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Paper Out Story : SI भर्ती में पेपर आउट के साथ डमी कैंडिडेट का भी चला खेल, SOG Investigation

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पेपर लीक मामले में चल रही एसओजी की जांच में हर रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। SI भर्ती 2021 के पेपर लीक प्रकरण में एसओजी ने 2014 बैच के एसआई व 2021 बैच की महिला एसआई को गिरफ्तार किया। SOG Investigation में पता चला कि जोधपुर में तैनात महिला व्याख्याता ने जयपुर में दो बहनों के लिए डमी कैंडिडेट के रूप में SI की परीक्षा दी थी और दोनों बहनों का भाई उप निरीक्षक यानि एसआई है, जो भरतपुर जिले के जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तैनात रहे। बताया जा रहा है उसी ने डमी कैंडिडेट बैठाने का षड़यंत्र रचा था। इस तरह एसओजी द्वारा किए जा रहे अनुसंधान में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं और पेपर लीक गिरोह में रोज नए आरोपी सामने आ रहे हैं।

SOG की जांच में पता चला कि महिला लेक्चरर ने पहले 2 बहनों के लिए और बाद में खुद के लिए भी अलग अलग नाम से पेपर दिए। खास बात यह है कि तीनों ही पेपर में वह पास हो गई। इंदू बाला मेरिट में 1139 नंबर पर, भगवती 248 नंबर पर और खुद वर्षा 843वें नंबर पर रही थी। वर्षा ने भगवती और इन्दुबाला की जगह जब परीक्षा दी, तो एक प्रवेश पत्र में चश्मे के साथ फाेटो है, जबकि दूसरा पेपर बिना चश्मे के साथ फोटो खिंचवा कर प्रवेश पत्र बनाकर दिया, ताकि वह पकड़ी नहीं जाए। लेक्चरर वर्षा ने आरपीए जयपुर में ट्रेनिंग सेंटर जॉइन नहीं किया, जबकि 2 बहनों ने जॉइन कर लिया था। SOG द्वारा गिरफ्तार इंदूबाला व जगदीश को न्यायालय में पेश करते हुए रिमांड पर लेने की कार्रवाई की जा रही है। एसओजी का मानना है कि जगदीश ने न केवल अपनी बहनों को सब इंस्पेक्टर बनाने के लिए डमी कैंडिडेट बैठाए, बल्कि उसने और भी लोगों के लिए भी डमी कैंडिडेट की व्यवस्था की थी। इस तरह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। एसओजी का दावा है कि पूछताछ में व अग्रिम अनुसंधान में पेपर लीक को लेकर कई और भी नाम सामने आ सकते हैं और इसी के तहत आरोपी जगदीश की रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए न्यायालय में अर्जी लगाई जा रही है।

Paper Leak : डमी कैंडिडेट बिठाने के लिए 15-15 लाख में सौदा

Rajasthan Police के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि जांच में एक ही महिला अभ्यर्थी के बाकी 2 अभ्यर्थियों के स्थान पर भी परीक्षा देना पाया। प्रवेश पत्र पर मुख्य अभ्यर्थी की फोटो स्कैन की हुई थी, जिससे फोटो साफ नहीं दिख रही थी। इसी का फायदा उठाते हुए वर्षा ने प्रवेश पत्र पर अपनी फोटो लगाकर सेंटर में प्रवेश ले लिया और डमी कैंडिडेट का पता ही नहीं चल पाया। एसओजी ने आरोपी एसआई जगदीश सियाग निवासी सांचौर और उसकी बहन इंदूबाला को गिरफ्तार किया है, जबकि एक बहन भगवती पहले से गिरफ्तार है। डमी परीक्षा देने वाली लेक्चरर वर्षा फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। भगवती व इंदूबाला 2015 बैच की कॉन्स्टेबल थी और जालोर में तैनात थी। डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देने के लिए वर्षा ने 15-15 लाख रुपए लिए थे।

