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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा की नहीं मानते कई मंत्री, इसलिए बार-बार सरकार व संगठन में टकराव

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जयपुर। प्रदेश में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांगे्रस सरकार पर एक बार फिर संकट गहरा गया है। मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और शिक्षा मंत्री एवं कांगे्रस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा की खुलेआम भिड़ंत के बाद सरकार और संगठन में अन्तर्कलह खुलकर सामने आ गया है। डोटासरा से नहीं बनने की वजह से कई मंत्री कांगे्रस संगठन के कार्यक्रमों को भी तव्वजो नहीं दे रहे हैं। इसी बात को लेकर कांगे्रस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री से शिकायत की और चेतावनी दी कि अगर मंत्रीगण संगठन का कार्य ठीक से नहीं करेंगे, तो वे मंत्रियों की शिकायत सीधे सोनिया गांधी से करेंगे। दरअसल इसकी एक वजह यह भी है कि गहलोत सरकार के अधिकांश मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी अध्यक्ष के तौर पर पचा नहीं पा रहे हैं और अध्यक्ष के तौर पर डोटासरा को असफल घोषित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। हैरत की बात तो यह है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से हाल ही में जितने भी सोशल मीडिया कैंपेन चलाए जा रहे हैं वो अखिल भारतीय कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके गहलोत सरकार के मंत्रियों ने संगठन के कामों से दूरी बनाई हुई है।

ये मंत्री नहीं मान रहे डोटासरा का कहना
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नि:शुल्क अभियान की मांग को लेकर चलाए गए अभियान से कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद, परसादी लाल मीणा, लालचंद कटारिया, शांति धारीवाल, राज्यमंत्री अर्जुन बामणिया, भंवरसिंह भाटी, राजेंद्र यादव और महेंद्र चौधरी है।

प्रदेशाध्यक्ष बनने की दौड़ वाले नेता दरकिनार होने से असंतोष
संगठन के कामकाज को मंत्रियों की ओर से असहयोग की एक वजह यह भी है कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के कार्यकाल के दौरान कई कैबिनेट मंत्री पीसीसी चीफ बनने की दौड़ में शामिल थे। इनमें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, लालचंद कटारिया और हरीश चौधरी जैसे मंत्री शामिल थे, लेकिन सियासी संकट के दौरान बदले हालातों के बीच कांग्रेस आलाकमान ने पीसीसी चीफ के पद पर गोविंद सिंह डोटासरा की ताजपोशी कर दी, जिससे के बाद अंदरखाने डोटासरा को लेकर मंत्रियों में असहयोग की मुहिम चल पड़ी है।

पार्टी की गतिवधियों पर नहीं दे रहे ध्यान
कांग्रेस कमेटी की ओर से नि:शुल्क वैक्सीनेशन की मांग को लेकर चलाए गए सोशल मीडिया अभियान अभियान को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद आठ मंत्रियों ने नि:शुल्क वैक्सीनेशन सोशल मीडिया अभियान से दूरी बनाए रखी। न तो उन्होंने कोई ट्वीट किया और ना ही कोई वीडियो संदेश पोस्ट किया। महंगाई के खिलाफ शुरू किए गए सोशल मीडिया कैंपेन में 13 मंत्रियों ने अभियान से दूरी बनाई हुई थी, जिसके बाद से ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा नाराज थे और उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन पर मंत्रियों की शिकायत की थी। यही वजह है कि वैक्सीनेशन अभियान को लेकर मुख्यमंत्री ने सभी को इस अभियान से जुडऩे के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके कई मंत्रियों ने वैक्सीनेशन अभियान से पूरी तरह दूरी बनाए रखी।

अगले सप्ताह दिल्ली जाएंगे डोटासरा!
विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अगले सप्ताह इस मामले को लेकर दिल्ली जा सकते हैं और प्रदेश प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से व्यक्तिगत मुलाकात करके भी मंत्रियों की शिकायत कर सकते हैं।

इसलिए डोटासरा से भिड़ गए धारीवाल
वहीं दूसरी ओर बुधवार रात तक चली मंत्रिपरिषद में बैठक में डोटासरा के द्वारा मुख्यमंत्री से मंत्रियों की शिकायत करने के बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और डोटासरा के बीच जमकर भिड़ंत हुई थी। दोनों ने एक दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली थी। डो़टासरा ने मंत्रियों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि जब तक मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष हूं तब तक मेरी बात को मानना पड़ेगा तो वहीं धारीवाल ने यहां तक कह दिया था कि कई अध्यक्ष आए और चले गएए किसी की बात मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। दोनों के बीच बैठक में काफ देर तक तू.तूए मैं.मैं होती रही इसके बाद डोटासरा बैठक छोड़कर जाने लगे तो मुख्यमंत्री ने उन्हें वापस बुलाया है। डोटासरा इस बात से भी नाराज थे कि मुख्यमंत्री के समक्ष ही एक वरिष्ठ मंत्री पीसीसी चीफ को ही देख लेने की धमकी दे रहे हैं।

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