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Police Encounter : असम से गिरफ्तार कर लेकर आ रही पुलिस टीम की कस्टडी से इनामी हिस्ट्रीशीटर ने भागने का प्रयास किया। बदमाश ने हैड कांस्टेबल से पिस्टल छीनकर उप निरीक्षक पर तान दी, मगर पुलिस ने तत्काल जवाबी एक्शन लेकर आरोपी के पैर पर गोली मार दी और उसे काबू में कर लिया। यह मुठभेड़ जयपुर के विद्याधरनगर थाना क्षेत्र में हुई। घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवा दिया।

accused of firing caught : पुलिस कमिश्नर बीजू जाॅर्ज जाेसफ ने बताया कि श्रीमाधोपुर-नीमकाथाना निवासी बदमाश राकेश यादव (34) को पुलिस विद्याधर नगर के ज्वैलर्स से 1 करोड़ रुपए रंगदारी मांगने व उसके बेटे को गोली मारने के मामले में 10 माह से तलाश रही थी। आरोपी के विरुद्ध हत्या, रंगदारी वसूलने, जानलेवा हमले, आर्म्स एक्ट सहित 28 मुकदमे दर्ज हैं। अतिरिक्त आयुक्त कैलाश बिश्नाेई ने बताया कि विद्याधर नगर पुलिस ने राकेश के एक अन्य साथी उनियारों का रास्ता चांदपोल निवासी सोनू ​सिंह को भी गिरफ्तार किया है। इसी ने राकेश की लाेकेशन बताई थी और पुलिस की टीम असम पहुंची, जहां से आरोपी को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया था। डीसीपी नाॅर्थ राशि डाेगरा डूडी व एडिशनल डीसीपी बजरंगसिंह शेखावत ने बताया कि राकेश को पुलिस टीम सड़क मार्ग से लेकर आ रही थी। दौलतपुरा पुलिया के पास राकेश यादव ने लघुशंका के बहाने जीप को सर्विस रोड पर रुकवाया। फिर अचानक आरोपी ने हैड कांस्टेबल महेश की रिवॉल्वर छीन कर एसआई हरिराम पर तान दी और आरोपी भागने लगा। साथ ही दो हवाई फायर भी किए, मगर गनीमत रही कि किसी को नहीं लगी, तभी पुलिस ने जवाबी फायर किया, जो कि आरोपी के पैर में लगी, जिससे वह नीचे गिर पड़ा और पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया। आरोपी का दूसरा फायर हैड कांस्बटेबल महेश के सीने पर लगा, लेकिन बुलेट प्रूफ जैकेट होने से बच गया। फिर राकेश धमकाते हुए भागने लगा। फिर पुलिस ने आरोपी को जयपुर के एसएमएस चिकित्सालय में भर्ती करवाया, जहां उपचार जारी है।

Rajasthan Police : असम के चाय बागान में काट रहा था फरारी

Rajasthan Police : असम से गिरफ्तार हिस्ट्रीशीटर राकेश के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में हत्या, रंगदारी वसूलने सहित 28 मामले दर्ज है, जो लंबे समय से फरारी काट रहा था। हाल ही में पुलिस ने सोनू सिंह को पकड़ा, तो वह राकेश का हैंडलर निकला। पुलिस ने उससे सख्त पूछताछ करते हुए उसके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस टीम ने असम से राकेश को गिरफ्तार कर लिया, जो असम के डिब्रूगढ़ गांव में फरारी काट रहा था। इस कार्रवाई को विद्याधर नगर थाना प्रभारी राकेश ख्यालिया, एसआई हरिराम, कांस्टेबल महेश कुमार, सीएसटी के कांस्टेबल खेम सिंह, कृष्णपाल, राकेश कुमार ने अंजाम दिया। दो माह पहले से एक टीम सर्च कर रही थी। राकेश चाय के बागान में छिपकर फरारी काट रहा था। तीन दिन पहले उसे दबोच लिया था

Rajasthan Police or Rakesh Yadav

इस मामले में पुलिस ने बदमाश को पकड़ा

हिस्ट्रीशीटर राकेश व उसकी टीम ने 30 जुलाई 2023 काे 1 करोड़ रुपए की रंगदारी वसूलने के लिए विद्याधरनगर, जयपुर के एक अपार्टमेंट में ज्वैलर विपिन पर फायरिंग की थी, जिसमें उसका बेटा घायल हो गया था। फुटेज के आधार पर 3 बदमाशों को पुलिस ने दबोच लिया था, लेकिन मुख्य आराेपी राकेश फरार हाे गया। पुलिस तभी से राकेश का पीछा कर रही थी। पुलिस ने 24 अप्रैल 2024 काे 1 लाख रुपए का इनाम रखा था। वह असम में रहकर सोनू के माध्यम से जयपुर में वसूली के लिए धमकियां दे रहा था और अपनी गैंग राजस्थान में चला रहा था।

