राजस्थान में सचिन पायलट गुट की नाराजगी के चलते जयपुर से दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है। राजस्थान के सियासी विवाद की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है। सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का खेमा पायलट गुट पर निगाहे रखे हुए है।
सचिन पायलट से कांग्रेस प्रभारी अजय माकन भी संपर्क में हैं। सचिन पायलट अब अपने 10 महीने पुराने मुद्दों पर तत्काल एक्शन की मांग कर रहे हैं, जिनमें उनके समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने और राजनीतिक नियुक्तियों में भागीदारी के अलावा सरकार में काम करने में भी प्राथमिकता सहित कई मुद्दे शामिल हैं। पायलट गुट की शिकायत है कि गहलोत राज में उनके साथ ऐसा विपक्षी जैसा बर्ताव हो रहा है। सचिन पायलट खेमे की ताजा नाराजगी के बीच एक बार फिर दिल्ली में चर्चाएं तेज हैं। सचिन पायलट अपने शुभचिंतक कांग्रेस नेताओं से भी समर्थन जुटाकर अपने मुद्दों का हल करने की कवायद में जुट गए हैं।
सचिन पायलट के कल दिल्ली जाने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी दिल्ली पहुंच गए हैं। डोटासरा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान के सहप्रभारी रह चुके काजी निजामुद्दीन की मां के निधन पर संवेदना जताने के लिए आने की बात कही है। बताया जाता है कि डोटासरा प्रभारी अजय माकन से पूरे मसले पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस में मौजूदा हालत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। गहलोत ने सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के काम करके उनसे तारीफ भी हासिल की है। गहलोत अब पायलट समर्थक विधायकों के काम करके उनको अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हुए हैं। गहलोत की रणनीति पायलट समर्थक विधायकों के काम करके भेदभाव के आरोपों के जवाब देने की है, ताकि हाईकमान और पब्लिक पर्सेप्शन को बदला जा सके।
माकन का तर्क पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट अभी इंप्लीमेंट नहीं
राजस्थान प्रभारी माकन पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट लागू होने पर कल सवाल उठा चुके हैं। माकन से जब कल यह सवाल किया गया तो कहा क्या पंजाब की कमेटी की रिपोर्ट इंप्लीमेंट हो गई। माकन के इस तर्क को राजस्थान की कमेटी की ढिलाई को बचाने की कवायद बताया जा रहा हैए दूसरी तरफ संकेत ये भी कि पंजाब की कमेटी का हश्र भी राजस्थान जैसा हो सकता है।