उदयपुर में कन्हैयालाल पर जब दोनों आरोपी हमला कर रहे थे, तो उस समय ईश्वर सिंह उन्हें बचाने के लिए दोनों से भिड़ गए. दोनों आरोपियों ने उन पर भी हमला किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान उन्हें 16 टांके लगे हैं.
उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर हर कोई सन्न है. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनका पाकिस्तान के साथ भी कनेक्शन निकला है. जब दोनों आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज ने कन्हैयालाल पर हमला किया, तो सभी लोग दहशत के मारे भाग गए. मगर ईश्वर सिंह वहां से नहीं भागे, बल्कि दोनों आरोपियों का मुकाबला करते रहे.
कन्हैयालाल को बचाने की उन्होंने भरपूर कोशिश की, लेकिन दोनों आरोपियों ने उन पर भी बेरहमी से वार किया, जिसके बाद वो घायल हो गए. फिलहाल ईश्वर सिंह का इलाज उदयपुर के महाराणा भूपल अस्पताल में चल रहा है. इस हादसे में उन्हें काफी गंभीर चोट आई है, जिसके बाद उन्हें 16 टांके लगे.
UAPA एक्ट के तहत मामला दर्ज
राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उदयपुर में हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या को आतंकी घटना मानते हुए UAPA Act के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है. राज्य की पुलिस के मुखिया लाठर ने यह भी बताया कि कन्हैयालाल की हत्या का आरोपी गौस मोहम्मद साल 2014 में पाकिस्तानी के कराची शहर गया था. वह दावत-ए-इस्लामी नामक संस्था से जुड़ा था. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत दिल्ली और मुंबई में दावत-ए-इस्लामी के दफ्तर भी हैं.
उदयपुर हत्याकांड को कैसे दिया गया अंजाम?
28 जून 2022 को उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद पर है. वारदात के बाद राजस्थान में जगह-जगह बवाल शुरू हो गया था. शाम तक दोनों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट हुई थी. इसके चलते ही रियाज और गौस मोहम्मद ने उनकी हत्या कर दी.
6 दिन बाद कन्हैयालाल ने खोली थी दुकान
11 जून को कन्हैयालाल के पड़ोसी नाजिम ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था. कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी. इसके बाद कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जताई और सुरक्षा मांगी थी. इसके बाद कन्हैयालाल और उनके पड़ोसी के बीच पुलिस ने समझौता करा दिया था. कन्हैयालाल की उदयपुर में भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान है. कन्हैयालाल ने करीब 6 दिन बाद मंगलवार को अपनी दुकान खोली थी. तभी आरोपियों ने उनका गला रेत दिया.