राजस्थान में ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहे है। एक ऑनलाइन ठगी के मामले में पुलिस ने रातभर 2 5 से ज्यादा साइटें खंगाली। 72 घंटे में 7.98 लाख रुपए रिकवर किए। राशि एक फौजी के खाते में ऑनलाइन वापस आ गई। पुलिस ने ठगों की लोकेशन ट्रेस की तो झारखंड के जामताड़ा में आई। पुलिस अब जल्द ही ठगों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।
राजस्थान के जयपुर जिले के नवलगढ़ निवासी एक फौजी ने ऑनलाइन ठगी का प्रकरण दर्ज कराया था। सीआई सुनील शर्मा ने बताया कि गत नौ जुलाई को देलसर कलां निवासी पूर्व फौजी प्रमोद कुमार जाट ने एक रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी पेंशन कई दिन से मंजूर नहीं हो रही थी। जिस पर उसने बैंक के कस्टमर केयर पर फोन किया था। बाद में उसके पास एक कॉल आया जिसने कुछ डिटेल मांगकर मोबाइल में एक एप डाउनलोड करने को कहा और इसके कुछ ही मिनट में उसके खाते से 7.98 लाख रुपए पार हो गए। मामला दर्ज होते ही पुलिस ने तुरंत पड़ताल शुरू की और रात करीब दो बजे तक ठगों को ट्रेस करती रही।
दरअसल, इन ठगों ने प्रमोद के मोबाइल में रिमोट कमांड एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ऑनलाइन शॉपिंग, एफडी बनवाने व कुछ राशि अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली थी। सीआई ने बताया कि हमनें ठगों की लोकेशन और मोबाइल ट्रेस कर यह रकम होल्ड करवा दी।
ऐसे हुई ठगी
प्रमोद कुमार जाट 28 फरवरी को फौज से रिटायर हुए थे। उनकी पेंशन शुरू नहीं हो पा रही थी। जिस पर उन्होंने नौ जुलाई को बैंक जाकर और बाद में बैंक के कस्टमर केयर पर फोन कर इस परेशानी के बारे में बताया। इसके बाद शाम 4.19 बजे एक मोबाइल नंबरों से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने बैंक एटीएम कार्ड के शुरू के चार के नंबर व लास्ट चार नंबर बताए व पेनकार्ड के नंबर बताए।
इसके बाद उसने भरोसे में लेकर क्यूएस नाम का एप डाउनलोड करने को कहा। प्रमोद ने इसे डाउनलोड कर लिया और फिर उनके खाते से रुपए निकलने शुरू हो गए। बाद में पूर्व सैनिक ने तुरंत क्यूएस एप को डिलिट किया और बैंक को ठगी के बारे में सूचित किया। सामने आया है कि ठग गूगल सर्च इंजन पर बैंक के कस्टमर केयर से मिलते जुलते फर्जी नंबर डाल देते हैं और फिर वहीं से व्यक्ति की डिटेल लेकर ठगी करते हैं। ठगों ने जो एप डाउन लोड करवाया था। वह मोबाइल को रिमोट पर ले लेता है। मामले की पड़ताल में कांस्टेबल अशोक कुमार व मुकेश कुमार की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऐसा है ठगों का जामताड़ा, अमेरिका भी करेगा रिसर्च जामताड़ा झारखंड में एक जगह है। यह साइबर ठगों का सबसे बड़ा गढ़ और देशभर में बदनाम है। ऑनलाइन ठगी के 80 से 90 प्रतिशत मामले यहीं से जुड़े होते हैं। यहां के कई बच्चे तक ऑनलाइन ठगी का काम करते हैं और वे बहुत कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन इसके बावजूद मिनटों में दूसरों के खाते से पैसे पार कर लेते हैं। इस पर एक बेव सीरिज भी बन चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जामताड़ा के इन शातिर ठगों पर अब अमेरिका रिसर्च करने वाला है। जामताड़ा के ये ठग इतने पढ़े लिखे नहीं है लेकिन फिर भी इन्होंने लाखों पढ़े-लिखे और अमीर लोगों को ठगा है।
ऑनलाइन ठगी के 72 घंटे बेहद अहम होते हैं। इन 72 घंटे में ही हमने इस मामले का खुलासा किया। प्रमोद कुमार की ओर से 9 जुलाई को रिपोर्ट आने के बाद हम लोग पूरी रात इसकी पड़ताल करते रहे। रात 1 बजे तक प्रमोद भी हमारे साथ रहे। हमने साइबर थाना, बैंक के कस्टम केयर, बैंकिंग संस्थान, साइबर पुलिस व गूगल, शॉपिंग कंपनी व ऑनलाइन सेवा देने वाली कंपनियों से संपर्क किया। सभी 27 साइट पर हम तेजी से ब्राउजिंग कर रहे थे। इस बीच ठगों ने प्रमोद का मोबाइल हैक कर फ्लिपकार्ट के जरिए शॉपिंग कर ली थी।
उन्होंने 71789, 51789 व 124999 रुपए की शॉपिंग कर महंगे मोबाइल का ऑर्डर दे दिया था। इसके अलावा बैंक में डेढ़-डेढ़ लाख की तीन एफडी बनवा ली। साथ ही 24000-24000 रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। हम लगातार कई साइट पर उनका पीछा कर रहे थे और इसी दौरान उनकी जामताड़ा में लोकेशन ट्रेस हो गई।
ठगों को भी यह पता चल गया कि पुलिस ने उन्हें ट्रेस कर लिया है। जिस पर उन्होंने अपने मोबाइल बंद कर लिए, लेकिन उनका मोबाइल बंद करना हमारे लिए फायदेमंद रहा, क्योंकि अब वे प्रमोद जांगिड़ के खाते से दिए गए किसी भी आर्डर को कैंसिल कर कहीं ओर खर्च नहीं कर सकते थे। हमें इस रकम को रिकवर करने का मौका मिल गया और आखिरकार 13 जुलाई को पूरे 7.98 लाख रुपए रिकवर होकर प्रमोद जांगिड़ के खाते में आ गए।