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राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री सम्मान, 4 लाख से अधिक पौधे लगाकर बंजर भूमि को हरा-भरा किया

01 18 https://jaivardhannews.com/padma-shri-award-to-shyam-sunder-paliwal-of-rajsamand-made-the-barren-land-green-by-planting-more-than-4-lakh-saplings/

राजसमंद के पिपलांत्री ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्यामसुंदर पालीवाल को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पालीवाल को यह सम्मान पिपलांत्री ग्राम पंचायत में सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करने पर दिया गया। पालीवाल ने ग्राम पंचायत की चारागाह भूमि पर 4 लाख से अधिक पौधे बंजर भूमि पर लगाकर क्षेत्र को हरा-भरा करने का काम किया था। पालीवाल 2005 से बेटी बचाओं, पौधारोपण, जल संरक्षण के लिए उत्कृष्ट काम कर रहे है। पालीवाल के काम से पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार तक प्रभावित हुए है।

गांव में बेटी जन्म पर लगाते है 111 पौधे
साल 2006 में पालीवाल की बेटी किरण का 16 साल की उम्र में निधन हो गया था। इसके बाद पालीवाल ने बेटी बचाओं पर काम शुरू किया। बेटी जन्म पर पिपलांत्री में 111 पौधे लगाने का रिवाज शुरू किया। पंचायत क्षेत्र में सालभर में करीब 60 बेटियों का जन्म होता है। 2006 से बेटी जन्म पर पेड़ लगाने का काम जारी है।

बारिश के पानी को बचाने के लिए मेढ़बंदी की गई। बारिश का पानी पहाड़ों से बहकर चला जाता था। इसके लिए सरपंच ने प्रयास कर पहाड़ के पानी को रोकने के लिए मेढबंदी की और डेम का निर्माण किया। इसका असर हुआ कि अब पंचायत में 40 फिट पर पानी उपलब्ध है। यहां सरकार की विभिन्न योजनाओं पर काम हुआ।

चारागाह भूमि पर पेड़ लगाकर किया हराभरा
पिपलांत्री पंचायत की चारागाह भूमि और पहाड़ियों पर पेड़ लगाकर हरा-भरा किया गया। खनन क्षेत्र में पहाड़ियां सुखी हुई दिखती थी। पालीवाल के प्रयासों से पहाड़ियां पर पौधारोपण कर हरियाली की गई। गांव के आस-पास खनन क्षेत्र के डंपिग यार्डों पर पौधारोपण किया। करीब 4 लाख पौधे लगाए गए। 2005 से गांव में सरकार की विभिन्न योजनाओं, जनसहभागिता तथा बेटियों के नाम पर पौधारोपण किया गया।

2007 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने किया पुरस्कृत
जिले की पंचायतों सहित प्रदेश की 160 पंचायतों में पिपलांत्री मॉडल पर जल संरक्षण और वृक्षारोपण पर काम चल रहा है। प्रदेश में कक्षा सातवीं व आठवीं की सामजिक विज्ञान में पिपलांत्री का पाठ पढ़ाया जाता है। अमेरिका में वन वन ट्री के नाम से किताब का प्रकाशन हो चुका है। मलयालम में पिपलांत्री के नाम से फिल्म बन चुकी है। अर्जेंटीना, नामीबिया में भी इस मॉडल पर काम किया जा रहा है। कई डॉक्यूमेंटी बन चुकी है। केबीसी 2019 में पालीवाल बतौर कर्मवीर शामिल हुए। अक्षय कुमार ने एक कार्यक्रम में पालीवाल को बुलाकर उनके काम की सराहना की थी। पिपलांत्री में स्वच्छता के लिए 2007 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पुरस्कृत किया था। जिले में पिपलांत्री की तर्ज पर कन्या उपवन बनाए जा रहे है। प्रदेश सरकार ने 4 करोड़ रुपए की लागत से वाटरशेड़ का ट्रेनिंग सेंटर 2018 में खोला है। यहां देशभर से सरपंच आते है। यहां काम देखकर वे अपने-अपने क्षेत्रों में पिपलांत्री मॉडल पर काम कर रहे है। भारत सरकार सहित कई राज्यों के अधिकारी यहा काम देखने आ चुके है।

राजसमंद जिले में इनको मिले पद्मश्री
साल 1976 में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर डॉ.कालुराम श्रीमाली को पद्मश्री मिला था। इसके बाद श्रीनाथजी मंदिर के पूर्व तिलकायत गोविंदलाल महाराज को आध्यात्म और समाजसेवा के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 1984 में पखवाज वादक नाथद्वारा निवासी पंडित पुरूषोत्तम दास, 1984 में देवगढ़ की डॉ लक्ष्मी कुमारी चुंड़ावत और 2012 में मोलेला के मोहनलाल कुम्हार को पद्मश्री अवार्ड से अलंकृत किया गया।

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