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New Criminal Law : 1 जुलाई 2024 से, भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं – भारतीय न्याय अधिनियम (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)। ये नए कानून 51 साल पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) को बदलेंगे। इन कानूनों के तहत, महिलाओं के खिलाफ अपराधों में पहले से कहीं ज्यादा सख्त सजा का प्रावधान है। साथ ही अब पीड़ित व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। कुछ अपराधों के लिए, अपराधियों को जेल की सजा के बजाय कम्युनिटी सेवा करनी होगी। नए कानूनों का उद्देश्य जल्दी न्याय प्रदान करना और लंबित मामलों की संख्या को कम करना है। इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को अब पहले से ज्यादा महत्व दिया जाएगा। नए कानूनों में भाषा और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।

What are three new criminal laws in India? : 20 पॉइंट में जानिए तीनों नए कानून में क्या खास है: BNS, BNSS, BSA

What are three new criminal laws in India? : 1 जुलाई 2024 से भारत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) – के बारे में 20 महत्वपूर्ण बातें:

1. पुराने मामलों पर प्रभाव: 1 जुलाई से पहले दर्ज हुए मामलों में नए कानून लागू नहीं होंगे।
2. नए मामलों पर लागू: 1 जुलाई से दर्ज होने वाले सभी मामलों में नए कानून लागू होंगे।
3. BNSS में बदलाव: BNSS में कुल 531 धाराएं हैं। 177 धाराओं में संशोधन, 14 धाराओं को हटाना, 9 नई धाराएं और 39 उप धाराएं जोड़ना शामिल है।
4. BNS में बदलाव: BNS में कुल 357 धाराएं हैं। पहले की 511 धाराओं को सम्मिलित करते हुए बदलाव किए गए हैं।
5. BSA में बदलाव: BSA में कुल 170 धाराएं हैं। 6 धाराओं को हटाना, 2 नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ना शामिल है।
6. इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का महत्व: ऑडियो-वीडियो, फॉरेंसिक जांच और ई-सूचना जैसे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को अब पहले से ज्यादा महत्व दिया जाएगा।
7. जीरो FIR का अधिकार: कोई भी नागरिक कहीं भी जीरो FIR दर्ज करा सकेगा। जांच के लिए मामला संबंधित थाने में भेजा जाएगा।
8. ई-सूचना से FIR: हत्या, लूट या रेप जैसी गंभीर धाराओं में भी ई-एफआईआर हो सकेगी। वॉइस रिकॉर्डिंग से भी पुलिस को सूचना दी जा सकेगी। हालांकि फरियादी को तीन दिन के भीतर पुलिस थाने में जाकर FIR कॉपी पर साइन करना होगा।
9. फरियादी को दस्तावेज: फरियादी को एफआईआर, बयान से जुड़े दस्तावेज और आरोपी से हुई पूछताछ के बिंदु भी मिलेंगे।
10. जल्दी न्याय: FIR के 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करना होगा। चार्जशीट दाखिल होने के 60 दिनों के भीतर आरोप तय होंगे।
11. फैसला और उसकी कॉपी: मामले की सुनवाई पूरी होने के 30 दिन के भीतर फैसला होगा और 7 दिनों के भीतर उसकी कॉपी दी जाएगी।
12. हिरासत में लिए गए व्यक्ति की जानकारी: पुलिस को हिरासत में लिए गए व्यक्ति के बारे में उसके परिवार को लिखित में सूचना देनी होगी।
13. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध: BNS में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए 36 धाराएं हैं। रेप के लिए सख्त सजा का प्रावधान है। नाबालिग के साथ दुष्कर्म : यदि पीड़ित की आयु 16 वर्ष से कम है, तो अपराधी को 20 साल का कठोर कारावास, आजीवन कारावास या जुर्माने का प्रावधान है। गैंगरेप: यदि पीड़ित वयस्क है और गैंगरेप होता है, तो अपराधी को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
14. अपडेट एसएमएस से: पीड़ित को उसके केस से जुड़े हर अपडेट मोबाइल नंबर पर एसएमएस से मिलेंगे।
15. राजनीतिक मामलों में बदलाव: राज्य सरकारें अब राजनीतिक मामलों को एकतरफा बंद नहीं कर सकेंगी।
16. गवाहों की सुरक्षा: गवाहों की सुरक्षा के लिए प्रावधान है।
17. इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य: तमाम इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी कागजी रिकॉर्ड की तरह कोर्ट में मान्य होंगे।
18. मॉब लिंचिंग अपराध: मॉब लिंचिंग अपराध के दायरे में आ गया है। इस केस में 7 साल की कैद या उम्रकैद या फांसी की सजा का प्रावधान है। शरीर पर चोट पहुंचाने वाला भी अब अपराध कहलाएंगें जिसके तहत धारा 100 या 146 लागू होगी।
19. चुनावी अपराध: चुनावी अपराधों के लिए धारा 169-177 निर्धारित की गई है।
20. अन्य अपराध: संपत्ति को नुकसान, चोरी, लूट, डकैती, मानहानि, दहेज हत्या और दहेज प्रताड़ना के लिए भी प्रावधान हैं। इसमें मानहानि को धारा 356 के अंतगर्त रखा गया है। साथ ही दहेज हत्या पर 79 की धारा का प्रावधान है।

