राजसमंद। नाथद्वारा अस्पताल में सीपेप मास्क का जुगाड़कर करके कोरोना के गंभीर मरीजों को शत प्रतिशत ऑक्सजीन देकर उनकी जान बचाई है। ऐेसे गंभीर मरीज जब अस्पताल लेकर आए तब उनको ऑक्सीजन लेवल 50 से 70 के बीच में था। नाथद्वारा अस्पताल में डॉ. बीएल जाट ने कोरोना के वृद्ध गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन पूरी मिले इसके लिए अपने आईडिया से सीपेप मास्क का जुगाड़ करके बेन सर्किट से जोड़कर मरीजों के मास्क लगाया। एक महीने मरीजों को शत प्रतिशत ऑक्सीजन पहुंचाकर उनकी जान बचाई। इसका परिणाम यह रहा कि मरीज को शत प्रतिशत ऑक्सीजन उसके फेंफड़ों तक गई। जबकि सामान्य मास्क से मरीज को 40 से 50 से प्रतिशत तक ही ऑक्सीजन जा पाती है।
एमडी ऐनेथेसिया डॉ. बीएल जाट ने बताया कि आम तौर पर लगने वाले ऑक्सीजन मास्क से मरीजों को पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। ऐसे में पहले से उनका ऑक्सीजन लेवल कम होता था। ऐसे में ऐनेथेसिया (बेहोश करने की दवा) के दौरान काम आने वाले उपकरण जिससे मरीज को शत प्रतिशत ऑक्सीजन दी जाती है। इस तकनीक का उपयोग करके वेंटीलेटर के सीपेप मास्क को पहले तो पाइप के माध्यम से जोडऩे का प्रयास किया। लेकिन मास्क में फिटिंग नहीं होने से अधिक प्रेशर कभी कभार पाइप निकल जाती थी। इसके बाद कई सारी कम्पनियों से बात करके सीपेप से जोडऩे वाली पाइप की तलाश की गई। ऐसे में सीपेप विद नॉन वेंटेड टाइप के मास्क जो बेन सर्किट से जुडऩे जाते हैं मिल गए। जिससे जोड़कर मरीजो के मास्क लगाकर शत प्रतिशत ऑक्सीजन दी गई। हालांकि लम्बे समय तक मास्क लगने रहने से मरीज के नाक पर निशान बन जाते है। ये वो मरीज है, जो जिनका ऑक्सीजन लेवल 50 से 70 आ रहा था। ऐसी गंभीर स्थिति में जुगाड़ के मास्क को बेन सर्किट से जोड़कर ऑक्सीजन दी गई। इसके साथ ही उनको खाने में हाई प्रोटीन आदि दिया गया। अधिकांश मरीज एक महीने से अधिक अवधि तक भर्ती रहे। ऐसे में अस्पताल में युवा व वृद्ध दोनो ही प्रकार की उम्र के मरीज ठीक होकर घर गए।
दुर्गा देवी (34) जब अस्पताल आई तब इसका ऑक्सीजन लेवल 70 आ रहा था। जहां दुर्गा देवी को सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में एक महीने तक दुर्गा देवी को जुगाड़ का ही सीपेप मास्क बेन सर्किट से लगाकर ऑक्सीजन दी गई। ऐसे में 34 दिन बाद कोरोना की जंग जीतकर बुधवार को अस्पताल से छुट्टी हुई।
प्रकाश चंद्र (30) का एचआरसिटी में स्कोर 23 का था। आक्सीजन लेवल 75 आ रहा था। ऐसे में इसे भी सीपेप मास्क को बेन सर्किट से जोड़कर ऑक्सीजन दी गई। एक महीने तक मास्क लगाए रखने के लिए नाक पर घाव भी हो गए। लेकिन जिंदगी जंग जीतने के लिए घाव भी सह गए।
वृद्ध देवीलाल (65) पिछले 18 दिनों से नाथद्वारा अस्पताल में भर्ती है। ऐसे में ऑक्सीजन लेवल कम होने से अभी भी सीपेप बने सर्किट पर है। लेकिन ऑक्सीजन लेवल बढ़ गया।लहरी बाई (75) जब अस्पताल लेकर आए तब इनकी हालत काफी गंभीर थी। वृद्धा को इसी प्रकार से ऑक्सीजन देकर 25 दिनों में रिकवर किया। न्यूट्रीशन के लिए 24 घंटों राउंडवार डाक्टर की ड्यूटी लगा रखी है।
डॉ. बीएल जाट ने बताया कि मरीज को बराबर न्यूट्रीशन भी दिया गया। जिससे उनकी रिकवरी तेजी से हुई। सीपेप मास्क के नीचे स्ट्रो से मरीज को लिक्विड फूड दिया जा सकता है। ऐसे में मरीज को बराबर न्यूट्रीशन मिलता रहा। इसके लिए राउंडवार तीन डाक्टरों की ड्यूटी भी लगा रखी है। जो मरीजों के खाने पीने के लिए ही प्रेरित करते रहते है। मरीज को प्रोन पॉजिशन (उल्टा सोने वाले), मरीज को मोटीवेट करते रहना आदि कर्य करते है।