Vidyadharnagar police station : बचने बाइक पर गया था असम

Vidyadharnagar police station : इनामी हिस्ट्रीशीटर राकेश डेढ़ साल से असम के डिब्रूगढ़ गांव में फरारी काट रहा था। वहीं से राजस्थान में गैंग चला रहा था और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए व्यापारियों को धमका कर रंगदारी वसूल रहा था। रंगदारी नहीं देने पर उसकी गैंग के गुर्गों को भेज फायरिंग करवाकर दहशत फैलाने लगा। रंगदारी वसूलने के लिए उसने कई लोगों पर जानलेवा हमले भी करवाए। राजस्थान में दहशत फैलाकर व्यापारियों से करोड़ों रुपए वसूल किए हैं। पुलिस से बचने के लिए आरोपी जयपुर से असम तक करीब 2 हजार किमी का सफर बाइक से तय किया। फिर वहां पर हुलिया बदलकर रहने लगा। किराए पर लिए बैंक अकाउंट के क्यूआर कोड भेजकर रंगदारी वसूलता था और पुलिस से बचने के लिए यूट्यूब पर नित नए तरीके देखता रहता था।

Extortion Recovery : एक बैंक खाते का एक बार उपयोग

Extortion Recovery : आरोपी राकेश रंगदारी वसूलने के लिए जिस बैंक खाते का उपयोग करता था, वह खात सिर्फ एक बार ही उपयोग लेता था। उस बैंक खाते का क्यूआर कोड भेजकर पैसा मंगवाता था। उसके बाद उस खाते का उपयोग नहीं करता। ये बैंक खाते भी अज्ञात लोगों के नाम पर होते थे। बैंक अकाउंट अनजान लोगों के नाम पर होते थे। जो किराए पर लेता था। एक बार यूज किए बैंक अकाउंट को दोबारा पैसे मंगवाने के लिए उपयोग में नहीं लेता था।

History Sheeter Rakesh Yadav : 20 किमी. दूर से करता था कॉल

History Sheeter Rakesh Yadav : थाना प्रभारी राकेश ख्यालिया ने बताया कि राकेश यादव काफी शातिर दिमाग है, जो कि सोशल मीडिया का उपयोग भी शातिर तरीके से करता था। उसकी गूगल हिस्ट्री चैक करने पर सामने आया है कि फरारी के दौरान उसने गूगल पर पुलिस से बचने के कई तरीके देखे। वह सस्ते सेकेंड हैंड मोबाइल व फर्जी सिम कार्ड उपयोग में लेता था। असम में जहां रहता था, उससे करीब बीस किमी दूर जाकर रंगदारी के लिए व्यापारियों को सोशल मीडिया से कॉल करता था। साथ ही दूसरे का वाई-फाई इस्तेमाल करता था। रंगदारी मांगने के तुरंत बाद मोबाइल बंद कर देता था। 2-3 दिन में काम होने पर सिम कार्ड व मोबाइल तोड़ देता था।

Jaipur Police ने इस तरह पकड़ा आरोपी को

Jaipur Police : जयपुर पुलिस टीम ने इनामी आरोपी हिस्ट्रीशीटर राकेश यादव को पकड़ने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया। एक महीने से पुलिस द्वारा लगातार उसे ट्रेक किया जा रहा था। पुलिस को असम में उसकी बाइक व बदले हुए हुलिए की फुटेज मिली। सूचना पुख्ता होने पर उसके मोबाइल की डीवीआर निकाली गई। 11 मई को ट्रेस कर 4 पुलिसकर्मियों की टीम असम पहुंची। 13 मई शाम करीब 6 बजे असम के डिब्रूगढ़ में उसके ठिकाने पर दबिश देकर पकड़ा। रात करीब 10 बजे पुलिस टीम आरोपी को ट्रेन से दिल्ली लेकर रवाना हुई। 15 मई शाम करीब 6 बजे दिल्ली पहुंचे। विरोधी गैंग से बचाने के लिए हथियारों से लैस तीन पुलिसकर्मियों की एक टीम जयपुर से दिल्ली भेजी गई थी। शाम 6 बजे दिल्ली पहुंचते ही गाड़ी में बिठाकर सातों पुलिसकर्मी जयपुर के लिए रवाना हो गए। इस तरह आरोपी को असम से जयपुर लाया गया।