
Rain Alert : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले 3 दिन यानी 12 से 14 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम अचानक करवट ले सकता है। चक्रवातीय गतिविधियों के चलते कई राज्यों में भारी बारिश, तेज आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने विशेषकर उत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत, दक्षिण भारत और मध्य भारत के कई हिस्सों को अलर्ट मोड में रखा है।
Cyclone Alert : दिल्ली हवाई अड्डे पर 12 अप्रैल, 2025 को हुई उड़ान देरी ने न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ाई, बल्कि हवाई यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमियों को भी उजागर किया। मौसम की अनिश्चितता और रनवे की सीमित उपलब्धता ने स्थिति को और जटिल बना दिया। हालांकि, हवाई अड्डा प्रबंधन और एयरलाइंस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन यात्रियों की नाराजगी और अव्यवस्था को पूरी तरह रोका नहीं जा सका।
राजस्थान में अनेक जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट
IMD Weather Alert : अगले कुछ दिन देश के लिए मौसम की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी की गई यह चेतावनी आम जनता, किसानों और प्रशासन के लिए सतर्क रहने का संकेत है। तेज हवाएं, बिजली, बारिश और ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए अभी से तैयारी जरूरी है। मौसम विभाग ने राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों के लिए 72 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड-हिमाचल और उत्तर भारत
Weather Alert : उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 12 अप्रैल को गरज-चमक के साथ तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटा) के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी क्षेत्रों— जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हल्की बारिश हो सकती है। इन इलाकों में धूलभरी आंधी चलने की संभावना है, जिससे विजिबिलिटी पर असर पड़ सकता है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
पूर्वोत्तर भारत में 7 दिन मौसम का कहर
Mausam Big Update : पूर्वोत्तर राज्यों जैसे असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम में अगले 7 दिनों तक गरज-चमक और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। विशेष रूप से 12 और 14 अप्रैल को असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में तेज बारिश की संभावना है। यात्रियों और किसानों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि तेज हवाएं और बिजली गिरने की घटनाएं सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
मध्य भारत और महाराष्ट्र में गरज के साथ बारिश
Heavy Rainfall Alert : मध्य भारत के राज्यों जैसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ साथ ही महाराष्ट्र के मैदानी क्षेत्रों में 12 से 14 अप्रैल के बीच गरज के साथ हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान है। मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को तेज बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 50-60 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।
ओलावृष्टि और धूलभरी आंधी भी संभव
Cyclone Warning IMD : मौसम विभाग के अनुसार, 12 अप्रैल को उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना है। वहीं, झारखंड में 15 अप्रैल को ओले गिर सकते हैं। पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 12 अप्रैल को धूलभरी आंधी का खतरा भी है। ऐसे में आमजन को घर से निकलते वक्त मौसम अपडेट जरूर चेक करने की सलाह दी जा रही है।
दक्षिण भारत में 5 दिन बारिश संभव
Rain Forecast : दक्षिण भारत के राज्यों—तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी, कराईकल, तेलंगाना, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और रायलसीम में अगले 3 से 5 दिनों तक गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ बारिश होने की संभावना है। केरल और माहे में अगले 5 दिनों तक गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटा) चल सकती हैं और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों में भी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
ओडिशा और बंगाल-गंगा क्षेत्र भी निशाने पर
Weather Forecast : ओडिशा में 14 और 15 अप्रैल को भारी बारिश हो सकती है। वहीं, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 12 अप्रैल को गरज और बिजली के साथ मध्यम बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति भी बन सकती है।
राजस्थान में अनेक जिलों में आंधी और बारिश का अलर्ट : मौसम विभाग का अलर्ट है कि देशभर में चक्रवात का असर है, जिसके कई राज्यों में बारिश, आंधी तूफान व ओलावृष्टि हो सकती है। ऐसे में आमजन को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। वरना किसी मुसीबत में फस सकते हैं।
