
Petrol Diesel Price Today : देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं, और हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव ने क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों में उछाल लाकर इस बोझ को और बढ़ा दिया है। 29 अप्रैल 2025 तक, देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं, लेकिन वैश्विक तेल बाजार की अस्थिरता और घरेलू करों के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव की आशंका बनी हुई है। आइए, इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि क्रूड ऑयल की कीमतों का असर आम भारतीय पर कैसे पड़ रहा है।
देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन सुबह 6 बजे संशोधित होती हैं, जिसे डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग मॉडल कहा जाता है। यह व्यवस्था जून 2017 से लागू है, जो वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतों और रुपये-डॉलर विनिमय दर के आधार पर कीमतें तय करती है। 29 अप्रैल 2025 को प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर, डीजल ₹87.67 प्रति लीटर
- मुंबई: पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर, डीजल ₹90.03 प्रति लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल ₹100.80 प्रति लीटर, डीजल ₹92.39 प्रति लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल ₹105.01 प्रति लीटर, डीजल ₹91.82 प्रति लीटर
- हैदराबाद: पेट्रोल ₹107.46 प्रति लीटर, डीजल ₹95.70 प्रति लीटर
ये कीमतें विभिन्न राज्यों में वैल्यू-एडेड टैक्स (VAT) और परिवहन लागत के कारण भिन्न होती हैं। उदाहरण के लिए, मुंबई और हैदराबाद में उच्च VAT और स्थानीय करों के कारण पेट्रोल की कीमतें दिल्ली की तुलना में अधिक हैं।
Petrol Price today : पेट्रोल और डीजल की कीमतें वैश्विक और घरेलू कारकों का मिश्रण हैं। क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें और भू-राजनीतिक तनाव ने स्थिति को जटिल बना दिया है, लेकिन तेल कंपनियां और सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश कर रही हैं। आम आदमी को सलाह है कि वे इंडियन ऑयल की वेबसाइट या SMS सेवा (92249 92249 पर RSP <डीलर कोड> भेजकर) के जरिए दैनिक कीमतों की जांच करें। भविष्य में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को करों में कटौती और वैकल्पिक ईंधन पर ध्यान देने की जरूरत है।
क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल
Diesel Price Today : वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव और मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक उथल-पुथल के कारण बढ़ रही हैं। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के अनुसार, 8 जनवरी 2025 को भारतीय बास्केट क्रूड ऑयल की कीमत $77.59 प्रति बैरल थी। हालांकि, अप्रैल 2025 में यह कीमत $80 प्रति बैरल के आसपास मँडरा रही है, जो पिछले महीने की तुलना में 2.83% की वृद्धि दर्शाती है।

Crude Oil Rates : हाल ही में यमन में अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के प्रमुख ईंधन टर्मिनल को निशाना बनाया, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति पर दबाव बढ़ा। इस घटना ने तेल की कीमतों में तेजी लाई, क्योंकि रास इसा बंदरगाह, जो 30 लाख बैरल तेल का भंडारण करता है, हूती विद्रोहियों की आर्थिक शक्ति का केंद्र था।
भारत-पाकिस्तान तनाव का असर
India-Pakistan Tension : भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ गया है। इस तनाव ने क्रूड ऑयल की कीमतों को और अस्थिर कर दिया है। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि इस तनाव के बीच डीजल की कीमतों में 7 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है, लेकिन यह जानकारी आधिकारिक तौर पर सत्यापित नहीं है। दूसरी ओर, कुछ पोस्ट्स में यह भी कहा गया कि पेट्रोल ₹82 और डीजल ₹78 प्रति लीटर हो गया है, जो वास्तविकता से मेल नहीं खाता।
वास्तव में, तेल विपणन कंपनियां (OMCs) जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश कर रही हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हाल ही में कहा कि तेल कंपनियां कीमतों में वृद्धि को अवशोषित करेंगी, ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं:
- वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतें: भारत अपनी 80% से अधिक तेल जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। ब्रेंट क्रूड और भारतीय बास्केट की कीमतों में वृद्धि सीधे घरेलू कीमतों को प्रभावित करती है।
- रुपये-डॉलर विनिमय दर: चूंकि क्रूड ऑयल का व्यापार अमेरिकी डॉलर में होता है, रुपये का कमजोर होना आयात लागत को बढ़ाता है।
- कर और शुल्क: पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत का 57% से अधिक हिस्सा केंद्रीय उत्पाद शुल्क, VAT, और डीलर कमीशन के रूप में जाता है। उदाहरण के लिए, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क ₹21 प्रति लीटर है।
- परिवहन और रिफाइनरी लागत: तेल को रिफाइनरियों से पंप तक पहुंचाने की लागत भी कीमतों को प्रभावित करती है। दूरदराज के क्षेत्रों में कीमतें अधिक होती हैं।

आम आदमी पर असर
Fuel Price Hike : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। डीजल की कीमतों में वृद्धि से माल परिवहन की लागत बढ़ती है, जिसका असर खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर पड़ता है। इससे मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा रहता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ब्याज दरों में वृद्धि कर सकता है।
हालांकि, कुछ राहत की खबर यह है कि तेल विपणन कंपनियां डीलर मार्जिन में समायोजन कर रही हैं, जिसका खुदरा कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा, सरकार ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने पर विचार नहीं किया है, जिससे करों में कमी की संभावना कम है।
भविष्य की संभावनाएं
मौसम विभाग ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, और अन्य राज्यों में प्री-मानसून बारिश और आंधी की भविष्यवाणी की है, जो तेल की मांग को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, वैश्विक तेल बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है। यदि मध्य पूर्व में तनाव कम होता है, तो क्रूड ऑयल की कीमतें स्थिर हो सकती हैं। दूसरी ओर, भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ने से कीमतों में और उछाल आ सकता है।