प्रदेश में नवगठित भजनलाल शर्मा सरकार में दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने को असंवैधानिक बताते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर की खंडपीठ में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को राहत प्रदान करते हुए जनहित याचिका को तर्कहीन मानते हुए खारिज कर दिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित भी किया है।
हाईकोर्ट ने कहा जनहित याचिकाओं का बहुत दुरुपयोग हो रहा है। यह मामला भी इसी श्रेणी का है। याचिकाकर्ता प्रैक्टिसिंग अधिवक्ता भी हैं, मगर फिर भी बिना अध्ययन किए इस तरह की जनहित याचिका कोर्ट में दायर कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि आजकल जनहित याचिकाओं का दुरुपयोग काफी बढ़ गया है। यह मामला भी इसी श्रेणी में आता हैं।
उप मुख्यमंत्री लिखने से शपथ अवैध नहीं हो जाती है
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कहा कि दोनों उप मुख्यमंत्री ने संविधान में शपथ को लेकर निर्धारित प्रपत्र के आधार पर ही शपथ ली है। केवल उप मुख्यमंत्री शब्द बोल देने से शपथ अवैध नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर देश के 5 हाई कोर्ट इस तरह के मामलों में शपथ को वैध करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह याचिका पूरी तरह से तथ्यहीन और दुर्भावना से प्रेरित है। ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए।
अल्बर्ट हॉल पर हुआ था शपथ ग्रहण समारोह
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने 15 दिसंबर 2023 को अल्बर्ट हॉल पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ ही पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए थे। दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की शपथ को वकील ओमप्रकाश सोलंकी निवासी खिरणी फाटक के पास, खातीपुरा, जयपुर ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि संविधान में उप मुख्यमंत्री के पद का उल्लेख ही नहीं है। ऐसे में शपथ को असंवैधानिक करार दिया जाए।