एक तलाकशुदा महिला पर मन आ गया तो बगैर शादी एक पुजारी लिव इन रिलेशनशिप में साथ रहने लगा। मिर्गी की बीमारी के चलते पत्नी आए दिन उसके साथ मारपीट व झगड़ा करती। इससे तंग होकर आक्रोशित पुजारी ने गला दबाकर प्रेमिका की निर्मम हत्या कर दी। फिर क्राइम पेट्रोल सीरियल के 1300 एपिसोड देखने के बाद प्रेमिका के शव को एक लोहे के ड्रम में डाल दिया। ऊपर ढक्कन लगा सीमेंट से बंद कर दिया, ताकि बदबू न आए। 2 साल शव ड्रम में पड़ा रहा, फिर क्षति विक्षत लाश को बाड़े में जला दिया और उसकी हडि्डयों को पीसने के बाद नदी में फेंक दी। वारदात के चार साल बाद एक अवैध हथियार के मामले में जब पुजारी को पुलिस ने पकड़ा तो प्रेमिका के ब्लाइंड मर्डर की रडार पर ले लिया। इस तरह प्रेमिका की हत्या करना कबूल कर लिया।
उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि प्रतापनगर थाना प्रभारी हिमांशुसिंह मय जाब्ते के प्रतापनगर चौराहे पर पहुंचे, जहां पर जिला विशेष शाखा के प्रभारी उप निरीक्षक देवेंद्रसिंह टीम के साथ वहां पर मिले। उस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती द्वार के पास एक संदिग्ध व्यक्ति खड़ा है, जिसके पास अवैध हथियार हो सकता है। इस पर पुलिस टीम ने पहुंचकर वहां खड़े केशवनगर, चन्दनवाड़ी के पास, भूपालपुरा, उदयपुर निवासी राहुलराज चतुर्वेदी (40) पुत्र ऋषि चतुर्वेदी को घेर लिया। पूछताछ करने पर वह घबरा गया और कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाया। बाद में पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली, तो उसके पास एक पिस्टल (देसी कट्टा) मिला, जिसका आरोपी के पास न तो लाइसेंस था और न ही कोई वैद्य दस्तावेज बता पाया। इस पर पुलिस ने उसे आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया और पिस्टल को जब्त कर लिया। फिर उसे थाने पर ले गए, जहां अवैध हथियार कहां से लाने के बारे में पूछताछ की तो आरोपी ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति देहलीगेट स्थित हनुमान मंदिर पर आया था, जिससे उसने लिया, वह उसे नहीं जानता। बताया कि वह देहलीगेट स्थित हनुमान मंदिर का पुजारी है।
पुलिस ने इस तरह किया प्रेमिका की हत्या का खुलासा
पुलिस ने जब उस मंदिर के आस पास के लोगों से पूछताछ की तो राहुलराज की अपराधिक गतिविधि के बारे में तो कोई जानकारी नहीं मिली, मगर एक तलाकशुदा महिला के साथ जाना बताया। इस पर पुलिस ने जब तलाकशुदा महिला के बारे में आरोपी राहुलराज से पूछताछ की, तो वह काफी घबरा गया। पुलिस ने सख्ती बरती तो आरोपी ने तलाकशुदा भानुप्रिया गोस्वामी की हत्या करना कबूल कर लिया। आरोपी ने बताया कि झाड़ोल, उदयपुर निवासी भानुप्रिया गोस्वामी शिवरात्रि के दिन 20 जुलाई 2019 को हनुमानजी मंदिर में आई और दो दिन से बच्चों के साथ खुद के भूखे होने की बात कहते हुए रोने लगी। इस पर उसने उसे नाश्ता व भोजन करवाया। महिला ने बताया कि उसके पति नारायण गिरी गोस्वामी ने मारपीट करते हुए घर से बाहर निकाल दिया। इस पर पुजारी ने उसे सांत्वना दी और बातों ही बातों में वह उसे साथ में रखने को तैयार हो गया। भानुप्रिया भी नारायणगिरी से तलाक लिए बिना ही साथ रहने को राजी हो गई। उसके बाद वह दोनों बच्चों के साथ भानुप्रिया को लेकर राजसमंद जिला मुख्यालय के पास सनवाड़ पहुंच गया, जहां पर सत्यनारायण पालीवाल के मकान का कमरा किराए लेकर पहले भी रह चुका था। वह चायपत्ति सैलिंग का कार्य राजसमंद में करता था। ऐसे में राहुलराज चतुर्वेदी ने फिर उसी मकान को किराए पर लेकर भानुप्रिया व दोनों बच्चों के साथ रहने लगा और चायपत्ति सैलिंग शुरू कर दी। इस बीच भानुप्रिया ने पति नारायणगिरी गोस्वामी से तलाक ले लिए और दहेज का सामान लेकर सनवाड़ आ गई। कोर्ट के आदेश पर उसके दोनों बच्चों को उसके पति नारायणगिरी गोस्वामी ने ही रख लिए। उसके बाद भानुप्रिया व राहुलराज चतुर्वेदी साथ राजीखुशी रहने लगे, मगर बाद में वह उससे रोज झगड़ा करने लगी और मारपीट भी कर देती। इस पर झगड़ा होने लगा। फिर भानुप्रिया ने राजनगर थाने में रिपोर्ट दी, तो पुलिस ने 15 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पाबंद भी किया। उसके बाद फिर साथ रहने लगे, मगर कुछ दिन बाद फिर वही झगड़ा शुरू हो गया। दिनभर चायपत्ती बेचने के बाद वह शाम को घर लौटता तो रोज पत्नी से झगड़ा होने लगा। इसके चलते 12 मई 2020 की शाम 8 बजे जब वह घर लौटा तो पत्नी भानुप्रिया किसी बात को लेकर झगड़ने लगे। लड़ते झगड़ते हुए रात के 2 बज गए, मगर वह शांत नहीं हुई। इस बीच उसकी पत्नी कपड़े धोने की लकड़ी लेकर उसे मारने लगी, तो उसने उसके हाथ पकड़कर नीचे गिरा दिया और आवेश में आकर भानुप्रिया का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
