जंगल से आबादी की तरफ पैंथर की चहलकदमी काफी बढ़ गई। पहले गांव- ढाणी तक पैंथर के आने की सूचना मिलती रही है, मगर अब तो शहरी क्षेत्र में भी आए दिन सरे बाजार व मकानों में भी पैंथर भटकते हुए पहुंचने लगे हैं। इसी के तहत देलवाड़ा क्षेत्र के बैरण गांव में छह माह से पैंथर बीस से ज्यादा मवेशियों का शिकार कर चुका। साथ ही आए दिन आबादी क्षेत्र में पैंथर के विचरण से परेशान ग्रामीणों ने गोली मार पैंथर की हत्या कर दी। पैंथर का शव जंगल में पड़ा मिला, जहां से वन विभाग ने शव बरामद करते हुए अंतेष्टी करवा दी। साथ ही पोस्टमार्टम के दौरान गोली लगने से पैंथर की मौत का खुलासा हुआ, मगर गोली किसने मारी, यह स्पष्ट नहीं हुआ है। जिस पर वन विभाग की टीम ने प्रकरण दर्ज करते हुए सभी पहलुओं पर गहन जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार कालीवास पंचायत क्षेत्र के बैरण गांव में वन विभाग की लापरवाही से पैंथर की जान चली गई। पैंथर पिछले छह माह से आबादी क्षेत्र में आकर शिकार कर रहा था। ग्रामीणों ने वन विभाग को कई बार शिकायत दी। तीन दिन पहले वन विभाग ने पिंजरा लगाया, लेकिन पैंथर उसमें नहीं आया। शनिवार को किसी ग्रामीण ने पैंथर को दो गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। पशु चिकित्सक ने बताया कि पैंथर के शव में दो गोलियों के निशान मिले। दोनों गोलियों के पैंथर के शव को चीरते हुए बाहर निकल गए। वनपाल उत्तमकुमार ने बताया कि भैरूघाटी के पास पैंथर का शव मिला। शव को कब्जे में लेकर देलवाड़ा वन विभाग के कार्यालय लाए जहां पैंथर का पोस्टमार्टम करवाने के बाद लिलेरा नर्सरी ले गए, जहां दाह संस्कार कर दिया है। वहीं पोस्टमार्टम करने पर पशु चिकित्सक लोकेश छीपा ने भास्कर से बातचीत में बताया कि पैंथर के दो चोट के निशान हैं। एक गोली बाएं भाग की छठे नंबर की पसली को चीरते हुए बाहर निकल गई। वहीं दूसरी गोली पैंथर की बाई जांघ में लगी हालांकि पैंथर के शव से गोली नहीं मिली दोनों गोलियां शव को चीरकर बाहर निकल गई हैं। डॉ. लोकेश छीपा के अनुसार पैंथर को किसी ने गोली मारी है और आज सुबह ही इसकी मृत्यु हुई है।
छह माह में बीस से ज्यादा मवेशियों का कर चुका था शिकार
बैरण के ग्रामीणों ने बताया कि आबादी क्षेत्र में पिछले कई सालों से पैंथर की ह देखी जा रही थी। इसको लेकर वन विभाग को कई बार शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। पिछले 6 महीने में लगातार आबादी क्षेत्र में पैंथर दिखाई दे रहा था। पिछले 6 महीने में 20 से अधिक गायों व बच्चों का शिकार कर चुका था। 10 से अधिक कुत्तों का शिकार कर दिया।
पिंजरा लगाने के बाद भी नहीं आया पैंथर
तीन दिन पहले वन विभाग द्वारा पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लगाया था, लेकिन पैंथर नहीं आया। वन विभाग के अधिकारियों ने आबादी क्षेत्र में लगातार गश्त भी की जा रही थी, लेकिन पैंथर पकड़ से दूर रहा।
गोली लगने के बाद जंगल की तरफ भागा पैंथर
मौके पर पहुंची पशु चिकित्सक लोकेश छीपा ने माना कि पैंथर आबादी क्षेत्र में घुसा या आबादी क्षेत्र के नजदीक जाने पर किसी ने पैंथर को गोली मारी। उसके बाद पैंथर जंगल की तरफ भागा। पैंथर के शरीर में काफी ब्लीडिंग हो रखी थी, इससे लगता है कि पैंथर को गोली लगने के बाद काफी लंबा चलकर गया, उसके बाद उसकी मौत हुई है।
शव की अंतेष्टी कर मौत के कारण पर जांच शुरू
पैंथर का शव मिलने की सूचना मिली है। मौके से शव को बरामद करते हुए पोस्टमार्टम करवाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। मौके पर काफी खून बिखरा हुआ है। वन विभाग अपने स्तर पर भी मौत के कारणों को लेकर जानकारी कर रहा है।
विनोद रॉय, एसीएफ, वन्यजीव राजसमंद