Three New Criminal Laws : 45 दिन के भीतर करना होगा फैसला

Three New Criminal Laws : Home minister अमित शाह ने कहा कि नए कानूनों को भारतीय नागरिकों के लिए संसद द्वारा बनाया गया है। शाह ने कहा कि अब नए कानूनों के अंर्न्तगत आपराधिका मामलों में फैसला मुकदमा पूरा हाेने पर 45 दिन के भीतर ही आएगा। साथ ही 60 दिन के भीतर आरोप भी तय कर दिए जाएंगें।

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New Indian Criminal Laws 2024 : नए कानून में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए कड़े प्रावधान

New Indian Criminal Laws 2024 : 1 जुलाई 2024 से लागू हुए तीन नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े कई नए प्रावधान शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए नया अध्याय:

  • यह अध्याय दंड संहिता में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से संबंधित सभी अपराधों को एक साथ सम्मिलित करता है।
  • इसमें घरेलू हिंसा, एसिड अटैक, मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न, बाल विवाह, बाल श्रम, और बाल यौन शोषण जैसे अपराध शामिल हैं।

बच्चों को खरीदना और बेचना गैरकानूनी:

  • अब किसी बच्चे को खरीदना या बेचना गैरकानूनी और जघन्य अपराध है।
  • इस अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें आजीवन कारावास भी शामिल हो सकता है।

नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद:

  • अब नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने पर मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा हो सकती है।
  • यह पहले के प्रावधानों की तुलना में कहीं अधिक कठोर सजा है।

जानकारों की राय : नए आपराधिक कानूनों पर मिश्रित प्रतिक्रिया

नए आपराधिक कानूनों को लेकर कानूनी विशेषज्ञों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ का मानना ​​है कि ये कानून आवश्यक हैं और अपराध को कम करने में मदद करेंगे, जबकि अन्य चिंता व्यक्त करते हैं कि इनका दुरुपयोग किया जा सकता है और नागरिक स्वतंत्रता का हनन हो सकता है।

कानूनों का समर्थन करने वाले विशेषज्ञों का तर्क है:

  • कानून अपराधियों को सजा देने में अधिक कठोर होंगे: नए कानूनों में सख्त दंड का प्रावधान है, जो अपराधियों को अपराध करने से रोकने में मदद करेगा।
  • कानून कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अधिक शक्तियां देंगे: इससे वे अपराध को अधिक प्रभावी ढंग से रोक और जांच कर सकेंगे।
  • कानून समाज को अधिक सुरक्षित बनाएंगे: कम अपराध के साथ, लोग अपने समुदायों में अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

कानूनों का विरोध करने वाले विशेषज्ञों का तर्क है:

  • कानून मनमाने और दुरुपयोग के लिए खुले हैं: कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दी गई व्यापक शक्तियों का दुरुपयोग किया जा सकता है, जिससे नागरिकों के अधिकारों का हनन हो सकता है।
  • कानून निष्पक्ष नहीं हैं: कानून गरीबों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करते हैं।
  • कानून अपराध की जड़ का समाधान नहीं करते हैं: कानून अपराध के मूल कारणों, जैसे गरीबी और असमानता को दूर नहीं करते हैं।

New Criminal Laws Facts : विपक्ष दलों ने किया नए कानूनों का विरोध

New Criminal Laws Facts : बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नए अपराधिक कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर इन पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने भी इस कानून को लेकर असहमति जताई। विपक्षी दलों का कहना है कि इस कानून को बिना विपक्ष की मंजूरी के लागू किया है। विपक्ष ने कहा कि इन कानूनों की फिर से जांच की जाए।