Poet Sampath Surila : राजसमंद जिले के प्रसिद्ध पेरोड़ीकार, कवि व शिक्षक सम्पत सुरीला का शुक्रवार रात करीब 11 बजे अचानक निधन हो गया। उनके पिता मगनीरामजी का निधन होने पर 12वां दिन का क्रियाक्रम करने के बाद घर पर बैठे ही थे, तभी अचानक 2 बार हिचकी आई और दम तोड़ दिया। एकाएक परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले हृदयाघात के चलते निधन हो गया। शनिवार सुबह को ग्रामवासियों के साथ कवि, साहित्यकार, शिक्षक की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
Rajsamand news today : 10 अक्टूबर 1972 को राजसमंद के मोही गांव में जन्मे सम्पतलाल खटीक साहित्य जगत में सम्पत सुरीला के नाम से विख्यात हुए। 1996 में शिक्षक बने और विभिन्न प्राथमिक व मीडिल स्कूलों में अध्यापन करवाया। वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धोइंदा में कार्यरत थे। साथ ही 25 साल साहित्य जगत में कार्य कर रहे थे। सहज, सरल व हंसमुख स्वभाव के सम्पत सुरीला की मुख्य रूप से पेरोड़ीकार (फिल्मी गीत आधारित) के रूप में पहचान है। सुरीली आवाज व व्यंग्यात्मक शैली के चलते उनके काव्य पाठ को लोग काफी पसंद करते। इसके चलते राजसमंद, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, इंदौर सहित देश के कई जगहों पर राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर भी काव्य पाठ किया। राष्ट्रीय स्तर पर भी सैकड़ों मंचों पर पेरोड़ियां सुनाकर लोगों को खूब हंसाया। Sampat Surila passes away
Who was Sampat Surila? : पत्नी व बच्चों को गहरा आघात
Who was Sampat Surila? : राष्ट्र कवि सम्पत सुरीला का शुक्रवार को हृदयाघात से निधन से पत्नी व बच्चों पर गहरा आघात पहुंचा है। क्योंकि सुरीला के पिता मगनीराम पहाड़िया का भी 12 दिन पहले ही निधन हुआ था। दादाजी मगनीराम के निधन से अभी परिवार उबरा ही नहीं था कि अचानक परिवार के मुखिया का निधन होने से परिजन काफी आहत है। परिवार में पत्नी गृहिणी है, जबकि पुत्र विकेश (25) शादीशुदा है, जबकि दो पुत्रियां भावना (27) ज्योति (23) है। इसके अलावा सम्पत सुरीला के दो भाई सुरेश पहाड़िया, रोशनलाल पहाड़िया है। सम्पत के निधन से पूरा परिवार काफी व्यथित है।