दिलीप वैष्णव @ रेलमगरा
राजसमंद जिले में बजरी परिवहन करने वाले वाहनों की रफ्तार पर पुलिस, प्रशासन व खान महकमा अंकुश नहीं लगा पा रहा है। इसी के चलते रेलमगरा थाना क्षेत्र में भुरवाड़ा के पास बजरी से भरे बेकाबू ट्रेक्टर ने बाइक सवार एक व्यक्ति को टायर तले रौंद डाला। हादसे में पिता की मौत हो गई, जबकि बेटा गंभीर घायल है।
पुलिस के अनुसार हादसे में ओड़ा से रेलमगरा जा रहे व्यापारी 40 वर्षीय अंबालाल पुत्र मांगीलाल कुमावत की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनका पुत्र रितेश उर्फ कालू गंभीर घायल हो गया। हादसे के बाद घायल रितेश को आरके जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार जारी है। इसके अलावा पिता अंबालाल की मौत होने पर उनके शव को रेलमगरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोर्चरी में रखवा दिया। हादसे के बाद ओड़ा से सैकड़ों ग्रामीण रेलमगरा अस्पताल के बाहर पहुंच गए और बजरी माफिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही 10 लाख रुपए मुआवजे की मांग उठाई। बाद में रेलमगरा प्रधान आदित्यप्रतापसिंह चैहान, जिला परिषद सदस्य लेहरूलाल अहीर भी पहुंच गए। बताया कि ट्रेक्टरों की बेकाबू रफ्तार की वजह से यह हादसा हुआ है। अपरान्ह करीब तीन बजे तीन लाख रुपए मुआवजा खनन माफिया से दिलाने का आश्वासन मिला, तो लोग शांत हुए। साथ ही मृतक के बेटे को हिन्दूस्तान जिंक में नौकरी दिलाने का भी प्रधान चैहान ने आश्वासन दिया। इस दौरान रेलमगरा तहसीलदार अभिनव शर्मा, पुलिस उप अधीक्षक महेंद्र कुमार, रेलमगरा थाना प्रभारी भरत योगी, भाजपा मंडल अध्यक्ष चतरसिंह राजावत, नंदलाल सिंघवी, बोथमल जाट, कुमावत समाज युवा शक्ति प्रदेश अध्यक्ष रतन नांदोलिया, बाबूलाल, रामचंद्र, सीताराम कुमावत सहित क्षेत्र के कई लोग मौजूद थे।
दस लाख मांगे, मिले तीन लाख
भुरवाड़ा में हादसे के बाद बड़ी तादाद में ग्रामीण रेलमगरा अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए और बजरी माफिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की मांग की। बाद में पुलिस, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में समझाइश की गई और तीन लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। हालात बेकाबू होने पर मौके पर विशेष पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया।
ग्रामीणों ने लगाए नारे, किया प्रदर्शन
बजरी माफिया के साथ ही पुलिस व प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी की। लोगों का कहना था कि न तो गांवों में बजरी से भरे ट्रेक्टर, डम्पर व अन्य वाहनों की रफ्तार पर अंकुश है और न ही जिम्मेदार अधिकारी गंभीर है। अभी बजरी खनन पर पूर्णतया रोक है। क्योंकि वर्तमान में कोई लीज नहीं होने के बावजूद बजरी का खनन हो रहा है, लेकिन सभी नेता व प्रशासन के अधिकारी मौन साधे हुए हैं।