शव को ठिकाने लगाने के लिए क्राइम पेट्रोल के देखे 1300 एपिसोड
पुलिस पूछताछ में आरोपी राहुलराज चतुर्वेदी ने बताया कि भानुप्रिया की मौत होने के बाद वह काफी घबरा गया और शव को ठिकाने लगाने के लिए क्राइम पेट्रोल सीरियल के करीब 1300 एसिसोड देखे और शव को ठिकाने लगाने का आइडिया आया। फिर उसने पुराने लोहे को ड्रम को लाकर उसमें शव को डाल दिया। सुबह उठकर बाजार गया, जहां से सीमेंट का एक कट्टा लेकर आया और ढक्कन के ऊपर सीमेंट लगा दी, ताकि शव की बदबू न आए। उसके बाद बात आई गई हो गई और मकान मालिक से लेकर आस पड़ोस तक काे कानोकान कोई पता नहीं चला और आरोपी अपने रुटीन चाय बेचने के कामकाज में जुटा रहा।
कोरोनाकाल होने से लोगों ने भी ध्यान नहीं दिया
भानुप्रिया की हत्या 12 मई 2020 को हुई थी और उस वक्त ज्यादातर लोग एक दूसरे से दूरी बनाए हुए थे और लोगों से मेल मुलाकातें भी कम थी। ऐसे में राहुलराज ने प्रेमिका भानुप्रिया की हत्या कर शव को ड्रम में डाल दिया, मगर उससे मकान मालिक से लेकर आस पड़ोस के लोगों ने भी ज्यादा पूछताछ नहीं की।
मकान मालिक को पता चला, मगर वारदात को छिपाया
12 मई 2020 को भानुप्रिया की हत्या के बाद एक डेढ़ साल तक वह राजसमंद में ही चायपत्ती बेचने का कार्य करता रहा। बाद में कमरा खाली नहीं किया और वह उदयपुर चला गया। लंबे समय तक राहुलराज के वापस नहीं आने पर मकान मालिक ने उसे कॉल किया और किराए के लिए तकाजा किया। बार बार उगाही के बाद भी किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने सामान बाहर फेंकने के लिए कह दिया। फिर जब मकान मालिक ने उसके कमरे से सामान बाहर निकालने लगा, तब लोहे के ड्रम में से बदबू आने व संदिग्ध हालात लगे। इस पर फोन कर ड्रम के बारे में पूछा, तो राहुलराज खुद वहां पहुंच गया। फिर राहुलराज ने मकान मालिक को भानुप्रिया की हत्या कर शव ड्रम में डालने का सच बता दिया। मगर राहुलराज ने उससे मदद मांगी कि आप यह बात किसी को मत बताओ, वैसे भी अब कोई नहीं जानता। इस पर मकान मालिक ने मदद करते हुए भानुप्रिया की लाश को बाड़े में पहुंचाया, जहां पर कांटो व लकड़ियों के साथ उसे जला दिया।
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हडि्डयों को पीसकर नदी में फेंक दिया
राजसमंद के सनवाड़ में सत्यनारायण पालीवाल के मकान से शव को बाड़े में जलाने के बाद राहुलराज चतुर्वेदी ने बाड़े में जिस जगह पर उसकी प्रेमिका के शव को जलाया, वहां से उसकी हडि्डयां एकत्रित की। फिर उन हडि्डयों को पीसने के बाद बडारड़ा के पास बनास नदी में फेंक दी।
उदयपुर पुलिस आरोपी को लेकर पहुंची राजसमंद
पूछताछ में जब राहुलराज चतुर्वेदी ने प्रेमिका भानुप्रिया की हत्या कर शव ड्रम में रखने, जलाने, हडि्डया फेंकने व राजसमंद के सनवाड़ में सत्यनारायण पालीवाल के मकान में किराए पर रहने की बातें बताई। इस पर उदयपुर के प्रतापनगर थाना पुलिस आरोपी को लेकर राजसमंद पहुंच गई, जहां पर सत्यनारायण के मकान के उसी कमरे का परीक्षण किया, जहां पर एफएसएल टीम ने साक्ष्य जुटाए। हत्या व शव रखने पर खून के धब्बे मिले और बाड़े में शव को जलाने के स्थल से भी साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस ने मकान मालिक से लेकर आस पड़ोस के लोगों से भी पूछताछ की। साथ ही पुलिस ने भानुप्रिया की बहन रूचिका कर्ण को मौके पर बुलाकर पहचान कराई गई।
इस पुलिस टीम ने किया वारदात का खुलासा
- प्रतापनगर थाना प्रभारी हिमांशु सिंह
- जिला विशेष शाखा प्रभारी उप निरीक्षक देवेंद्रसिंह देवल
- हैड कांस्टेबल विक्रमसिंह
- हैड कांस्टेबल धर्मेन्द्रसिंह
- कांस्टेबल अनिल
- कांस्टेबल उपेंद्रसिंह
- कांस्टेबल रामनिवास
- कांस्टेबल रविन्द्र
- कांस्टेबल सीताराम
- कांस्टेबल उत्कर्ष