sarpanch https://jaivardhannews.com/order-to-remove-sajjan-singh-from-the-post-of-shishoda-sarpanch-on-third-child/

राजसमंद. संभागीय आयुक्त उदयपुर राजेंद्र भट्ट ने आदेश जारी कर शिशोदा सरपंच सज्जनसिंह को अपात्र घोषित कर दिया है। सरपंच रहते हुए तीसरे बच्चे का जन्म होने की शिकायत के बाद जिला परिषद सीईओ द्वारा जांच करवाई गई, जिसमें शिकायत सही पाई गई। संभागीय आयुक्त ने पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं।

संभागीय आयुक्त भट्ट के आदेश के अनुसार 16 जुलाई 2021 को जिला परिषद सीईओ नीमिषा गुप्ता द्वारा जांच करवाई गई, जिसमें शिशोदा सरपंच सज्जनसिंह के तीसरी संतान होना सामने आया। इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट के बाद संभागीय आयुक्त द्वारा सुनवाई के लिए सरपंच सज्जनसिंह को 22 जुलाई को व्यक्तिगत उपस्थित होने के लिए तलब किया। इस पर न तो सरपंच सज्जनसिंह ने कोई जवाब प्रस्तुत किया और न ही व्यक्तिगत उपस्थित होकर कोई स्पष्टीकरण दिया। इस पर संभागीय आयुक्त द्वारा राजसमंद जिला परिषद सीईओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर शिशोदा सरपंच सज्जनसिंह को अपात्र घोषित कर दिया। इसके तहत सरपंच पद से भी स्वत: हट गए और सरपंच पद रिक्त होने से अब पंचायतीराज विभाग द्वारा दोबारा चुनाव कराया जाएगा। इधर, सरपंच सज्जनसिंह अब कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

संभागीय आयुक्त ने आदेश में यह दिए निर्देश


संभागीय आयुक्त के आदेशानुसार शिशोदा सरपंच सज्जनसिंह के खिलाफ राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 19 (ठ) के तहत पद पर रहते हुए तीसरी संतान होने के परिप्रेक्ष्य में राजसमंद सीईओ ने 16 जुलाई से जांच रिपोर्ट प्रेषित किए जाने पर सरपंच को 22 जुलाई को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया था। सरपंच व्यक्तिगत सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हुएए नहीं उनकी तरफ से किसी प्रकार का कोई जवाब आया। प्राप्त जांच रिपोर्ट में अभिलिखित निष्कर्ष के आधार पर सरपंच सज्जनसिंह सरपंच चुनाव बाद तीसरी संतान होने से शासन सचिव एवं आयुक्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग जयपुर के 3 जुलाई व 7 अक्टूबर 2014 में प्रदत्त निर्देशों के क्रम में 22 जुलाई से कार्रवाई प्रस्ताव पंचायती राज विभाग को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया। अतिरिक्त आयुक्त एवं संयुक्त सचिव (जांच) ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग जयपुर के अनुमोदन के बाद सरपंच सज्जनसिंह के तीसरी संतान होने से पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 39(1) (क) के तहत दोषी मानते हुए धारा 39(2) के प्रावधानों के तहत शिशोदा सरपंच सज्जनसिंह को पंचायती राज संस्थाओं के किसी भी पद पर बने रहने के लिए अपात्र घोषित करते हुए इनका पद रिक्त किया जाकर आगामी वर्षों में होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के किसी भी चुनाव को लडऩे के लिए स्थायी रूप से अपात्र घोषित कर दिया है।