राजसमंद जिले में सैकड़ों नर्सिंग छात्रों के साथ चिकित्सा विभाग द्वारा बड़ा मजाक किया है, जिसकी वजह से छात्र नियुक्ति के इंतजार में दूसरा कोई कार्य ही नहीं कर पाए। 3 माह की समयावधि के लिए करीब 600 से ज्यादा नर्सिंग छात्रों को कोविड स्वास्थ्य सहायक के पद पर भर्ती किया था, मगर ढाई माह पूरे होने के बाद भी उन्हें ज्वाइनिंग नहीं देकर बड़ा मजाक किया है।
यह भर्तििकतसा विभाग कोरोना संक्रमण में तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अस्थायी तौर पर भर्ती निकाली गई थी। इसके तहत जिला, ब्लॉक व गांव स्तर के अस्पतालों में कोविड स्वास्थ्य सहायक के पद पर ज्वाइनिंग दी जानी थी, मगर ढाई माह बाद भी ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर नर्सिंग छात्रों ने चिकित्सा विभाग के प्रति आक्रोश जताया है। साथ ही चेतावनी दी गई कि जल्द ही ज्वाइनिंग नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन करेंगे।
नर्सिंग छात्र संगठन भारत के बैनर तले दर्जनों नर्सिंग छात्र जिला कलक्ट्री में एकत्रित हुए। उसके बाद सांसद दीया कुमारी के नाम ज्ञापन कार्यालय में ज्ञापन दिया गया, जबकि जिला कलक्टर अरविंद कुमार पोसवाल और चिकित्सा भवन पहुंचकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाशचंद्र शर्मा को ज्ञापन दिया गया। छात्रों ने कहा कि जब विभाग ने भर्ती कर दिया, तो अब ज्वाइनिंग क्यों नहीं दी जा रही है, जबकि अन्य जिलों में नियुक्तियां हो चुकी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया कि जिला परिषद से बजट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञापन में बताया कि 31 जुलाई तक तीन माह के लिए यह भर्ती निकाली गई थी, मगर ढाई माह बीतने के बावजूद अभी तक ज्वाइनिंग नहीं दी गई। साथ ही निजी अस्पतालों में में कई युवकों के बगैर नर्सिंग डिग्री के ही नर्सेज के पद पर कार्य करने वाले को हटवाने की मांग की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निजी अस्पतालों में कार्यरत नर्सेज को न्यूनतम 20 हजार रुपए मासिक वेतन दिलाने की पालना करवाने की मांग की गई। इस दौरान गौरव बुनकर, आशीष त्रिवेदी, आदित्य, वीरेंद्र कुमार, गिरधारीसिंह, विजय, नरेश, अखिलेश यादव, नवीन कुमार, नीतेश कुमार आदि मौजूद थे।