copycat killer : दो परीक्षा में चश्मे वाली फोटो, एक में नहीं

शातिर लेक्चरर वर्षा ने दो परीक्षा में चश्मे वाली फोटो से प्रवेश पत्र बनाकर परीक्षा केन्द्र पहुंच गई और परीक्षा दे दी, जबकि इन्दुवाला के डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने के लिए बिना चश्मा वाला प्रवेश पत्र बनाया गया। बताया कि वर्षा ने 15 सितंबर 2021 को अपने प्रवेश पत्र पर परीक्षा दी थी। इसमें भी उसने चश्मे वाली फोटो लगाई, जो भगवती के प्रवेश पत्र पर लगाई और 15 सितंबर 2021 को अपने प्रवेश पत्र पर परीक्षा दी थी। इसमें भी उसने चश्मे वाली फोटो लगाई। वर्षा कुमारी ने 13 सितंबर 2021 को सिद्धार्थ पब्लिक सेकेंडरी स्कूल खिरणी फाटक झोटवाड़ा सेंटर में इंदूबाला (रोल नंबर 263900) की जगह परीक्षा दी। इसके बाद 14 सितंबर को चौधरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रांकड़ी सोडाला में भगवती (रोल नंबर 525669) की जगह परीक्षा दी। इसके बाद 15 सिंतबर 2021 को वर्षा ने टैगोर पब्लिक स्कूल विंग-2 टैगोर नगर अंबाबाड़ी जयपुर में खुद के लिए (रोल नंबर 817800) परीक्षा दी। फिलहाल SOG की टीम ने तीनों ही अभ्यिर्थयों से संबंधी सभी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और उसी आधार पर अग्रिम जांच जारी है।

परीक्षा केन्द्रों की भूमिका भी सवालों के घेरे

वर्षा कुमारी द्वारा इन्दुबाला व भगवती विश्नोई की परीक्षा देने का खुलासा होने से तीनों ही परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था भी सवालों के घेरे में आ गई है। सवाल उठ रह हैं कि आखिर परीक्षार्थियों की जांच किस आधार पर किस गई। क्योंकि आखिर डमी कैंडिडेट का पता नहीं चल पाया। इसको लेकर परीक्षा दिलाने में तैनात सभी शिक्षक, व्याख्याता व अन्य कार्मिकों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

ACB ने पहली नियुक्त में ही जगदीश हुआ था ट्रैप

एसओजी की जांच में पता चला कि शातिर आरोपी जगदीश का 2014 में उप निरीक्षक पद पर चयन हो गया। फिर बाड़मेर के बालोतरा में ज्वाइनिंग मिली थी। पहली की नियुक्ति में जगदीश रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन आरोपी बाद में बरी हो गया था। अक्टूबर 2022 तक जैसलमेर में तैनात रहा और बाद में उसका तबादला भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हो गया। मंगलवार को SOG ने भरतपुर एसपी ऑफिस से उसे गिरफ्तार किया था। जगदीश ने ही वर्षा को 15-15 लाख के बदले परीक्षा देने के लिए राजी किया था।

जयपुर के हसनपुरा से आउट हुआ था SI 2021 का पेपर

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानि SOG द्वारा जांच के बाद खुलासा किया गया था कि पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 का प्रश्न पत्र जयपुर के ​ शांति नगर हसनपुरा स्थित रवींद्र बाल भारती सीनियर सेकंडरी स्कूल से आउट हुआ था। स्कूल के जिस कमरे में पेपर रखे गए थे, वहां पहले से एक आरोपी छिपा हुआ था। जैसे ही पेपर रख कमरा सील किया तो अंदर बैठे आरोपी ने पेपर निकाल उनकी फोटो खींच गिरोह के सरगना को भेज दी। साथ ही SOG द्वारा स्कूल के केंद्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल की भूमिका पर उसवाल उठाए। पेपर लीक सरगना सांचौर के दाता निवासी जगदीश विश्नोई, चूरू के यूनिक भांबू उर्फ पंकज चौधरी व श्रीगंगानगर के शिवरतन मोट पिछले छह सात वर्षों से राजेश खंडेलवाल के संपर्क में थे। इसी के तहत खंडेलवाल ने पेपर आउट करवाया।

गिरफ्तार आरोपी का पिता नागौर में DSP है

एसओजी की जांच में पता चला कि पेपर लीक से एसआई बने करणपाल गोदारा के पिता ओमप्रकाश गोदारा वर्तमान में नागौर जिले में पुलिस उप अधीक्षक है। बताया कि करणपाल की 22वीं रैंक थी।बेटे की गिरफ्तार के दिन आरोपी ओमप्रकाश भी अवकाश पर थे।

