शिशोदा में भैरव मंदिर में चढ़ावे की राशि में गबन करने वाले पूजारी विजयसिंह को हटाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने पुजारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को कलेक्टर और एसपी को शिकायत दी। घोटालेबाज पुजारी विजय सिंह को हटाने की मांग की।
28 जनवरी को प्रशासन द्वारा खोले गए दानपात्र से लोहे का सरिया मिलने पर मंदिर के भोपाजी पर पैसे निकालने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया था। शिशोदा पंचायत के कार्यवाहक सरपंच भगवान सिंह ने बताया कि सालों से पंचायत के ग्रामीण मंदिर की व्यवस्था संभालते हैं और वही मंदिर में सर्वसहमति से पुजारी की नियुक्ति करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से पुजारी विजय सिंह और मुनीम अंबालाल धाकड़ मंदिर में आ रहे चढ़ावे में घोटाला कर रहे हैं। पुजारी ने 4 हफ्तों के पैसे और मंदिर में आ रहे चढ़ावे के गहने का घोटाला कर ग्रामीणों को गुमराह कर मंदिर का पैसा अपने पास रख लिया। ऐसे में ग्रामीणों ने गत दिनों बैठक कर सर्वसम्मति से पुजारी को हटा दिया। खमनोर पुलिस ने पुजारी को फिर से मंदिर में लाकर ग्रामीणों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया है। गांव के बुजुर्ग हरिसिंह ने बताया कि पुजारी मंदिर के चढ़ावे में घोटाला कर मंदिर की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहा है। ऐसे में ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से घोटाले की जांच नहीं होने तक पुजारी को हटाने का फैसला किया है, लेकिन पुलिस और प्रशासन ग्रामीणों की सुनवाई नहीं कर रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जन भावनाओं का ध्यान नहीं रखा तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन
शिशोदा मंदिर में लंबे समय से चढावे को लेकर विवाद के बाद प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया। मंदिर देवस्थान विभाग के अधीन अराजकीय मंदिर है। इसके स्थाई अध्यक्ष नाथद्वारा एसडीएम अभिषेक गोयल है। ग्रामीणों द्वारा बनाई समिति के अध्यक्ष रमेश धाकड़ है,लेकिन कमेठी का रजिस्ट्रेशन अभी तक नहीं हुआ है। रजिस्ट्रेशन विचाराधिन है। कमेटी द्वारा गत दिनों मंदिर में 32 कैमरे लगाए थे। जिन्हें प्रशासन ने अपने नियंत्रण में ले रखे है। मंदिर का दानपात्र प्रशासन ने 28 जनवरी 2022 को खोला गया था। उस समय 41 लाख 85 हजार का चढावा दान पात्र से निकला था। इसके पहले 21 दिसंबर को दान पात्र से 41 लाख 6 हजार की राशि प्राप्त हुई थी। मंदिर का 3 साल पहले बैंक में खाता खुलवाया गया था। इसमें मिलने वाली राशि को जमा करवाया जाता है।