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Panther Attack : राजसमंद में राह चलते व्यक्ति पर पैंथर का हमला, मौत लोगों में दहशत, देखिए लाइव घटनाक्रम

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Panther Attack : पैंथर के आबादी क्षेत्र में विचरण तो आम है, लेकिन अब लोगों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार व शनिवार की दरमियानी रात में राह चलते एक 42 साल के व्यक्ति को पैंथर ने अपना निवाला बना लिया। घटना के वक्त ही सड़क से गुजरते ट्रेलर चालक ने यह देखा और हो हल्ला करने पर पैंथर भाग गया। बाद में सूचना पर बड़ी तादाद में ग्रामीण, वन विभाग की टीम और पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंच गई। वन विभाग द्वारा क्षेत्रीय लोगों को भी सावधान किया है। क्योंकि पैंथर के मुंह पर इंसानी खून लगने से नरभक्षी की आशंका है, जो फिर से किसी व्यक्ति पर हमला कर सकता है। फिलहाल शव को आरके जिला चिकित्सालय के मोर्चरी में रखवा दिया है।

leopard attack : पिपलांत्री पूर्व सरपंच व पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल ने बताया कि पुठोल निवासी 43 वर्षीय रणसिंह मुंदावत पुत्र हमेरसिंह मोरवड़ व उमठी क्षेत्र में चलने वाले ट्रेलर पर खलासी का कार्य करता है। इसके तहत वह उमठी में ट्रेलर पर खलासी का काम कर रात करीब साढ़े दस से ग्यारह बजे पैदल अपने घर व गांव पुठोल लौट रहा था। उसी दौरान उमठी से पिपलांत्री मार्ग पर पृथ्वीराज चव्हाण चौराहे के पास पैंथर ने उस पर हमला कर दिया। उसे बुरी तरह से नोच डाला, तभी पीछे से एक ट्रेलर आया, जिसे देखकर पैंथर जंगल की तरफ भाग खड़ा हुआ। फिर ट्रेलर चालक व अन्य लोगों के चीखने चिल्लाने पर पैंथर वापस नहीं आया। घटना की सूचना पर पुठोल गांव से भी बड़ी तादाद में ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंच गए। फिर राजसमंद से रेंजर बलराम और राजनगर थाने से थाना प्रभारी योगेश चौहान मय जाब्ते के घटना स्थल पर पहुंच गए। बाद में क्षत विक्षत शव को एम्बुलेंस के जरिए राजसमंद के आरके जिला चिकित्सालय में रखवाया गया। शनिवार को पुठोल से कई ग्रामीण जिला चिकित्सालय पहुंच गए और अब शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी।

Panther amazing fact : पिपलांत्री व पुठोल में दहशत का माहौल

Panther amazing fact : पिपलांत्री में पैंथर के हमले की घटना के बाद ग्रामीणों में डर व दहशत का माहौल बन गया है। क्योंकि पैंथर के मुंह पर इंसानी खून लगने से उसके दोबारा किसी व्यक्ति पर हमला करने की आशंका है। इसको लेकर वन विभाग द्वारा भी आमजन को सतर्क किया जा रहा है। हालांकि वन विभाग की टीम उसे तलाश रही है और उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाने की कार्रवाई भी की जा रही है।

पिछले सप्ताह बोरज के युवक का किया शिकार

बोरज गांव के एक युवक का भी 18 जून को पैंथर शिकार कर दिया, जिसका क्षत विक्षत शव 23 जून शाम को बरामद हुआ। राजनगर थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा, लेकिन अभी तक उस मामले में भी पैंथर का पता नहीं च पाया। इससे पहले देलवाड़ा कस्बे में भी मासूम बच्ची को पैंथर रात को उठा ले गया। इस तरह पैंथर के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों में डर व दहशत व्याप्त हो गया है।

रात को ही लगा दिए विभाग पिंजरे, वन विभाग की टीमें तैनात

पिपलांत्री में एक व्यक्ति पर पैंथर का हमला होने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग द्वारा रात को ही टीमें तैनात कर दी। साथ ही पैंथर का विचरण भी देखा जा रा है, तो उसे पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगा दिए गए हैं। साथ ही वन विभाग की टीमों द्वारा क्षेत्रीय लोगों को समझाया जा रहा है। क्योंकि मार्बल माइनिंग क्षेत्र में पैंथर का विचरण है। खास तौर से पैंथर के मुंह को इंसानी खून लगने से नरभक्षी होने की भी आशंका है।

Rajsamand News : पैंथर कब करता है हमला, उसके स्वभाव को समझे

Rajsamand News : पैंथर अगर आबादी क्षेत्र में आने ही लग गए हैं, तो स्वाभाविक है कि हमें भी उसका स्वभाव समझना होगा, तभी हमेशा पैंथर से हम सुरक्षित रह सकेंगे और पैंथर भी सुरक्षित रह सकेगा। वन विभाग राजसमंद के एसीएफ विनोद राय ने बताया कि पैंथर कभी एकाएक इंसानों पर हमला नहीं करता, लेकिन अगर पैंथर किसी जगह फंस गया है और चौतरफा लोग या जाने का कोई रास्ता नहीं है, तो ऐसी स्थिति में लोगों पर हमला कर सकता है। यही उसका स्वभाव है। साथ ही अगर लोगों के द्वारा बार बार पैंथर पर पत्थर फेंकने या परेशान करने, भगाने के प्रयास करने से वह चिड़चिड़ा हो सकता है और ऐसी स्थिति में वह लोगों पर हमला कर सकता है। वरना कभी भी पैंथर लोगों पर एकाएक हमला नहीं करेगा और न ही कभी लोगों के रास्ते में आएगा, मगर जब कहीं भी पैंथर दिखाई दे, तो कभी भी उसका रास्ता नहीं काटे, वह अपने आप चला जाएगा। उसे छेड़ने का प्रयास करेंगे, तो वह उत्तेजित हो जाता है और क्रोधित होकर हमला कर सकता है।

Panther के रोचक तथ्य : Panther Facts In Hindi

देखिए भारत में कितने हैं पैंथर

हमारे भारत देश में पैंथर को तेंदुआ भी कहते हैं। वन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में जारी रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 12 हजार 852 पैंथर है, जिनकी संख्या वर्ष 2014 में करीब 8 हजार ही थी। इस तरह पैंथर की तादाद भारत देश में काफी बढ़ रही है। बताया गया कि पैंथर की तादाद में पिछले चार सालों में 60 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है, जिसकी वजह से अब पैंथर शहरी आबादी क्षेत्र में भी आने लगे हैं।

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