पहला पेपर नहीं हुआ लीक, दूसरा व तीसरा कर दिया

उप निरीक्षक 2021 भर्ती के तहत 13 सिंबर 2021 काे परीक्षा आयोजित हुई। प्रश्न पत्र लीक करने के लिए केन्द्राधीक्षक राजेश खंडेलवाल ने पहले ही यूनिक भांबू, शिवरतन मोट की ड्यूटी वहां लगाई थी। इन्हें पता था कि पेपर होने से एक दो घंटे पहले ही पेपर आते हैं। इसके तहत रवीन्द्र भारती स्कूल से पेपर आउट करने के लिए पेपर आने से पहले ही यूनिक भांबू को प्रिंसिपल ऑफिस में छिपा दिया, लेकिन पहे दिन 13 सितंबर 2021 को परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले ही पेपर आए, जिससे पेपर लीक नहीं कर पाए। फिर 14 व 15 सितंबर 2021 को परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर आ गए थे, तो पेपर जिस कमरे में रखे, उस कमरे में पहले से छिप कर बैठे यूनिक भांबू ने पेपर की फोटो खींचकर नकल गिरोह के मुख्य सरगना को भेज दिए। इसके तहत पेपर लीक मास्टर माइंड जगदीश विश्नोई ने यूनिक भांबू के जरिए राजेश खंडेलवाल को 10 लाख रुपए दिए थे। इस तरह जगदीश ने पेपर सॉल्व करवा कर प्रदेश में अलग अलग जगह पर मौजूद नकल गिरोह के सदस्यों को वाट्सएप पर भेज दिए।

पेपर लीक के 3 अलग अलग गिरोह, पर साथ में भी

राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर 3 गिरोह मुख्य रूप से सक्रिय है। लंबे समय से जगदीश विश्नोई गैंग के साथ मिल भूपेन्द्र सारण, अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा एवं सुरेश ढाका अन्य लोग नकल गिरोह चल रहे थे। बाद में भूपेंद्र सारण व सुरेश ढाका ने अलग गिरोह बना लिया था, जबकि अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा ने भी अलग गैंग तैयार कर ली। हालांकि तीनों गैंग अलग होकर भी कई बार एक दूसरे की मदद करते व साथ में काम भी करते। यूं कह सकते हैं कि तीनों ही गैंग आपस में जुड़े हुए हैं या संपर्क है। जगदीश विश्नोई गैंग के अशोक सिंह नाथावत ने 14 सितंबर के सॉल्वड पेपर्स 15 लाख रुपए में अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह को बेचे थे। फिर अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह ने अपने हैंडलर्स के जरिए दर्जनों छात्रों को लाखों रुपए में पेपर बेचे थे। इस तरह अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह ने 50 लाख रुपए में सॉल्वड पेपर का सौदा भूपेन्द्र सारण से किया था। फिर 25 लाख रुपए लेकर भूपेन्द्र सारण ने पेपर वाट्सएप किए थे। इस तरह भूपेंद्र व सुरेश ने अपने हैंडलर्स को पेपर भेजकर कई परीक्षार्थियों से लाखों रुपए वसूल किए गए थे।

पेपर लीक मामले में अब तक 400 के खिलाफ FIR

SOG द्वारा अब तक पेपर लीक के मामले में 40 से ज्यादा बदमाशों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। स्कूल केन्द्राधीक्षक राजेश खण्डेलवाल, पेपर लीक मास्टर माइंड जगदीश विश्नोई, यूनिक भांबू उर्फ पंकज चौधरी, शिवरतन मोट, हर्षवर्धन मीना, अशोक सिंह नाथावत, राजेन्द्र यादव, रिंकू शर्मा, स्वरुप मीना, प्रेमसुखी, नरेश विश्नोई, नारंगी कुमारी विश्नोई, राजेश्वरी, गोपीराम, श्रवण कुमार विश्वोई, मनोहर विश्नोई, सुरेन्द्र विश्नोई, करनपाल गोदारा, विवेक भाम्बु, एकता कुमारी, रोहितश्व कुमार, चंचल, सिद्धार्थ यादव, भूपेन्द्र सारण, अनिल कुमार मीना, सुरेश ढाका, कमलेश मीना, अरुण शर्मा, सुनील, महेन्द्र, सुनील भादू, कमलेश ढाका, सुरेश साहू, दिनेश सारन, अभय सिंह, मनोहर लाल, मनोहर सिंह, भगवती विश्नोई, प्रवीण विश्नोई और गणपत लाल विश्नोई आदि शामिल है।

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