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मेघाखेड़ा के रास्ते में नया पेच, मौके पर विचित्र हालात, प्रशासन ने दिया नोटिस, कब निकलेगा रास्ते का रास्ता ?

Megakhera road https://jaivardhannews.com/questions-raised-by-the-administrations-action-in-the-road-dispute/

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

पीपली अहिरान पंचायत के मेघाखेड़ा में रास्ते को लेकर कई अनसुलझे सवाल मांग रहे जवाब

राजसमंद @ पीपली अहिरान पंचायत के मेघाखेड़ा गांव में रास्ते को लेकर नया पेच सामने आया है। पेमाखेड़ा- मेघाखेड़ा गांव की आवाजाही का रास्ता अभी खुला हुआ होकर लोगों की निर्बाध आवाजाही भी जारी है। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार खेत के बीच से रास्ता गुजर रहा है, जबकि कई वर्षों से 10-15 फीट दूरी उसी खातेदार के खेत से रास्ता खुला हुआ होकर ग्राम पंचायत उस पर ग्रेवल भी डलवा चुका है। जिस रास्ते को खेत के बीच में ही दस से पन्द्रह फीट इधर उधर खिसकाने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जा रही है, वहां फिलहाल रास्ता बहाल है, जबकि ग्रामीण जिस पर जगह रास्ते की मांग कर रहे हैं, वह जगह निजी खातेदार की होकर मामला पहले से एसडीएम कोर्ट, एडीएम कोर्ट और हाईकोर्ट में विचाराधीन है। साथ ही ग्राम पंचायत पीपली अहिरान द्वारा भी निजी खेत व नाले में सड़क बनाने का टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जबकि ग्राम पंचायत द्वारा न तो सड़क के लिए जगह का अधिग्रहण किया और न ही खातेदार से सड़क के लिए कोई सहमति पत्र ही लिया। इससे ग्राम पंचायत पीपली अहिरान की भूमिका भी संदेह के दायरे में आ गई है। इससे मेघाखेड़ा गांव के कुछ परिवारों के आवाजाही को लेकर समस्या उत्पन्न हुई है। ग्रामीणों की मांग, प्रशासन की कार्रवाई और मौके के हालात को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर सही कौन है और गलत कौन।

जानकारी के अनुसार मेघाखेड़ा के ग्रामीणों ने 16 मार्च सुबह जिला कलक्ट्री पहुंचकर धरना दिया और भंवरसिंह चुंडावत के खेत पर दक्षिण दिशा में बंद रास्ते को खोलने की मांग उठाई, जो मामला पहले से ही उपखंड मजिस्ट्रेट व अतिरिक्त जिला कलक्टर मजिस्ट्रेट और हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जिस जगह ग्रामीण रास्ता खुलवाने की मांग है, उसके पास नाले में ग्राम पंचायत पीपली अहिरान द्वारा नाला निर्माण के लिए नींव खोदकर कुछ निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया, जबकि मौके पर न तो सरकारी जमीन है और न ही निजी खातेदार से सड़क बनाने के लिए सहमति ली। उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रशासन द्वारा भी कोई दखल नहीं की गई। हालांकि खेत के दूसरे छोर पर जहां पर पेमाखेड़ा- मेघाखेड़ा गांव में आवाजाही का रास्ता खुला हुआ है, जहां से ग्रामवासी पैदल, बाइक, कार व ट्रेक्टर की आवाजाही हो रही है। मेघाखेड़ा गांव में रास्ता राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार उसी खेत में कुछ दूरी आगे खड़ी फसल से होकर गुजर रहा है, जबकि मौके पर भी रास्ता उसी खेत से खुला हुआ है। अगर यह रास्ता दूसरी जगह है, तो फिर निजी खातेदार की जमीन से गुजर रहे उस रास्ते पर ग्राम पंचायत पीपली अहिरान द्वारा ग्रेवल सड़क का निर्माण कैसे कर दिया गया। इससे तत्कालीन सरपंच और ग्राम विकास अधिकारियों की भूमिका ही सवालों के घेरे में आ गई है। साथ ही खड़ी फसल नष्ट कर मौजूदा रास्ते को उसी खेत में कुछ दूरी पर शिफ्ट करने से क्या लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा, यही यक्ष सवाल उठ रहा है। इससे अब इस पूरे मामले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं।

जिला परिषद सदस्य व खातेदार एक दूजे पर लगा रहे आरोप

मेघाखेड़ा गांव के रास्ते को लेकर ग्रामीणों से ज्यादा रंजिश जिला परिषद सदस्य लेहरूलाल अहीर और खेत मालिक भंवरसिंह के परिवार के बीच प्रतीत हो रही है। क्योंकि दोनों के द्वारा एक दूसरे पर जबरन रास्ता खुलवाने, मनमानी करने के आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि ग्रामीण इतने उत्तेजित नहीं मिले। निजी आपसी विवाद को गांव का मुद्दा बनाने का सवाल भी उठ रहा है। दोनों के द्वारा एक दूसरे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग प्रशासन से की जा रही है।

ये सवाल मांग रहे जवाब

रास्ता खोलने के लिए दे दिया नोटिस

राजस्व रिकॉर्ड में जिस जगह मेघाखेड़ा- पेमाखेड़ा रास्ता दर्ज है, उस जगह पर खेती हो रही है। उक्त रास्ते को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नोटिस दे दिया और तीन दिन में स्वत: अतिक्रमण नहीं हटने पर प्रशासन द्वारा सोमवार को अतिक्रमण हटाया जाएगा। फिलहाल मैं राजस्व खेलकूद प्रतियोगिता में व्यस्त हूं और सोमवार को आने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।

शंकरलाल, तहसीलदार कुंवारिया
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