दिल्ली हवाई अड्डे पर 350 से ज्यादा उड़ाने प्रभावित
Thunderstorm Warning : दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA), जो देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, शनिवार, 12 अप्रैल, 2025 को उस समय अव्यवस्था के दौर से गुजरा, जब हवाई यातायात की भीड़भाड़ के कारण 350 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। यह स्थिति शुक्रवार शाम को आए धूल भरे तूफान और प्रतिकूल मौसम की वजह से शुरू हुई, जिसका असर अगले दिन भी देखने को मिला। यात्रियों को लंबी प्रतीक्षा, उड़ान रद्द होने, और अनिश्चितता का सामना करना पड़ा, जिसने उनकी यात्रा योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया।
delhi airport 350 flights delayed : दिल्ली हवाई अड्डे पर 12 अप्रैल, 2025 को हुई उड़ान देरी ने न केवल यात्रियों की परेशानी बढ़ाई, बल्कि हवाई यातायात प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की कमियों को भी उजागर किया। मौसम की अनिश्चितता और रनवे की सीमित उपलब्धता ने स्थिति को और जटिल बना दिया। हालांकि, हवाई अड्डा प्रबंधन और एयरलाइंस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन यात्रियों की नाराजगी और अव्यवस्था को पूरी तरह रोका नहीं जा सका। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर योजना और समन्वय की जरूरत होगी।
दिल्ली हवाई अड्डे पर यूं प्रभावित हुई उड़ाने
शुक्रवार, 11 अप्रैल की शाम को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अचानक मौसम ने करवट ली। तेज धूल भरे तूफान और हल्की बारिश ने न केवल सड़क यातायात को प्रभावित किया, बल्कि हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन को भी ठप कर दिया। खबरों के अनुसार, इस दौरान 15 से अधिक उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों की ओर मोड़ना पड़ा, जबकि कई उड़ानें रद्द कर दी गईं। मौसम की मार ने हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) पर भारी दबाव डाला, क्योंकि कम दृश्यता और तेज हवाओं ने टेकऑफ और लैंडिंग को जोखिम भरा बना दिया था। शनिवार को स्थिति में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन शुक्रवार की अव्यवस्था का असर पूरे नेटवर्क पर पड़ा। दिल्ली हवाई अड्डे पर केवल तीन रनवे ही संचालित हो रहे थे, क्योंकि एक रनवे रखरखाव के लिए बंद था। इस कमी ने उड़ानों के समयबद्ध संचालन को और कठिन बना दिया। फ्लाइटरडार24.कॉम के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को उड़ान प्रस्थान में औसत देरी 40 मिनट से अधिक थी, और कुछ मामलों में यह एक घंटे से भी ज्यादा हो गई।
यात्रियों का अनुभव: इंतजार और निराशा
Mosam : हवाई अड्डे पर मौजूद यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा और परेशानी व्यक्त की। कई लोगों ने बोर्डिंग गेट पर लंबी कतारों और टर्मिनल में भीड़ की तस्वीरें साझा कीं। एक यात्री ने लिखा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर स्थिति बहुत खराब है। तीन घंटे से इंतजार कर रहा हूं, और कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही कि उड़ान कब उड़ेगी।” एक अन्य यात्री ने बताया कि उनकी उड़ान को बार-बार स्थगित किया गया, जिसके कारण वह अपनी महत्वपूर्ण मीटिंग में नहीं पहुंच सके।
सामाजिक मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में हवाई अड्डे के कर्मचारियों को यात्रियों के सवालों का जवाब देते और स्थिति को संभालने की कोशिश करते देखा गया। हालांकि, यात्रियों की संख्या और उनकी नाराजगी ने कर्मचारियों के लिए स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल बना दिया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के वरिष्ठ अधिकारियों और हवाई अड्डा प्रबंधन ने स्थिति पर नजर रखी और यात्रियों की शिकायतों का जवाब देने की कोशिश की।
हवाई अड्डा प्रबंधन और एयरलाइंस की प्रतिक्रिया
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) ने शनिवार दोपहर एक बयान जारी कर कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन शुक्रवार रात की मौसम की स्थिति के कारण कुछ उड़ानें अभी भी प्रभावित हैं। हमारी जमीन पर मौजूद टीमें और सभी हितधारक यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।”
प्रमुख एयरलाइंस जैसे इंडिगो और एयर इंडिया ने भी यात्रियों के लिए सलाह जारी की। इंडिगो ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “दिल्ली में चल रही हवाई यातायात की भीड़ के कारण उड़ानों को टेकऑफ और लैंडिंग की मंजूरी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, नेटवर्क में कुछ अन्य उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं।” वहीं, एयर इंडिया ने यात्रियों को सलाह दी कि वे अपनी उड़ान की स्थिति नियमित रूप से जांचते रहें, क्योंकि मौसम और भीड़भाड़ के कारण और व्यवधान हो सकते हैं।
क्या थीं देरी की मुख्य वजहें?
दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ानों में देरी के कई कारण एक साथ सामने आए। पहला, शुक्रवार का धूल भरा तूफान और बारिश, जिसने उड़ान संचालन को शुरू में बाधित किया। दूसरा, एक रनवे का रखरखाव के लिए बंद होना, जिसके कारण हवाई अड्डे की क्षमता सीमित हो गई। तीसरा, हवाई यातायात नियंत्रण पर बढ़ता दबाव, क्योंकि उड़ानों की संख्या और मौसम की अनिश्चितता ने स्थिति को जटिल बना दिया। इसके अलावा, दिल्ली हवाई अड्डा प्रतिदिन लगभग 1,200 उड़ानों को संभालता है, और किसी भी व्यवधान का असर पूरे नेटवर्क पर पड़ता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली हवाई अड्डे की क्षमता और बुनियादी ढांचे पर बढ़ता दबाव भी इस तरह की घटनाओं को बार-बार होने का कारण बन रहा है। विमानन विशेषज्ञ मार्क डी. मार्टिन ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि तीन रनवे वाले दिल्ली जैसे हवाई अड्डे पर इतनी देरी हो रही है। टर्मिनल की भीड़ और रनवे की सीमित उपलब्धता इस समस्या को और बढ़ा रही है।”
यात्रियों के लिए सबक और संभावनाएं
इस घटना ने एक बार फिर हवाई यात्रा से जुड़ी अनिश्चितताओं को उजागर किया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान से पहले मौसम की स्थिति और हवाई अड्डे की ताजा जानकारी जरूर जांच लें। एयरलाइंस और हवाई अड्डा प्रबंधन को भी संचार को और पारदर्शी बनाने की जरूरत है, ताकि यात्रियों को समय पर सही जानकारी मिल सके।
दिल्ली हवाई अड्डा प्रबंधन ने बताया कि बंद रनवे को सितंबर तक फिर से चालू कर दिया जाएगा, और इसे कम दृश्यता की स्थिति में उड़ान संचालन के लिए उन्नत किया जा रहा है। यह कदम विशेष रूप से दिल्ली की सर्दियों में होने वाली धुंध की समस्या से निपटने में मददगार होगा। हालांकि, मौजूदा स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे का बुनियादी ढांचा बढ़ती मांग को संभालने के लिए पर्याप्त है।
क्या करें, क्या न करें: सुरक्षा के लिए ज़रूरी सुझाव
- बिजली गिरने के समय खुले मैदान या पेड़ों के नीचे न जाएं।
- आंधी-तूफान के दौरान छतों पर या ऊंची इमारतों पर न चढ़ें।
- मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग सावधानी से करें।
- किसान फसलों की सुरक्षा के लिए पक्के इंतज़ाम करें।
- यात्रा पर निकलने से पहले मौसम का ताज़ा अपडेट जरूर लें।