय मांग रहे हैं। इसकी वजह है कि जांच एजेंसी ED वित्त मंत्रालय के तहत आती है। BJP के सूत्र बता रहे हैं कि रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मंत्रालय BJP अपने पास ही रखेगी। ये फैसला पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हुई बैठक में लिया गया है। BJP स्पीकर का पद भी अपने पास रखेगी। साथ ही चुनाव जीतने वाले सभी मंत्री रिपीट हो सकते हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी भूमिका मिल सकती है। वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सीतारमण की जगह पीयूष गोयल को दी जा सकती है। हालांकि, अभी मंत्रियों का पोर्टफोलियो तय नहीं हुआ है। नई कैबिनेट में दो महिला मंत्री भी शामिल की जा सकती हैं। इनमें दिल्ली से सांसद बांसुरी स्वराज को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। ओडिशा से अपराजिता सारंगी के कैबिनेट में आने की पूरी संभावना है। वे भुवनेश्वर से लगातार दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। कर्नाटक से JD (S) सांसद एचडी कुमारस्वामी को मंत्री बनाया जा सकता है। केरल में BJP को पहली सीट दिलाने वाले सुरेश गोपी भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं। गोवा से लगातार छठवीं बार सांसद बने श्रीपद नाईक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। जम्मू-कश्मीर से डॉ. जीतेंद्र सिंह, हरियाणा से राव इंद्रजीत, दिल्ली से रामवीर सिंह बिधूड़ी को मंत्री बनाया जा सकता है।

BJP Government : सरकार गठन की सार्वजनिक चर्चा न करने की सलाह

सूत्रों के अनुसार एनडीए की नई सरकार गठन को लेकर कितने मंत्री किस पार्टी के होंगे, इसको लेकर लगभग फॉर्मूला तय हो चुका है। सभी सहयोगी दलों को सलाह दी है कि अभी कैबिनेट गठन को लेकर सार्वजनिक रूप से किसी तरह की चर्चा नहीं करें। एनडीए के सभी सहयोगी दलों में इस बात को लेकर सहमत बन गई है कि प्रधानमंत्री की ओर से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभाएंगे। JDU सांसद लवली आनंद ने रेलवे मंत्रालय के सवाल पर कहा, “बिल्कुल (जदयू को) मिलना चाहिए। पहले भी ऐसा ही था।” जदयू सांसदों ने बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की भी बात फिर दोहराई है।

स्पीकर, वित्त मंत्रालय पर खींचतान बरकरार

NDA में BJP के बाद TDP के पास सबसे ज्यादा सांसद हैं। TDP दो कैबिनेट और दो राज्यमंत्री के पद मांग रही है। मंत्रिमंडल में TDP के 4 मंत्री रहना तय है। लोकसभा स्पीकर का पद भी चाहती है। BJP स्पीकर का पद किसी कीमत पर नहीं देना चाहती। फिलहाल मंत्री पद के लिए श्रीकाकुलम सीट से जीते राममोहन नायडू, गुंटूर से जीते पेम्मासानी चंद्र शेखर, नरसारावपेट से जीते लावू श्रीकृष्ण देवरायलु का नाम तय है। विशाखापट्टनम से जीतने वाले श्रीभरत को भी जगह मिल सकती है। सूत्रों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और ग्रामीण विकास मंत्रालय TDP को देने की बात चल रही है। 2019 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने 16 सीटें जीती थीं। BJP ने उसे दो मंत्री पद ही दिए तो नीतीश नाराज हो गए। कैबिनेट में शामिल ही नहीं हुए। अब 12 सांसदों वाले नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका में हैं। इससे उनकी बारगेनिंग पावर बढ़ी है। अब तक फिलहाल रेल मंत्रालय और कृषि मंत्रालय पर बात हुई है। परिवहन मंत्रालय पर भी बात चल रही है। JDU को 3 मंत्री पद मिलना तय है। मंत्री बनने वालो में संजय झा का नाम सबसे आगे है। नीतीश कुमार के बेहद करीबी संजय झा को इसी साल अप्रैल में राज्यसभा भेजा गया है। संजय झा मिथिलांचल में JDU के मजबूत ब्राह्मण चेहरा हैं। देवेश चंद्र ठाकुर को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वे फिलहाल बिहार विधान परिषद के सभापति हैं। देवेश चंद्र ठाकुर साफ छवि के नेता माने जाते हैं। हालांकि, संजय झा और देवेश चंद्र ठाकुर में से कोई एक मंत्री ही बन सकते हैं। नीतीश के सबसे खास और JDU के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है। अति पिछड़ा जाति से आने वाले भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को भी पहली बार मौका मिल सकता है।

