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Sanwariya Seth के भक्त ने हीरे- मोती से जड़े 11 लाख के हार किए अर्पित, मुंबई का ज्वेलर हैं भक्त

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Sanwariya Seth : मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम सांवलियाजी में भक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। हाल ही में एक भक्त ने मंदिर में हीरे-मोती जड़े हुए सोने के दो हार चढ़ाए हैं। इन हारों में कुल 55 ग्राम सोना लगा हुआ है और इनकी कीमत लगभग 11 लाख रुपए बताई जा रही है। भक्त ने अपनी पहचान गुप्त रखी है और बताया जाता है कि वह मुंबई में ज्वेलरी का व्यवसाय करते हैं। सांवलियाजी मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ाए जाने वाले दान में लगातार वृद्धि हो रही है। इसी को देखते हुए मंदिर मंडल ने एक बड़ा दानपात्र बनवाने का निर्णय लिया है। इस दानपात्र में चांदी की पतरे लगाने का काम शुरू हो चुका है। यह भक्तों की आस्था और सांवलियाजी में उनकी श्रद्धा का प्रमाण है। ऐसे में मंदिर प्रशासन भक्तों की सुविधा के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

Chittorgarh News today : चित्तौड़गढ़ के मंडफिया में स्थित श्री सांवलियाजी का मंदिर लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। न केवल राजस्थान बल्कि मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और यहां तक कि विदेशों से भी भक्त यहां आते हैं। अपनी मनोकामना पूरी होने पर ये भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं। हाल ही में मुंबई के एक जेम्स एंड ज्वेलरी व्यापारी परिवार ने सांवलियाजी के दर्शन किए और मंदिर के भेंट कक्ष में दो अद्भुत हार अर्पित किए हैं। इनमें से एक हार सात लड़ियों वाला मोतियों का हार है और दूसरा हार तीन लड़ियों वाला है जिसमें कान के कुंडल भी शामिल हैं। भक्तों द्वारा चढ़ाए गए ये हार मंदिर की भव्यता में चार चांद लगा रहे हैं। श्री सांवलियाजी के मंदिर में मुंबई से आए एक श्रद्धालु परिवार ने 11 लाख रुपये की कीमत के दो अद्भुत हार भेंट किए हैं। इन हारों को बनाने में लगभग 55 ग्राम सोने के साथ हीरे, पन्ने और मोती जैसे कीमती रत्नों का उपयोग किया गया है। भक्त ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए सांवलियाजी को ये अनमोल तोहफे अर्पित किए।सांवलियाजी मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, बोर्ड सदस्य भैरूलाल सोनी, प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय नंदकिशोर टेलर और भेंट कक्ष प्रभारी शंकर लाल पाटीदार ने भक्त का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें सांवलियाजी की छवि, प्रसाद और उपरणा भेंट की। श्रद्धालु द्वारा किए गए इस अद्भुत दान से मंदिर की भव्यता में और निखार आया है। यह घटना सांवलियाजी में भक्तों के अटूट विश्वास और श्रद्धा का एक प्रमाण है।

Sanwariya Seth Temple News : श्री सांवलियाजी मंदिर में नए भंडार का निर्माण

Sanwariya Seth Temple News : श्री सांवलियाजी मंदिर में भक्तों की अटूट श्रद्धा का परिणाम है कि भगवान के भंडार में दान राशि लगातार बढ़ रही है। इस बढ़ती हुई राशि को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भगवान के सामने लगे पुराने भंडार के स्थान पर एक नया और बड़ा भंडार बनाने का निर्णय लिया है। मंदिर प्रशासन द्वारा लकड़ी का एक नया भंडार बनवाया गया है, जिस पर चांदी के पतरे चढ़ाए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए मंदिर के कोषागार से करीब डेढ़ क्विंटल चांदी के पतरे और कीलियां निकालकर कारीगरों को सौंपे गए हैं। मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडीएम प्रशासन प्रभा गौतम के निर्देशानुसार कारीगर इस समय भंडार पर चांदी के पतरे चढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में श्री सांवलियाजी के समक्ष स्थापित मुख्य भंडार भी सागवान की लकड़ी से निर्मित है, जिस पर चांदी के पतले बेहद खूबसूरती से जड़े गए हैं। यह भंडार कला और श्रद्धा का एक अद्भुत संगम है। इसकी लंबाई लगभग 11 फीट, चौड़ाई 3.30 फीट और ऊंचाई 3 फीट है। मंदिर प्रशासन की योजना इस भंडार को हटाकर आगे के खंभों के मध्य में स्थापित करने की है। यह बदलाव मंदिर के भव्य स्वरूप को और निखार देगा तथा भक्तों को एक नया अनुभव प्रदान करेगा। यह निर्णय भक्तों की श्रद्धा और विश्वास का प्रमाण है और यह भी दर्शाता है कि श्री सांवलियाजी मंदिर में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। Diamond necklace offered

Sanwariya Seth Mandir Mandfiya : सांवलियाजी मंदिर के भंडार निर्माण में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

Sanwariya Seth Mandir Mandfiya : श्री सांवलियाजी मंदिर में बन रहे नए भंडार के निर्माण कार्य को कोलीवाड़ा के सारस्वत कला केंद्र के कुशल कारीगर अंजाम दे रहे हैं। इस महत्वपूर्ण कार्य को सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए मंदिर प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। सुरक्षा प्रभारी भेरू गिरी गोस्वामी और निर्माण शाखा के महावीर सिंह चौहान लगातार निर्माण कार्य पर नजर रखे हुए हैं।निर्माण कक्ष में चार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो मुख्य कंट्रोल रूम से जुड़े हुए हैं। इन कैमरों के माध्यम से 24 घंटे निगरानी रखी जाती है। इसके अलावा, हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। शाम को जब निर्माण कार्य समाप्त हो जाता है तो मंदिर मंडल और निर्माणकर्ता फर्म द्वारा निर्माण कक्ष को डबल लॉक लगाकर सील कर दिया जाता है। इस तरह की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि यह महत्वपूर्ण धार्मिक कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो सके।

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