तीन बेटों के हंसते खिलते परिवार में शराब के नशे में रोज की मारपीट से तंग आकर पत्नी ने अपने ही पति की लोहे के सरिए से वार कर हत्या कर दी। आवेश में ऐसा कदम उठाकर महिला ने बुढ़ापे में खुद अपना सुहाग उजाड़ दिया। पुलिस की जांच में जैसे जैसे पत्नी की तरफ शक गहराता गया, फिर भी पुलिस अधिकारी हैरान रह गए कि आखिर 56 वर्ष की उम्र में महिला ऐसा कदम कैसे उठा सकती है। फिलहाल वारदात कबूलने के बाद पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया।
जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि 2 अक्टूबर रात करीब 3 बजे राज्यावास निवासी 60 वर्षीय किशनलाल तेली का शव कमरे में खून से लथपथ पड़ा होने की सूचना उसी की पत्नी मनोहरी बाई ने आस पड़ोस के लोगों को दी। इस पर बाबूलाल सुथार, बाबूलाल लौहार, शंभू सनाढ्य, किशनलाल लौहार पहुंच गए। साथ ही बाबूलाल लौहार ने पैतृक मकान पर रह रहे उनके बेटे निर्मल कुमार व राजकुमार को फोन पर सूचना दी। इस पर दोनों बेटे भी मौके पर पहुंच गए। बाद में राज्यावास सरपंच को भी घटना की जानकारी दी गई। इस पर सरपंच प्रतिनिधि विक्रमसिंह भाटी ने पुलिस को सूचना दी और खुद भी मौके पर पहुंच गए। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल का बारीकी से परीक्षण किया। मकान के अंदर ही एक दुकान है, जिसमें आटा चक्की लगी है। एक तरफ शटर है, तो मकान के अंदर किवाड़ व खिड़की भी है। दुकान के अंदर दीवार पर खून लगा हुआ था। शरीर पर बनियान व अंडरवियर पहनी हुई थी। खून से शव पूरा लथपथ हो गया था और दुकान में बल्ब भी जल रहा था। शटर बंद होने के बाद चाबी दुकान में मिली, जो भी पुलिस के लिए जांच का विषय था। शटर बंद होने के साथ दुकान में दरी बिछी हुई थी, पास में एक गिलास व थोड़ी सी शराब से भरी बोतल पड़ी हुई थी। पुलिस ने घटना स्थल का बारीकी से परीक्षण करते हुए सारे भौतिक हालात को सूचीबद्ध करते हुए पंचनामा तैयार किया गया। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पत्नी व बेटों ने बताया कि घर में अज्ञात व्यक्ति ने घुसकर हत्या कर 8 लाख रुपए चुरा ले गए। चोरी की नियत से ही हत्या करना बताया। पुलिस ने किशनलाल तेली की हत्या का प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर दी। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों द्वारा शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस की जांच आगे बढ़ी, तो हत्या का राज खुलता गया
राज्यावास में किशनलाल तेली की 2 अक्टूबर की रात को हत्या के बाद पुलिस द्वारा सबसे पहले उसकी पत्नी मनोहरीबाई से ही गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में मनोहरीबाई ने अलग अलग तरह के जवाब दिए, जिससे पुलिस का शक और गहरा गया। क्योंकि इस बीच पुलिस की पूछताछ में गांव में पता चला कि किशनलाल की गांव में किसी व्यक्ति से कोई लड़ाई झगड़ा, विवाद नहीं था। बाद में पुलिस ने जब महिला को थाने पर लाकर सख्ती से पूछताछ की, तो हत्या करना कबूल कर लिया। क्योंकि घटना स्थल पर महिला की चुड़ियां टूटी हुई बिखरी पड़ी मिली थी। साथ ही घर में पति- पत्नी ही रहते थे और बाहर से अन्य कोई व्यक्ति आकर हत्या करके जाता, तो पत्नी को पता क्यों नहीं रहता। इसलिए पुलिस ने उसी आधार पर पूछताछ करते हुए तकनीकी व भौतिक सबूतों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई तो पूरी वारदात का पर्दाफाश हो गया।
आठ लाख रुपए लूट का भी आरोप
निर्मल तेली ने थाने में दी रिपोर्ट में बताया था कि उसकी देवगढ़ निवासी भुआजी भागवन्ती बाई द्वारा दस लाख रुपए राज्यावास के शंकरलाल खारोल को उधार दिए थे। इस पर शंकरलाल खारोल द्वारा 10 लाख रुपए वापस किशनलाल तेली को लौटा दिए थे। इस पर 2 लाख रुपए उसके पिताजी के बैंक खाते में जमा करवा दिए, जबकि 8 लाख रुपए दुकान में ही पड़े हुए थे। इसलिए किशनलाल की हत्या के बाद 8 लाख रुपए चोरी करना बताया गया। बताया कि उक्त रुपए के बारे में दोनों बेटो व पति- पत्नी को ही जानकारी थी।
मिर्गी का दौरा पड़ता रहता था वृद्ध काे
पुलिस पूछताछ में पत्नी मनोहरीबाई ने कबूल किया कि उसके पति आए दिन शराब के नशे में आते और उसके साथ रोज मारपीट करते थे। इसी वजह से वह परेशान हो गई। इसके तहत 2 अक्टूबर को जब उसके पति किशनलाल को मिर्गी का दौरा पड़ गया, तो पत्नी ने मौका पाकर उसे खींचकर दुकान के अंदर ले गई, जहां लोहे के पाइप से वार करते हुए हत्या कर दी। किसी को शक न हो। इसके लिए मकान के अंदर वाला दरवाजा दुकान के अंदर से बंद कर दिया, ताकि एकाएक उसकी पत्नी पर हत्या का शक न जाए।
त्वरित कार्रवाई में यह है पुलिस टीम
- श्री दुर्गाप्रसाद दाधीच पु0नि0
- श्री शान्तिलाल स0उ0नि0
- श्री दिलीप सिंह हैड कानि 204
- श्री जगदीश चन्द्र हैड कानि 656
- श्री पुरणसिंह हैडकानि 112
- श्री शम्भुप्रताप सिंह हैड कानि 694
- श्री विक्रम सिंह हैड कानि 38
- श्री सुरेश चन्द्र हैड कानि 794 एमओबी टीम
- श्री फतहलाल हैड कानि 678 एमओबी टीम
- श्री हिम्मत सिंह कानि 479
- श्री मयुर कुमार कानि 395
- श्री जीतराम कानि 1123
- श्री अरविन्द कानि 606
- श्री विनोद कुमार कानि 418
- श्रीमती लीला मकानि 579
- सुश्री दीपीका मकानि 776
- श्री विक्रमसिह कानि. 927
- श्री यशवन्तनाथ कानि. 924