पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर साल 2020 में आए सियासी संकट के दौरान फोन टैपिंग का मामला सुर्खियों में रहा था। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने बुधवार को पूर्व सीएम गहलोत पर ही बड़े आरोप लगाते हुए उनको निशाने पर ले लिया है। लोकेश ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया सियासी संकट के दौरान कुछ ऑडियो मैंने मीडिया को भेजे थे, तब मैने कहा था कि यह ऑडियो मुझे सोशल मीडिया से मिले हैं। लेकिन, वो बात सही नहीं थी। यह ऑडियो अशोक गहलोत ने मुझे दिए थे।
शर्मा ने दावा किया कि 16 जुलाई 2020 को दिल्ली रोड स्थित एक होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी की थी और मैं होटल में था। तब मेरे पास गहलोत के पीएसओ का फोन आया कि मुख्यमंत्री ने बुलाया है। मैं मुख्यमंत्री आवास पहुंचा तो गहलोत ने मुझे एक कागज और एक पेन ड्राइव दी और कहा कि इस पेन ड्राइव में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हुए ऑडियो हैं, जिन्हें मीडिया में जारी करना है। मैंने उन ऑडियो को पेन ड्राइव से अपने लैपटॉप में लिया और फिर लैपटॉप से अपने फोन में लेकर मीडिया में जारी कर दिया।
अधिकारी भी लिप्त
लोकेश ने कहा कि सियासी संकट के दौरान पायलट व उनके समर्थकों के फोन सरकार ने सर्विलांस पर ले रखे थे, उस समय पुलिस और गृह विभाग के कई आलाधिकारी भी इस मामले में लिप्त थे। गहलोत पायलट को पसंद नहीं करते थे और उनकी छवि जनता में धूमिल करना चाहते थे। गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत की भी संजीवनी घोटाले में आरोपी बना छवि खराब की।
जारौली को भी बचाया
लोकेश ने आरोप लगाया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारोली को भी पेपरलीक मामले में अशोक गहलोत ने बचाया था। रीट पेपरलीक के बाद लेवल 2 के पेपर को रद्द किया गया। जब इसमें जारोली का नाम सामने आया तो गहलोत अचरज में पड़ गए कि क्या एक्शन लिया जाए, इन्हें कैसे बर्खास्त किया जाए। तब गहलोत कहते थे कि जारोली उनका आदमी है।
मेरे दफ्तर पर छापेमारी
लोकेश ने कहा कि गहलोत को मुझ पर शक था कि मैंने पेन ड्राइव और लैपटॉप डिस्ट्रॉय नहीं किए हैं। इसलिए उन्होंने 26 नवंबर 2021 को मेरे दफ्तर पर एसओजी की छापेमारी भी कराई, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। उस समय मुझे समझ में आया कि अशोक गहलोत केवल लोगों का इस्तेमाल करते हैं और काम निकलने पर किनारा कर लेते हैं। वे मुझसे कई बार कह चुके थे कि लोगों को इस्तेमाल करना सीखो।
चेहरे से नकाब उतरा
पूर्व सीएम गहलोत के पूर्व ओएसडी ने तत्कालीन सरकार के मुखिया पर जो आरोप लगाए। उससे मारवाड के छद्म गांधी के चेहरे से नकाब उतर गया है। गहलोत ने स्वयं सत्ता का बेजा इस्तेमाल करके विपक्ष के अधिकारों पर कुठाराघात करने का काम किया।
राजेंद्र राठौड़, भाजपा नेता