चिराग व मांझी के साथ ही चुनाव हारे कुशवाहा भी दावेदार

चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी का स्ट्राइक रेट 100% रहा है। LJP (रामविलास) 5 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी जीत लीं। ऐसे में चिराग पासवान को एक कैबिनेट व दो राज्यमंत्री के पद मिलने पर राय बनी है। ऐसी भी खबर है कि BJP हाईकमान सिर्फ चिराग को मंत्रिमंडल में जगह दे सकता है। नीतीश अगर कृषि मंत्रालय छोड़ने के लिए तैयार हुए, तो ये मंत्रालय चिराग को मिल सकता है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अपनी पार्टी ‘हम’ के इकलौते सांसद हैं। इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। काराकाट से चुनाव हार चुके उपेंद्र कुशवाहा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उपेंद्र कुशवाहा बिहार में कुशवाहा बिरादरी के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सात सीटें जीती हैं। पार्टी एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद मांग रही है। शिवसेना की तरफ से श्रीरंग बारणे, प्रतापराव जाधव और संदीपान भुमरे का नाम चर्चा में है। दूसरी तरफ अजीत पंवार फिलहाल मौन है। NCP (अजित पवार गुट) भी एक कैबिनेट पद की डिमांड रख सकती है। अजित पवार की पार्टी को मिली इकलौती सीट जीतने वाले सुनील तटकरे अंदरखाने मंत्री बनने की कोशिश में हैं।

मोदी ने किया सरकार बनाने का किया, राष्ट्रपति ने दिया न्यौता

NDA ने शुक्रवार दोपहर 3 बजे सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। एनडीए गठबंधन के नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को समर्थन पत्र सौंप दिया। उसके बाद शाम 6 बजे मोदी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस पर राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया है। इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को दही, चीनी खिलाकर शुभकामनाएं दीं। भारतीय संस्कृति में किसी भी अहम काम को शुरू करने से पहले दही, चीनी खाना शुभ माना जाता है। बैठक के बाद मोदी ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनके घर जाकर मुलाकात की। 7 जून को नरेंद्र मोदी को NDA संसदीय दल का नेता चुन लिया था। पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई बैठक में NDA के सभी 293 लोकसभा सांसदों, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM मौजूद रहे।

क्या हारे कैंडिडेट भी बन सकते हैं फिर मंत्री

BJP ने इस बार 50 केंद्रीय मंत्रियों को टिकट दिया था। इनमें 19 मंत्री हार गए। चुनाव हारे मंत्रियों में स्मृति ईरानी और राजीव चंद्रशेखर को दोबारा मौका मिल सकता है। स्मृति 2014 में भी अमेठी से हारने के बावजूद कैबिनेट मंत्री बनी थीं। उन्हें राज्यसभा के जरिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया था। इसी तरह मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान हार के बावजूद मंत्री बनाए जा सकते हैं। BJP के बहुमत से दूर रहने की एक वजह UP में पार्टी का कमजोर परफॉर्मेंस है। इस कारण मोदी 2.0 में UP से 13 मंत्री बनाए थे, लेकिन इस बार इस बार कुछ ही पुराने नेता मंत्री बनेंगे। इनमें लखनऊ सीट से लगातार तीसरी बार जीते सांसद राजनाथ सिंह का मंत्री बनना तय है। योगी सरकार में मंत्री और पीलीभीत से जीतने वाले जितिन प्रसाद को पार्टी मौका दे सकती है। UP के पूर्व डिप्टी CM डॉ. दिनेश शर्मा भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। महेश शर्मा और लक्ष्‍मीकांत वाजपेयी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। BJP की सहयोगी RLD के दोनों प्रत्‍याशी चुनाव जीते हैं, लिहाजा पार्टी अध्‍यक्ष जयंत चौधरी भी पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं। अपना दल (सोनेलाल) की अध्‍यक्ष अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से तीसरी बार जीती हैं। वे भी कैबिनेट में रिपीट हो सकती हैं। इनके अलावा महाराजगंज सांसद पंकज चौधरी, झांसी से अनुराग शर्मा और हाथरस से अनूप बाल्मीकि के नाम की भी चर्चा है।

राजस्थान से भी फिर उन्हीं चेहरे की चर्चा

राजस्थान में BJP को 2019 में 25 में से 24 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी को सिर्फ 14 सीटें मिली हैं। अर्जुनराम मेघवाल, भूपेंद्र यादव मंत्री पद के लिए रिपीट हो सकते हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत भी मंत्री बनाए जा सकते हैं। लोकसभा स्पीकर रहे ओम बिरला का रोल क्या होगा, अभी साफ नहीं है।

चुनावी परिणाम पर यह रहा बहुमत का गणित

लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा का गणित बदल गया। भाजपा को 240 सीटें ही मिल पाई, जिससे पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि NDA ने 293 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। NDA में भाजपा के अलावा 14 सहयोगी दलों के 53 सांसद हैं। गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू की TDP 16 सीटों के साथ दूसरी व नीतीश कुमार की JDU 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। दोनों ही पार्टियां इस वक्त भाजपा के लिए अहम हैं, इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है। फिलहाल एनडीए के सभी घटक दलों ने मिलकर नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया है, मगर सभी घटक दलों के पसंदीदा मंत्रालय को लेकर मंथन जारी है।

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